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कास्ट सर्टिफिकेट नहीं दिखाने पर नहीं मिला एडमिशन, कोर्ट ने मांगे जवाब

इंदौर में NEET एग्जाम क्लीयर करने के बाद भी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं पर छात्र ने याचिका दर्ज की थी. जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा विभाग से जवाब मांगे हैं.

indore high court bench
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Published : Jan 17, 2021, 10:50 PM IST

इंदौर। NEET जैसे कठिन एग्जाम में एक छात्र ने ज्यादा अंक लाए उसके बावजूद उसे मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया, क्योंकि छात्र के पास आरक्षित वर्ग का सर्टिफिकेट नहीं था. ऐसे में छात्र ने हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई में इंदौर हाईकोर्ट खंडपीठ ने छात्र के तर्क सुनने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर सवालों के जवाब मांगे हैं.

कास्ट सर्टिफिकेट नहीं दिखाने के कारण नहीं दिया प्रवेश

छात्र ऋतिक नागर ने NEET का एग्जाम दिया गया था, उस परीक्षा में ऋतिक ने 534 अंक हासिल किए गए थे. ऋतिक ने ओबीसी श्रेणी में आवेदन किया था. लेकिन इतने ज्यादा अंक लाने के बाद भी उसे मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया. जब वह कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए गया तो वहां पर अपनी ओर से आरक्षित वर्ग का सर्टिफिकेट प्रस्तुत नहीं कर पाया, जिस कारण उसे मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया.

पढ़ें- पर्यवेक्षक के सामने कांग्रेसियों में जमकर मारपीट, दो अस्पताल में भर्ती

इस पूरे मामले को लेकर ऋतिक नागर ने इंदौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका के जरिए उसने अलग-अलग तरह के तर्क भी कोर्ट के समक्ष रखें. इसके बाद कोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर पूछा कि जब परीक्षार्थी अनारक्षित वर्ग के परीक्षार्थियों से ज्यादा अंक लाया तो उसे प्रवेश क्यों नहीं दिया गया. इस पूरे मामले में कोर्ट ने यह भी कहा कि यह सीट याचिका के अंतिम निराकरण के अधीन रहेगी.

इंदौर। NEET जैसे कठिन एग्जाम में एक छात्र ने ज्यादा अंक लाए उसके बावजूद उसे मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया, क्योंकि छात्र के पास आरक्षित वर्ग का सर्टिफिकेट नहीं था. ऐसे में छात्र ने हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई में इंदौर हाईकोर्ट खंडपीठ ने छात्र के तर्क सुनने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर सवालों के जवाब मांगे हैं.

कास्ट सर्टिफिकेट नहीं दिखाने के कारण नहीं दिया प्रवेश

छात्र ऋतिक नागर ने NEET का एग्जाम दिया गया था, उस परीक्षा में ऋतिक ने 534 अंक हासिल किए गए थे. ऋतिक ने ओबीसी श्रेणी में आवेदन किया था. लेकिन इतने ज्यादा अंक लाने के बाद भी उसे मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया. जब वह कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए गया तो वहां पर अपनी ओर से आरक्षित वर्ग का सर्टिफिकेट प्रस्तुत नहीं कर पाया, जिस कारण उसे मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया.

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इस पूरे मामले को लेकर ऋतिक नागर ने इंदौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका के जरिए उसने अलग-अलग तरह के तर्क भी कोर्ट के समक्ष रखें. इसके बाद कोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर पूछा कि जब परीक्षार्थी अनारक्षित वर्ग के परीक्षार्थियों से ज्यादा अंक लाया तो उसे प्रवेश क्यों नहीं दिया गया. इस पूरे मामले में कोर्ट ने यह भी कहा कि यह सीट याचिका के अंतिम निराकरण के अधीन रहेगी.

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