ETV Bharat / state

ओडीएफ डबल प्लस दर्जा प्राप्त करने वाला पहला शहर बना इंदौर, अब भी सामने है बड़ी चुनौती - Economic City Indore

इंदौर ने स्वच्छता को अपनी आदत बनाया और अब पूरे देश के सामने स्वच्छता अभियान में एक मिसाल बनकर खड़ा है. करीब 400 से अधिक शहरों के प्रतिनिधि इंदौर की सफाई देखने को अभी तक आ चुके हैं, लेकिन स्वच्छता को पहले जैसे बनाए रखना इंदौर के सामने सबसे बड़ी चुनौती है.

शौचालय की साफ- सफाई नगर निगम की सबसे बड़ी चुनौती
author img

By

Published : Oct 3, 2019, 12:21 AM IST

इंदौर। इंदौर देश का पहला ऐसा शहर बन गया है, जिसे देश का सबसे पहला ओडीएफ डबल प्लस (खुले में शौच मुक्त) का दर्जा मिला है. प्रदेश की आर्थिक नगरी इंदौर ने स्वच्छता को लेकर कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त की हैं. तीन साल पहले शुरू हुए स्वच्छ भारत अभियान के बाद इंदौर ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया था.

सबसे पहले इंदौर में खुले में शौच मुक्त होने की दिशा में कदम बढ़ाया गया और अब इंदौर ओडीएफ डबल प्लस का दर्जा प्राप्त शहर बन गया है, हालांकि इस स्थिति को बनाए रखने के लिए अब लगातार कई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं, शहर में मौजूद बड़ी संख्या में शौचालय की साफ- सफाई नगर निगम के सामने सबसे बड़ी चुनौती है.

शहर को ओडीएफ डबल प्लस में शामिल करने के लिए नगर निगम ने तैयारियां शुरू की थी, जिसके लिए जिले में 12 हजार से अधिक व्यक्तिगत टॉयलेट, 230 से अधिक सामूहिक शौचालय और लगभग 400 से अधिक यूरिनल्स का निर्माण किया गया था. जिसकी सफाई पर नजर रखने के लिए नगर निगम के डेढ़ सौ से अधिक अफसर और कर्मचारी दिन रात लगे रहते थे.

जिले को देश में लगातार नंबर वन पर लाने के लिए निगम कर्मचारियों और अफसरों की मेहनत के साथ- साथ सबसे अहम योगदान शहर की जनता का रहा. ओडीएफ डबल प्लस लाने के लिए जनता को पब्लिक शौचालयों का उपयोग करने की आदत बनवानी थी, जागरूकता के कारण ही आज शहर में मौजूद 200 से अधिक पब्लिक शौचालयों का उपयोग आम जनता करती है. इन शौचालयों की साफ- सफाई रखने के लिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाती है. हर शौचालय में जनता से फीडबैक लेने के लिए मशीनें भी लगाई गई हैं, जिससे कि जनता अपना फीडबैक दे सके.

फिलहाल शहर में मौजूद शौचालयों को लेकर नगर निगम के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि इन शौचालयों की साफ-सफाई अच्छी तरह से की जा सके, लेकिन धीरे- धीरे इन शौचालयों की स्थिति बिगड़ती जा रही है. शहर के कई शौचालयों में पानी नहीं रहता, तो कई शौचालयों में फीडबैक मशीनें खराब हो चुकी हैं, जिसपर नगर निगम के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं और न ही नगर निगम के मौजूद जनप्रतिनिधि. शहर के ऐसे ही कुछ शौचालयों की स्थिति का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम पहुंची.

स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर में साफ-सफाई को एक आंदोलन की तरह लिया गया था. जिसके कारण ही इंदौर स्वच्छता अभियान में लगातार तीन बार से नंबर वन बना हुआ है, हालांकि ये सब शहर की जागरूक जनता के कारण हुआ है. एक ओर जहां नगर निगम शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटा हुआ था, वहीं दूसरी ओर शहर में मौजूद एनजीओ आम जनता को सफाई के प्रति जागरूक कर रहे थे. इसी जागरूकता के कारण जिले की जनता स्वच्छ भारत अभियान से पूरी तरह जुड़ गई. जिसके साथ ही लोगों ने अपनी आदत बदली. अब जिले का हर नागरिक नगर निगम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर स्वच्छता अभियान में सहयोग दे रहा है.

इंदौर। इंदौर देश का पहला ऐसा शहर बन गया है, जिसे देश का सबसे पहला ओडीएफ डबल प्लस (खुले में शौच मुक्त) का दर्जा मिला है. प्रदेश की आर्थिक नगरी इंदौर ने स्वच्छता को लेकर कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त की हैं. तीन साल पहले शुरू हुए स्वच्छ भारत अभियान के बाद इंदौर ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया था.

सबसे पहले इंदौर में खुले में शौच मुक्त होने की दिशा में कदम बढ़ाया गया और अब इंदौर ओडीएफ डबल प्लस का दर्जा प्राप्त शहर बन गया है, हालांकि इस स्थिति को बनाए रखने के लिए अब लगातार कई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं, शहर में मौजूद बड़ी संख्या में शौचालय की साफ- सफाई नगर निगम के सामने सबसे बड़ी चुनौती है.

शहर को ओडीएफ डबल प्लस में शामिल करने के लिए नगर निगम ने तैयारियां शुरू की थी, जिसके लिए जिले में 12 हजार से अधिक व्यक्तिगत टॉयलेट, 230 से अधिक सामूहिक शौचालय और लगभग 400 से अधिक यूरिनल्स का निर्माण किया गया था. जिसकी सफाई पर नजर रखने के लिए नगर निगम के डेढ़ सौ से अधिक अफसर और कर्मचारी दिन रात लगे रहते थे.

जिले को देश में लगातार नंबर वन पर लाने के लिए निगम कर्मचारियों और अफसरों की मेहनत के साथ- साथ सबसे अहम योगदान शहर की जनता का रहा. ओडीएफ डबल प्लस लाने के लिए जनता को पब्लिक शौचालयों का उपयोग करने की आदत बनवानी थी, जागरूकता के कारण ही आज शहर में मौजूद 200 से अधिक पब्लिक शौचालयों का उपयोग आम जनता करती है. इन शौचालयों की साफ- सफाई रखने के लिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाती है. हर शौचालय में जनता से फीडबैक लेने के लिए मशीनें भी लगाई गई हैं, जिससे कि जनता अपना फीडबैक दे सके.

फिलहाल शहर में मौजूद शौचालयों को लेकर नगर निगम के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि इन शौचालयों की साफ-सफाई अच्छी तरह से की जा सके, लेकिन धीरे- धीरे इन शौचालयों की स्थिति बिगड़ती जा रही है. शहर के कई शौचालयों में पानी नहीं रहता, तो कई शौचालयों में फीडबैक मशीनें खराब हो चुकी हैं, जिसपर नगर निगम के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं और न ही नगर निगम के मौजूद जनप्रतिनिधि. शहर के ऐसे ही कुछ शौचालयों की स्थिति का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम पहुंची.

स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर में साफ-सफाई को एक आंदोलन की तरह लिया गया था. जिसके कारण ही इंदौर स्वच्छता अभियान में लगातार तीन बार से नंबर वन बना हुआ है, हालांकि ये सब शहर की जागरूक जनता के कारण हुआ है. एक ओर जहां नगर निगम शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटा हुआ था, वहीं दूसरी ओर शहर में मौजूद एनजीओ आम जनता को सफाई के प्रति जागरूक कर रहे थे. इसी जागरूकता के कारण जिले की जनता स्वच्छ भारत अभियान से पूरी तरह जुड़ गई. जिसके साथ ही लोगों ने अपनी आदत बदली. अब जिले का हर नागरिक नगर निगम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर स्वच्छता अभियान में सहयोग दे रहा है.

Intro:नोट - ओपनिंग पीटूसी शुरुवात में लगाये

देश का सबसे साफ शहर इंदौर के नाम एक और भी किताब है इंदौर देश का सबसे पहला ओडीएफ डबल प्लस का दर्जा पाने वाला शहर भी बना है मध्य प्रदेश की आर्थिक नगरी इंदौर ने स्वच्छता को लेकर कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त की है इंदौर में 230 से अधिक सामुदायिक शौचालय बने हैं जिनके लिए डेढ़ सौ से अधिक अफसर और कर्मचारीयो की निगाहें इनकी सफाई पर टिकी होती है 3 साल पहले शुरू हुए स्वच्छ भारत अभियान के बाद इंदौर ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया था सबसे पहले इंदौर में खुले में शौच मुक्त होने की दिशा में कदम बढ़ाए और इंदौर जिले को ओडीएफ घोषित कराया इंदौर में अधिकारियों के साथ जनता ने भी इस पूरे अभियान को स्वीकार किया और अब इंदौर ओडीएफ टेबल प्लस का दर्जा प्राप्त शहर बन गया हालांकि इस स्थिति को बनाए रखने के लिए इंदौर के सामने अब लगातार चुनौतियां खड़ी हो रही है शहर में मौजूद बड़ी संख्या में शौचालय की साफ सफाई नगर निगम के सामने सबसे बड़ी चुनौती है


Body:इंदौर शहर को ओडीएफ डबल प्लस के लिए काफी पहले समय से नगर निगम ने तैयारियां शुरू की थी इसके लिए इंदौर में 12 हज़ार से अधिक व्यक्तिगत टॉयलेट 230 से अधिक सामूहिक शौचालय और लगभग 400 से अधिक यूरिनल्स का निर्माण किया गया था इसकी सफाई पर नजर बनाए रखने के लिए नगर निगम के डेढ़ सौ से अधिक अफसर और कर्मचारी दिन रात लगे रहते थे आम जनता की सहभागिता को बढ़ाने के लिए एनजीओ से जुड़े 400 लोगों ने भी मेहनत की थी इंदौर को ओडीएफ घोषित कराने के लिए अधिकारी महापौर और आम जनता सुबह शहर की बस्तियों में जाकर डब्बा बजाया करते थे धीरे-धीरे शहर की जनता में जागरूकता आई और देश का सबसे साफ शहर एक और उपलब्धि अपने नाम कर गया एक और जहां दूसरे शहर ओडीएफ घोषित होने के लिए प्रयास कर रहे थे वही इंदौर ओडीएफ डबल प्लस घोषित हो चुका था

बाईट - आशीष सिंह, निगमायुक्त

इंदौर को देश में लगातार नंबर वन लाने में निगम कर्मचारियों और अफसरों की मेहनत के साथ-साथ सबसे अहम योगदान शहर की जनता ने दिया था ओडीएफ डबल प्लस लाने के लिए जनता को पब्लिक शौचालयों का उपयोग करने की आदत बनवाने थी इसके लिए शहर के एनजीओ से नगर निगम ने संपर्क किया शहर की जनता ने भी इस काम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और जागरूकता के कारण ही आज शहर में मौजूद 200 से अधिक पब्लिक शौचालयों का उपयोग आम जनता करती है इन शौचालयों की साफ सफाई रखने के लिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाती है हर शौचालय में जनता से फीडबैक लेने के लिए मशीनें भी लगाई गई हैं जिससे कि जनता अपना फीडबैक दे सके इस फीडबैक के आधार पर शौचालय की तत्काल सफाई भी की जाती है हालांकि शहर में मौजूद शौचालयों को लेकर नगर निगम के सामने सबसे बड़ी चुनौती है की इन शौचालयों की साफ-सफाई पूरी तरह से की जा सके धीरे-धीरे इन शौचालयों की स्थिति अब बिगड़ती जा रही है शहर के कई शौचालयों में पानी नहीं रहता तो कई शौचालयों में फीडबैक मशीनें खराब हो चुकी हैं इस और ना तो अभी तक नगर निगम के अधिकारी ध्यान दे रहे हैं ना ही नगर निगम के मौजूद जनप्रतिनिधि शहर के ऐसे ही कुछ शौचालयों की स्थिति का जायजा लिया ईटीवी भारत की टीम ने

वाक थ्रू -

स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर में साफ-सफाई को एक आंदोलन की तरह लिया गया यही कारण था की स्वच्छता अभियान में इंदौर लगातार तीन बार से नंबर वन बना हुआ है हालांकि यह सब हुआ शहर की जागरूक जनता के कारण एक और जहां नगर निगम शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटा हुआ था वहीं दूसरी ओर शहर में मौजूद एनजीओ आम जनता को सफाई के प्रति जागरूक कर रहे थे और इसी जागरूकता के कारण इंदौर की जनता स्वच्छ भारत अभियान से पूरी तरह से जुड़ गई लोगों ने अपनी आदत बदली और नगर निगम अपने कर्मचारियों की आदतों में बदलाव लाया अब इंदौर का हर नागरिक नगर निगम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर स्वच्छता अभियान में सहयोग दे रहा है

बाईट - शुभम बोरसे, आम नागरिक
बाईट - मालिनी गौड़, महापौर


Conclusion:इंदौर ने स्वच्छता को अपनी आदत बनाया और अब इंदौर पूरे देश के सामने स्वच्छता अभियान में एक मिसाल बनकर खड़ा है करीब 400 से अधिक शहरों के प्रतिनिधि इंदौर की सफाई देखने को अभी तक आ चुके हैं वहीं अब इंदौर मुंबई जैसे बड़े शहरों को स्वच्छता के लिए रास्ता दिखाने जा रहा है लेकिन इंदौर के सामने चुनौती भी उतनी ही बड़ी है स्वच्छता के लिए किए गए प्रयासों को उसी तरह से बनाए रखना इंदौर के सामने सबसे बड़ी चुनौती है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.