इंदौर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी देश की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में शुमार है. आईआईटी इंदौर द्वारा लगातार विभिन्न विषयों पर शोध कार्य किए जाते हैं. आईआईटी के प्रोफ़ेसर और छात्रों द्वारा किए गए नवाचार को आईआईटी इंदौर ने पेटेंट अपने नाम करा लिया गया हैं.
- केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने ट्वीट कर दी बधाई
आईआईटी द्वारा कराये गए पेटेंट पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर आईआईटी इंदौर को इस उपलब्धि पर बधाई दी है.
- यह अविष्कार बेहतर सुविधा देने वाला
आईआईटी इंदौर द्वारा किए गए इस नवाचार से आने वाले दिनों में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में मेमोरी के उपयोग के लिहाज से काफी हद तक सुविधाएं होगी. इसके आधार पर तैयार मेमोरी अल्ट्रा लो पावर पर भी बेहतर काम कर सकेगी. इसका उपयोग करने वाले यूज़र को काफी हद तक सुविधा होगी.
'भारत पहला देश होगा जो स्कूल में सिखाएगा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस'
- आधुनिक डिजाइन की है इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में लगने वाली मेमोरी
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर के इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रोफेसर संतोष विश्वकर्मा और छात्र विशाल शर्मा ने 'अल्ट्रा लो पावर रीड डिकपल्ड डिफरेंशियल राइट 10 टी एमरेम सेल विथ हायर रीड राइट नाइस मार्जिन' अविष्कार के पेटेंट के लिए आवेदन किया था. जो अब आईआईटी इंदौर के नाम पर हो गया है. ये आविष्कार मोबाइल कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में लगने वाली मेमोरी के लिए एक आधुनिक डिजाइन है. इस पेटेंट को सरकार ने 20 साल के लिए प्रमाणित किया है.