इंदौर। मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश के बाद इंदौर पुलिस लगातार माफियाओं पर अपना शिकंजा कस रही है. इसी कड़ी में इंदौर पुलिस ने भूमाफिया के ऊपर पिछले दिनों कई तरह की कार्रवाई की है. वहीं भू माफियाओं को किसी तरह की कोई राहत ना मिले इसको देखते हुए इंदौर आईजी ने एक गाइडलाइन जारी की है. जिससे आने वाले समय में भू माफियाओं पर इंदौर पुलिस का शिकंजा और कड़ा हो सकता है.
जानिए क्या है गाइडलाइन
इंदौर आईजी विवेक शर्मा ने एक गाइडलाइन जारी की है. गाइडलाइन के तहत FIR के पंजीयन के समय आवेदक से विशेष रुप से पूछताछ की जाए. ऐसा करते समय धाराओं का समावेश अच्छी तरीके से किया जाए. वही जिस भी संबंधित भू माफिया के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जा रहा है उसके संबंध में थाना प्रभारी सीएसपी और अन्य अधिकारी उसकी अच्छे से जांच करें. उसमें पीड़ित व्यक्ति के बयानों के साथ ही अन्य लोगों के भी बयान दर्ज हो. जिससे की प्रकरण दर्ज होने के बाद संबंधित व्यक्ति शिकायतकर्ता से समझौता कर दोष मुक्त ना हो जाए. इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि जिस भी व्यक्ति के खिलाफ प्रकरण दर्ज हो रहा है उस व्यक्ति के खिलाफ पर्याप्त सबूत और अन्य दस्तावेज हो.
पासपोर्ट किया जाये जब्त
वही आईजी विवेक शर्मा ने ये भी गाइडलाइन जारी की है कि यदि कोई भूमाफिया फरार है तो उसके संबंध में उसकी चल अचल संपत्ति का पता लगाकर उन पर धारा 82, 83 की कार्रवाई की जाए. उनके पासपोर्ट जब्त किए जाए. उनके विरुद्ध लुकआउट नोटिस सर्कुलर भी जारी किया जाए.
अपराधी के सामने पुलिस की पकड़ कमजोर ना पड़े
बता दें हर अपराध के 45 दिन बीत जाने के बाद लोक अभियोजन कार्यालय में इस संबंध में दस्तावेजों की जांच करवाई जाए. जिससे यह जानकारी लग जाए कि दस्तावेजों में कोई विसंगतियां है या नहीं और यदि जांच के दौरान किसी तरह की कोई विसंगतियां सामने आएं तो उसको सुधार कर कोर्ट के सामने प्रस्तुत किया जाए. जिससे कि भू माफिया पर पुलिस की पकड़ कमजोर ना पड़े और उसे सजा मिल सके.
वही आईजी विवेक शर्मा का ये भी कहना है कि यदि कोई भूमाफिया या माफिया किसी संबंध में कोर्ट के समय जमानत याचिका प्रस्तुत करें तो इसकी जानकारी शिकायतकर्ता या उसके संबंधित अन्य लोगों तक जरूर पहुंचायी जाए जिससे कि शिकायतकर्ता कोर्ट के समक्ष उपस्थित होकर भूमाफिया या संबंधित के खिलाफ जमानत पर आपत्ति ले सके.