इंदौर। कोरोना की तीसरी लहर (corona third wave in indore) के पहले ही इंदौर में हुई व्यापक तैयारियों के मद्देनजर अब यहां के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी. दरअसल, राज्य शासन और जिला प्रशासन की पहल पर जिले के अस्पतालों में करीब 45 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं. इन्हें मिलाकर अन्य तीन प्लांट से शहर की जरूरत के मुताबिक, ऑक्सीजन अस्पतालों में ही उपलब्ध हो सकेगी.
मंत्री ने की ऑक्सीजन उपलब्धता की समीक्षा
दरअसल, ओमीक्रॉन वायरस (omicron virus in indore) के संक्रमण की आशंका के चलते राज्य शासन ने प्रदेश के सभी अस्पतालों में चिकित्सा संसाधनों की समीक्षा के निर्देश दिए थे. लिहाजा, इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह एवं जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट (minister tulsi silavat review oxygen plant) ने शहर के प्रमुख अस्पतालों में ऑक्सीजन उपलब्धता की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने स्थानीय पीसी सेठी अस्पताल और ग्रेटर कैलाश अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट (oxygen plant in indore) की स्थिति का मुआयना भी किया.
बिजली की समस्या से जूझ रहे इंदौर के प्लांट
इस दौरान पाया गया इंदौर में 48 प्लांट बनने थे, जिनमें से सांवेर और देपालपुर के प्लांट में बिजली संबंधी समस्या है. इसके अलावा अन्य दो अस्पतालों में भी जल्दी प्लांट तैयार किए जाने हैं. लिहाजा, संबंधित अस्पतालों और स्वास्थ्य विभाग के अमले को निर्देश दिए गए कि तत्काल ऑक्सीजन निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाए. शेष अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट शुरू होने पर अब ऑक्सीजन बनना भी शुरू हो गई है. इनके प्लांट को और सुचारू रखने के निर्देश दिए गए हैं.
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इधर, संक्रमण एवं इलाज की वर्तमान स्थिति की जानकारी देते हुए कलेक्टर मनीष सिंह (indore collector manish singh) ने बताया कि इंदौर में फिलहाल करीब 11 हजार बेड उपलब्ध हैं. इनमें ऑक्सीजन की उपलब्धता भी है. इसके अलावा 2500 बेड बच्चों के लिए आरक्षित किए गए हैं, जिन्हें अस्पतालों में संक्रमण के लिहाज से तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि पिछली बार जब ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी थी, तब इंदौर में 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही थी, लेकिन अब वर्तमान में तैयार किए गए प्लांट से 68 से 70 मीट्रिक टन ऑक्सीजन इंदौर में ही तैयार हो रही है. अन्य जो प्लांट तैयार होंगे, उससे करीब 100 मीट्रिक ऑक्सीजन टन तैयार हो सकेगी. लिहाजा अब गुजरात या महाराष्ट्र लिक्विड ऑक्सीजन की जरूरत नहीं होगी.
3.50 लाख लोगों को लगेगी वैक्सीन
इंदौर में अभी भी 3.50 लाख लोग ऐसे हैं, जिन्हें वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लगाया जा सका है. लिहाजा, जिला प्रशासन ने अब ऐसे लोगों को धरपकड़ के साथ वैक्सीनेशन के निर्देश दिए हैं. इस दौरान प्राइवेट शासकीय एवं अन्य प्रकार के आईटी कार्यालयों में भी पड़ताल की जाएगी. इस दौरान जो भी व्यक्ति बिना दूसरा डोज लिये मिला तो संबंधित संस्थान अथवा कार्यालय के खिलाफ एपिडेमिक एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. उन्होंने बताया कि करीब दो दर्जन से ज्यादा व्यापारिक प्रतिष्ठान फिलहाल सील किए गए हैं. जिनमें कुछ कर्मचारियों को वैक्सीन का डबल डोज नहीं लगा था. यह अभियान आगे भी जारी रहेगा