इंदौर। विजय नगर थाने पर सालों से थाना प्रभारी के स्पेशल स्क्वाड में आरक्षक पद पर नौकरी कर रहे एक पुलिसकर्मी के खिलाफ एसटीएफ ने प्रकरण दर्ज किया था. इस पूरे ही मामले में जब एसटीएफ ने धोखाधड़ी का प्रकरण आरोपी आरक्षक के खिलाफ दर्ज किया. उसके बाद डीसीपी अभिषेक आनंद ने आरोपी आरक्षक धर्मेंद्र शर्मा को सस्पेंड कर दिया है और वहीं पुलिस ने इस पूरे मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
बता दें पिछले दिनों एसटीएफ ने आरक्षक के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था और उसको गिरफ्तार करने के लिए थाने पर पहुंची थी, लेकिन पूरे ही मामले में पुलिस की बदनामी के डर से एसटीएफ ने उसे नोटिस देकर छोड़ दिया था. इसके बाद भी आरोपी आरक्षक एसटीएफ के समक्ष पेश नहीं हुआ तो एसटीएफ ने पुलिस कमिश्नर से पत्राचार कर पूरे मामले की जानकारी मांगी. पुलिस कमिश्नर ने डीसीपी अभिषेक आनंद को पूरे मामले में एसटीएफ को पत्राचार कर आरक्षक के बारे में जानकारी दी. उसके बाद एसटीएफ ने जब मामले में जानकारी दी तो डीसीपी अभिषेक आनंद ने आरक्षक धर्मेंद्र शर्मा को सस्पेंड कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
ये है मामलाः आरोपी आरक्षक धर्मेंद्र शर्मा के खिलाफ उसके ही रिश्तेदार ने एसटीएफ को शिकायत करते हुए बताया था कि, ''धर्मेंद्र शर्मा मात्र पांचवी तक पढ़ा हुआ है और पुलिस की नौकरी उसे भाई के द्वारा एग्जाम देने के बाद मिली है. एसटीएफ ने जब इस मामले में जांच पड़ताल की, तो खुलासा हुआ कि आरोपी 5वीं तक पढ़ा हुआ है और पुलिस की एग्जाम उसके भाई ने दिया था. आरोपी आरक्षक ने गलत तरीके से नौकरी प्राप्त की है, उसी को देखते हुए उसके खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज हुआ था. इस पूरे मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की और आने वाले दिनों में कोई और व्यक्ति उसके खिलाफ शिकायत लेकर आएगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी."
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आरक्षक को किया सस्पेंडः डीसीपी अभिषेक आनंद ने बताया, "विजय नगर थाने क्षेत्र में आरक्षक के खिलाफ एसटीएफ द्वारा कार्रवाई करने का पता चला था, जिसे लेकर पुलिस ने एसटीएफ के साथ पत्राचार किया गया. मामले में पता चला कि ये आरक्षक 5वीं तक पढ़ाई करने के बावजूद आरक्षक बन गया, फिलहाल मामला उजागर होने के बाद आरक्षक को सस्पेंड कर दिया है और मामले की जांच की जा रही है."