इंदौर। जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि न्यायधीश ऋचा बठेजा ने थाना एमजी रोड के एक प्रकरण में आरोपी तुकाराम कुमावत को 1 वर्ष की सजा के साथ ही दो हजार रुपये के अर्थदंड से दण्डित किया गया है. मामले के अनुसार 11 सितंबर 2009 को प्रभारी उप निरीक्षक जीएस चौहान फोर्स के साथ डीआरपी लाइन से रवाना होकर जिला जेल पहुंचे. जहां से 79 पुरुष बंदी व 04 महिला बंदी कोर्ट में पेश करने के लिए लाए गए.
कैदियों को हवालात में रखा : इन कैदियों को जिला न्यायालय की हवालात में बंद कर दिया व चाबी आरक्षक चंचल सिंह के सुपुर्द की गई. वहीं प्रधान आरक्षक शाहवरदान द्वारा कोर्ट रूम क्रमांक 15 एडीजे सुरेश सिंह की अदालत से चपरासी द्वारा आरोपी मनोज का वारंट प्राप्त हुआ था. जिसके तहत आरक्षक तुकाराम कुमावत द्वारा हवालात से बंदी मनोज को निकालकर कोर्ट रूम क्रमांक 15 में पेश करने के लिए एक अन्य आरक्षक का नंबर लिखवाकर ले गया. इसके बाद आरक्षक तुकाराम बंदी मनोज के साथ गायब हो गया.
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लगातार तलाशा पुलिस ने : इसके बाद पुलिस ने आरोपी और आरक्षक की तलाश की लेकिन वह लगातार गायब रहे. वहीं इसके बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने आरक्षक भरत सिंह से पूछने पर बताया कि उसकी सेंट्रल जेल के बंदियों को पेश करने हेतु ड्यूटी थी. तुकाराम ने शाहवरदान को मेरा नाम गलत नोट कराया है तथा वह अकेले ही बंदी मनोज को हथकड़ी लगाकर कोर्ट रूम में पेश करने गया था. तुकाराम ने बंदी मनोज को वापस हवालात में जमा नहीं किया, जिसकी जांच उप-निरीक्षक जीएस चौहान व प्रभारी द्वारा की गयी. उसके बाद इस पूरे मामले में जांच पड़ताल कर आरोपी को गिरफ्तार उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर कोर्ट के समक्ष पेश किया, जहां कोर्ट ने विभिन्न पक्षों को सुनने के बाद आरोपी आरक्षक को सजा सुनाई.