इंदौर। प्रदेश में हवाई सेवाओं के विस्तार के साथ औद्योगिक हब पीथमपुर देवास औ इंदौर के व्यवसाय को एयर कनेक्टिविटी देने के लिए चर्चा में आए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का सपना नागरिक उड्डयन मंत्रालय की असहमति के बाद चकनाचूर हो गया है. हालांकि मुख्यमंत्री के स्तर पर अभी भी ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट को लेकर दावे किए जा रहे हैं. देश में अलग-अलग स्थानों पर 21 ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट तैयार करने को मिली केंद्र सरकार की सैद्धांतिक सहमति के बाद देवास जिले के चापड़ा में कमलनाथ सरकार ने 2019-20 में अपने कार्यकाल के दौरान इंदौर और भोपाल के बीच ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के प्रोजेक्ट पर विचार करते हुए इस प्रस्तावित एयरपोर्ट की घोषणा की थी.
सरकार का प्रस्ताव: सरकार बदलने पर 2 साल बाद उद्योग मंत्री राजवर्धन दत्तीगांव ने भी इस एयरपोर्ट के प्रोजेक्ट को गति देने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी के तत्कालीन चेयरमैन संजीव कुमार से चर्चा भी की थी. इस चर्चा के बाद एयरपोर्ट घाटी की एक टीम ने उद्योग विभाग के साथ इंदौर पहुंचकर बैठक भी की थी. लिहाजा उद्योग विभाग ने मामले की एक डीपीआर एविएशन एक्सपर्ट मनीष सिन्हा ने तैयार कर राज्य शासन को सौंपी थी. इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार देवास जिले के चापड़ा में 2100 हेक्टेयर भूमि पर ग्रीन फील्ड हवाई अड्डा तैयार करने का प्रस्ताव था. इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया के लिए करीब 751 करोड़ रुपए का भी निर्धारण हो गया था.
नागरिक उड्डयन मंत्री सिंधिया जवाब: औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग ने 47 लाख रुपए खर्च करते हुए एयरपोर्ट अथॉरिटी से एयरपोर्ट का सर्वे भी कराया था. माना जा रहा था कि जल्द ही एयरपोर्ट का कार्य शुरू होगा. इसी दौरान एयरपोर्ट अथॉरिटी ने सर्वे के दौरान सवाल उठाया था कि प्रस्तावित एयरपोर्ट सरकारी खर्चे पर बनेगा या पीपीपी मोड पर इस पर राज्य सरकार कुछ भी स्पष्ट नहीं कर पाई थी. हाल ही में राज्यसभा में आए एक सवाल के जवाब में 13 मार्च को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया कि देवास जिले के चापड़ा अथवा अन्य किसी स्थान पर मध्य प्रदेश सरकार से ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट तैयार करने के लिए कोई भी डीपीआर अथवा प्रस्ताव नहीं मिला है. सिंधिया के जवाब के बाद प्रदेश में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का सपना चकनाचूर होता नजर आ रहा है.
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राज्य शासन ने किया स्पष्ट: औद्योगिक नीति एवं निवेश मंत्री राज्यवर्धन दत्तीगांव का कहना है कि राज्य शासन की ओर से जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी को बचाने के बाद सर्वे की राशि भी दे दी थी इसलिए अब एयरपोर्ट अथॉरिट को तय करना है कि वह ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट कहां बनाते हैं. मामले के फिर सुर्खियों में आते ही हाल ही में राज्य शासन की ओर से स्पष्ट किया गया कि ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का प्रस्ताव शासन की प्रक्रिया में हैं यह बात और है कि अब उद्योग विभाग के अधिकारी इस मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. इधर इस मामले में किसान भी फिलहाल एयरपोर्ट के लिए अपनी जमीनें देने को लेकर सहमत नहीं है.
इंदौर उज्जैन के सांसद भी सक्रिय: देवास में एयरपोर्ट का प्रस्ताव खारिज होने की स्थिति में उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया इस एयरपोर्ट को इंदौर उज्जैन के बीच शिफ्ट करने के लिए सक्रिय हैं. इंदौर सांसद शंकर लालवानी की दलील है कि यदि ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट देवास में नहीं बना तो उसके स्थान पर इंदौर एयरपोर्ट का विस्तार किया जा सकता है. जिससे कि इंदौर के अलावा पीथमपुर देवास के इंडस्ट्रियल सेक्टर को ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी मिल सकती है. इधर माना जा रहा है कि अब उद्योग नीति मंत्री राज्यवर्धन दत्तीगांव ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट को धार जिले में बनवाना चाहते हैं जिसे लेकर वे भी अपने स्तर पर प्रयासरत हैं.