इंदौर। इंदौर देश का पहला ऐसा शहर बन गया है, जिसे देश का सबसे पहला ओडीएफ डबल प्लस (खुले में शौच मुक्त) का दर्जा मिला है. प्रदेश की आर्थिक नगरी इंदौर ने स्वच्छता को लेकर कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त की हैं. तीन साल पहले शुरू हुए स्वच्छ भारत अभियान के बाद इंदौर ने इसे एक चुनौती के रूप में लिया था.
सबसे पहले इंदौर में खुले में शौच मुक्त होने की दिशा में कदम बढ़ाया गया और अब इंदौर ओडीएफ डबल प्लस का दर्जा प्राप्त शहर बन गया है, हालांकि इस स्थिति को बनाए रखने के लिए अब लगातार कई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं, शहर में मौजूद बड़ी संख्या में शौचालय की साफ- सफाई नगर निगम के सामने सबसे बड़ी चुनौती है.
शहर को ओडीएफ डबल प्लस में शामिल करने के लिए नगर निगम ने तैयारियां शुरू की थी, जिसके लिए जिले में 12 हजार से अधिक व्यक्तिगत टॉयलेट, 230 से अधिक सामूहिक शौचालय और लगभग 400 से अधिक यूरिनल्स का निर्माण किया गया था. जिसकी सफाई पर नजर रखने के लिए नगर निगम के डेढ़ सौ से अधिक अफसर और कर्मचारी दिन रात लगे रहते थे.
जिले को देश में लगातार नंबर वन पर लाने के लिए निगम कर्मचारियों और अफसरों की मेहनत के साथ- साथ सबसे अहम योगदान शहर की जनता का रहा. ओडीएफ डबल प्लस लाने के लिए जनता को पब्लिक शौचालयों का उपयोग करने की आदत बनवानी थी, जागरूकता के कारण ही आज शहर में मौजूद 200 से अधिक पब्लिक शौचालयों का उपयोग आम जनता करती है. इन शौचालयों की साफ- सफाई रखने के लिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाती है. हर शौचालय में जनता से फीडबैक लेने के लिए मशीनें भी लगाई गई हैं, जिससे कि जनता अपना फीडबैक दे सके.
फिलहाल शहर में मौजूद शौचालयों को लेकर नगर निगम के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि इन शौचालयों की साफ-सफाई अच्छी तरह से की जा सके, लेकिन धीरे- धीरे इन शौचालयों की स्थिति बिगड़ती जा रही है. शहर के कई शौचालयों में पानी नहीं रहता, तो कई शौचालयों में फीडबैक मशीनें खराब हो चुकी हैं, जिसपर नगर निगम के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं और न ही नगर निगम के मौजूद जनप्रतिनिधि. शहर के ऐसे ही कुछ शौचालयों की स्थिति का जायजा लेने ईटीवी भारत की टीम पहुंची.
स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर में साफ-सफाई को एक आंदोलन की तरह लिया गया था. जिसके कारण ही इंदौर स्वच्छता अभियान में लगातार तीन बार से नंबर वन बना हुआ है, हालांकि ये सब शहर की जागरूक जनता के कारण हुआ है. एक ओर जहां नगर निगम शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटा हुआ था, वहीं दूसरी ओर शहर में मौजूद एनजीओ आम जनता को सफाई के प्रति जागरूक कर रहे थे. इसी जागरूकता के कारण जिले की जनता स्वच्छ भारत अभियान से पूरी तरह जुड़ गई. जिसके साथ ही लोगों ने अपनी आदत बदली. अब जिले का हर नागरिक नगर निगम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर स्वच्छता अभियान में सहयोग दे रहा है.