इंदौर। शहर के एरोड्रम थाना क्षेत्र के विजय श्रीनगर में रहने वाले अकाश बडिया ने चंदन नगर थाना प्रभारी दिलीप पुरी एवं सब इंस्पेक्टर विकास शर्मा से प्रताड़ित होकर आत्महत्या कर ली थी. इस पूरे मामले में मृतक आकाश ने सुसाइड नोट भी अपने मोबाइल के स्टेटस पर रखा था. जिसमें उसने थाना प्रभारी दिलीप पुरी और विकास शर्मा के नाम का उल्लेख किया था. इस पूरे मामले में पुलिस ने जांच करने के बाद थाना प्रभारी दिलीप पुरी एवं सब इस्पेक्टर विकास शर्मा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. इसको देखते हुए मृतक के भाई विकास ने याचिका जिला कोर्ट में दायर की.
हाई कोर्ट से लगी निराशा : जिला कोर्ट ने पूरे मामले को सुनने के बाद थाना प्रभारी दिलीप पुरी एवं सब इंस्पेक्टर विकास शर्मा के खिलाफ करीब 20 धाराओं में प्रकरण दर्ज करने के आदेश पुलिस को दिए, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस ने इस पूरे मामले में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की. वहीं आरोपी थाना प्रभारी और सब इंस्पेक्टर इंदौर हाईकोर्ट गए. इंदौर हाई कोर्ट में विभिन्न तरह के तर्क रखते हुए आदेश को रद्द करने की मांग की गई. लेकिन इंदौर हाई कोर्ट ने थाना प्रभारी और सब इंस्पेक्टर की मांग को खारिज कर दिया.
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कोर्ट ने जारी किया नोटिस : इसके बाद मृतक आकाश के भाई विकास ने जिला कोर्ट में याचिका दायर करते हुए मांग की कि कोर्ट के आदेश के बाद भी एससी एसटी एक्ट के तहत थाना प्रभारी और सब इंस्पेक्टर पर पुलिस के द्वारा किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. इसके बाद कोर्ट ने इस पूरे मामले में अवमानना का नोटिस थाना प्रभारी को जारी किया. जैसे ही एससी एसटी थाना प्रभारी को कोर्ट द्वारा नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया तो मामले की जानकारी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को लगी. इसके बाद आनन-फानन में थाना प्रभारी दिलीप पुरी व सब इंस्पेक्टर विकास शर्मा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का साथ ही विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया.