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इंदौर: 68 साल पुरानी ज्योति टॉकीज होगी बंद, 16 जून को दिखाया जाएगा आखिरी शो - मनोरंजन

मल्टीप्लेक्स के जमाने में सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल को बंद करने के अलावा अब कोई रास्ता नहीं है. इंदैर का 68 साल पुराना सिंगल स्क्रीन सिनेमा ज्योति टॉकीज बंद होने जा रहा है.

68 साल पुरानी टॉकीज होगी बंद
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Published : May 27, 2019, 6:06 PM IST

इंदौर| मल्टीप्लेक्स के जमाने में सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल अपना दम तोड़ते नज़र आ रहे हैं. इंदौर के पुराने सिंगल स्क्रीन थियेटर में से एक ज्योति टॉकीज भी बंद होने जा रहा है. करीब 68 साल पुराना यह सिनेमा घर इंदौर की पुरानी पहचान रहा है. आर्थिक तंगी के बीच भी सिनेमा घर संचालक ने अब तक इस पहचान को बचाए रखा था, लेकिन दर्शकों की लगातार कम होती भीड़ के कारण यह टॉकीज खस्ताहाल हो गया.

68 साल पुरानी टॉकीज होगी बंद

किसी जमाने में सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर इंदौर की पहचान हुआ करते थे. 50 से लेकर 90 के दशक में सिंगल स्क्रीन सिनेमा में फिल्म देखने के लिए इंदौर के आसपास के इलाकों से भी दर्शक आया करते थे. लेकिन अब बदलते समय में और आधुनिक मनोरंजन के दौर में सिंगल स्क्रीन टॉकीज के बंद होने का सिलसिला शुरू हो गया. इंदौर के 68 साल पुराने और जाने-माने टॉकीज में से एक ज्योति टॉकीज में 16 जून को आखिरी शो दिखाया जाएगा. इसी के साथ शहर में सिर्फ 8 सिंगल स्क्रीन्स बचेंगे.

2004 में दर्शकों का आकर्षित करने के लिए ज्योति टॉकीज का कायाकल्प किया गया था. ज्योति टॉकीज शहर का पहले ऐसा सिनेमा घर था जिसकी बालकनी में पुश बैक सीटें भी लगी थीं. मल्टीप्लेक्स के जमाने में भी इस टॉकीज में दर्शक सिर्फ 40 रुपये में बड़े पर्दे पर फिल्म का मजा ले रहे हैं.

इंदौर| मल्टीप्लेक्स के जमाने में सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल अपना दम तोड़ते नज़र आ रहे हैं. इंदौर के पुराने सिंगल स्क्रीन थियेटर में से एक ज्योति टॉकीज भी बंद होने जा रहा है. करीब 68 साल पुराना यह सिनेमा घर इंदौर की पुरानी पहचान रहा है. आर्थिक तंगी के बीच भी सिनेमा घर संचालक ने अब तक इस पहचान को बचाए रखा था, लेकिन दर्शकों की लगातार कम होती भीड़ के कारण यह टॉकीज खस्ताहाल हो गया.

68 साल पुरानी टॉकीज होगी बंद

किसी जमाने में सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर इंदौर की पहचान हुआ करते थे. 50 से लेकर 90 के दशक में सिंगल स्क्रीन सिनेमा में फिल्म देखने के लिए इंदौर के आसपास के इलाकों से भी दर्शक आया करते थे. लेकिन अब बदलते समय में और आधुनिक मनोरंजन के दौर में सिंगल स्क्रीन टॉकीज के बंद होने का सिलसिला शुरू हो गया. इंदौर के 68 साल पुराने और जाने-माने टॉकीज में से एक ज्योति टॉकीज में 16 जून को आखिरी शो दिखाया जाएगा. इसी के साथ शहर में सिर्फ 8 सिंगल स्क्रीन्स बचेंगे.

2004 में दर्शकों का आकर्षित करने के लिए ज्योति टॉकीज का कायाकल्प किया गया था. ज्योति टॉकीज शहर का पहले ऐसा सिनेमा घर था जिसकी बालकनी में पुश बैक सीटें भी लगी थीं. मल्टीप्लेक्स के जमाने में भी इस टॉकीज में दर्शक सिर्फ 40 रुपये में बड़े पर्दे पर फिल्म का मजा ले रहे हैं.

Intro:मल्टीप्लेक्स के जमाने में सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल अपना दम तोड़ रहे हैं इसी कड़ी में इंदौर के पुराने सिंगल स्क्रीन थियेटर में से एक ज्योति टॉकीज भी बंद होने जा रहा है करीब 68 साल पुराना यह सिनेमा घर इंदौर की पुरानी पहचान रहा है आर्थिक तंगी के बीच भी सिनेमा घर संचालक ने अब तक इस पहचान को बचाए रखा था लेकिन दर्शकों की लगातार कम होती भीड़ के कारण यह टॉकीज खस्ताहाल हो गया ऐसे में संचालकों ने इस कहानी का दी एंड करने का फैसला ले लिया


Body:किसी जमाने में सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर इंदौर की पहचान हुआ करते थे 50 से लेकर 90 तक के दशक में सिंगल स्क्रीन सिनेमा में फिल्म देखने के लिए इंदौर ही नहीं बल्कि आसपास के दूरदराज के इलाकों से भी दर्शक शहर में पहुंचा करते थे वक्त बदला और मल्टीप्लेक्स के साथ ही आधुनिक मनोरंजन के दौर में के बाद एक सिंगल स्क्रीन टॉकीज बंद होने का सिलसिला शुरू हो गया इंदौर के सबसे पुराने और जाने-माने टॉकीज में से एक ज्योति टॉकीज अब सिर्फ लोगों के लिए सुनहरी याद बनकर रह जाएगा इंदौर के जेल रोड स्थित 68 साल पुराने ज्योति टॉकीज को यहां के संचालकों ने बंद करने का ऐलान कर दिया है 16 जून को टॉकीज में आखिरी शो होगा और इसी के साथ शहर में सिर्फ 8 सिंगल स्क्रीन्स शेष रह जाएंगे

बदलते दौर के बीच दर्शकों को टॉकीज तक खींचने के लिए 2004 में इसका कायाकल्प किया गया सिनेमा स्कोप पर्दा करने के साथ शहर का पहला ऐसा सिनेमा कर बनाया गया जिसकी बालकनी में पुश बैक सीटें भी लगी थी हालांकि धीरे-धीरे दर्शकों की संख्या घटने लगी और नई पुरानी फिल्मों के सहारे जैसे तैसे अब तक टॉकीज चल रहा था अब यहां पर नाममात्र के दर्शक ही पहुंचते हैं ऐसे में टॉकीज चलाना मुश्किल हो रहा था और इसे बंद करने का फैसला लिया गया टॉकीज की जगह अब कमर्शियल कॉन्प्लेक्स के साथ मल्टीप्लेक्स बनाने की योजना भी है मल्टीप्लेक्स के जमाने में भी इस टॉकीज में दर्शक सिर्फ 40 रुपये में बड़े पर्दे पर फिल्म का मजा ले रहे हैं हालांकि जब सिनेमाघर बंद होने की खबर सुनी गई तो दर्शकों में भी मायूसी छाई हुई है

बाईट - रमेश पवार, दर्शक
बाईट - आदर्श यादव, संचालक, ज्योति टॉकीज


Conclusion:बरहाल वक्त बदल चुका है मल्टीप्लेक्स के साथी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आ जाने के बाद अब दर्शक घर बैठे ही कंटेंट देख पा रहे हैं लिहाजा सिंगल स्क्रीन्स में नाना सिर्फ अपनी पहचान खोते जा रहा है बल्कि आर्थिक तंगी के चलते सिनेमाघर बंदी हो रहे हैं
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