इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर हाईकोर्ट बेंच ने गुफरान नाम के एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है. फिल्म पठान के दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जिस तरह से आपत्तिजनक नारे लगाए थे, इसी के विरोध में विभिन्न क्षेत्रों में मुस्लिम समाज के लोगों ने भी विरोध प्रदर्शन करते हुए आपत्तिजनक नारे लगाए थे. पुलिस ने गुफरान के खिलाफ भी कार्रवाई कर उसे सलाखों के पीछे पहुंचाया था. जिला कोर्ट से आरोपी की जमानत याचिका खारिज होने के बाद इंदौर हाई कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी, जिसे इंदौर हाईकोर्ट ने कई तर्कों के बाद खारिज कर दिया है.
आरोपी गुरफान ने किया था इंदौर हाईकोर्ट का रुख: फिल्म पठान के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में सड़क पर उतरकर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जिस तरह से आपत्तिजनक नारे लगाए थे. फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. हिंदू कार्यकर्ताओं के विरोध में गुफरान नाम के एक शख्स ने भी वीडियो में कई तरह की बातों का जिक्र करते हुए जमकर विरोध जताया था. जब यह वीडियो पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस ने इस पूरे मामले में गुफरान के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर उस गिरफ्तार किया था. वहीं आरोपी गुफरान ने जमानत को लेकर सबसे पहले जिला कोर्ट में याचिका लगाई थी. जिसे कोर्ट ने कई तर्कों के बाद खारिज कर दिया था. जिसके बाद गुरफान के वकील ने मामले को लेकर इंदौर हाई कोर्ट का रुख किया था.
कोर्ट ने खारिज की याचिका: गुरफान के वकील ने इंदौर हाईकोर्ट में जमानत को लेकर एक याचिका लगाते हुए आरोपी को मानसिक रोगी बताकर जमानत देने का आग्रह किया था. इस मामले में शासकीय अधिवक्ता तरुण पगारे के द्वारा विभिन्न तरह की जानकारी दी गई. साथ ही कोर्ट के सामने यह भी तर्क रखे कि जिस तरह से आने वाले दिनों में हिंदू और मुस्लिम दोनों समाजों के विभिन्न तरह के त्योहार है. जिस तरह से आज पश्चिम बंगाल सहित देशभर में विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है. उसको देखते हुए यदि गुफरान को जमानत दी जाती है तो निश्चित तौर पर शहर का माहौल खराब हो सकता है. अतः सरकारी वकील के तर्कों से सहमत होते हुए इंदौर हाई कोर्ट ने आरोपी गुरफान की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. फिलहाल मामले में कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.