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IIM Indore Signed MoU: पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के साथ एमओयू, सामुदायिक उत्पादों की मार्केटिंग मजबूत करना उद्देश्य - आईआईएम इंदौर के रूरल इंगेजमेंट प्रोग्राम

IIM Indore Signed MoU: आईआईएम इंदौर ने प्रदेश के पंचायत और भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के साथ एमओयू साइन किया है. इस एमओयू का उद्देश्य सेल्फ हेल्प ग्रुप के उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग होगा.

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आईआईएम इंदौर ने पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के साथ समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर
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Published : Dec 1, 2021, 10:47 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश सरकार पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग (पीआरडीडी) मध्य प्रदेश में 50000 करोड़ रुपए का कारोबार लाने के लिए साझेदार तलाश रहा है, इस प्रयास के एक हिस्से के रूप में आईआईएम इंदौर के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर (IIM Indore signed memorandum of understanding) किए गए हैं ताकि व्यावसायिक केंद्रों के लिए एसएचजी उत्पादों की मार्केटिंग के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दिया जा सके. इस एमओयू का उद्देश्य सामुदायिक उत्पादों की बिक्री और मार्केटिंग के लिए व्यावसायिक केंद्रों के प्रचार विकास और संचालन में तकनीकी सहयोग प्रदान करना है.

MP में प्रशासनिक 'सर्जरी', एक दर्जन आईपीएस अफसरों के तबादले, भिंड और सागर एसपी भी बदले

सामुदायिक उत्पादों की मार्केटिंग व्यवस्था होगी मजबूत

एमओयू पर आईआईएम इंदौर निदेशक प्रो हिमांशु राय और पीआरडीडी के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए है. इस अवसर पर प्रो एस भवानी शंकर आरईपी कोऑर्डिनेटर एवं जिला पंचायत के सीईओ हिमांशु चंद्रा भी उपस्थित थे. समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर एक एसएचजी की महिलाओं की उपस्थिति में हुई जो राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत आता है. एमओयू के बारे में जानकारी साझा करते हुए प्रो राय ने कहा इस एमओयू का उद्देश्य व्यापारिक केंद्रों को एक सुविधा के रूप में विकसित और मजबूत करने में सहयोग को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए सहकारी संस्थागत संबंधों के लिए एक रूपरेखा स्थापित करना है. उन्होंने कहा कि ये व्यापार केंद्र पीआरडीडी के तहत विकसित सामुदायिक संस्थानों एसएचजी/पीजीएस/पीईएस आदि द्वारा उत्पादित उत्पादों और सेवाओं की बिक्री और मार्केटिंग के लिए शुरू से अंत तक व्यापार निर्माण और विस्तार समर्थन की पेशकश करेंगे. तीन साल के लिए वैध इस सहयोग का उद्देश्य सामुदायिक उत्पादों की मार्केटिंग रणनीति की मौजूदा योजनाओं की समीक्षा करना और प्रणाली को और मजबूत करने के लिए सिफारिश करना है.

IIM Indore
आईआईएम इंदौर ने पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के साथ समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर



एमओयू के तहत होंगे कई कार्यक्रम
आईआईएम इंदौर के साथ एमओयू करने पर खुशी जताते हुए भारत सरकार के पीआरडीडी के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने कहा कि हम संयुक्त पाठ्यक्रम कार्यशालाएं, फोरम और सेमिनार आयोजित करेंगे और उत्पाद विकास के लिए एक साझेदारी बनाएंगे. इसके तहत कॉर्पोरेट समर्थन के साथ व्यावसायिक केंद्रों का मार्गदर्शन और प्रबंधन और कर्मियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करना भी शामिल है.

आरईपी के समापन पर हुआ एमओयू
यह एमओयू आईआईएम इंदौर के रूरल इंगेजमेंट प्रोग्राम (Rural Engagement Program of IIM Indore)आरईपी के समापन के अवसर पर हस्ताक्षरित हुआ, जिसका उद्देश्य गांवों में सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के प्रति युवा प्रबंधकों को संवेदनशील बनाना है. इस साल आरईपी 25 अक्टूबर 2021 से एक सप्ताह के लिए ऑनलाइन मोड में आयोजित की गयी थी, कार्यक्रम का उद्देश्य मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना काल के बाद स्वास्थ्य और स्वच्छता पर प्रभाव का अध्ययन करना था जो कि भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए कोविड दिशा निर्देशों पर आधारित था. इस कार्यक्रम के दौरान तीन प्रमुख कार्यक्रमों के 648 प्रतिभागियों ने मध्य प्रदेश के 52 जिलों में 30000 से अधिक ग्रामीणों के साथ बातचीत की.

इंदौर। मध्य प्रदेश सरकार पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग (पीआरडीडी) मध्य प्रदेश में 50000 करोड़ रुपए का कारोबार लाने के लिए साझेदार तलाश रहा है, इस प्रयास के एक हिस्से के रूप में आईआईएम इंदौर के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर (IIM Indore signed memorandum of understanding) किए गए हैं ताकि व्यावसायिक केंद्रों के लिए एसएचजी उत्पादों की मार्केटिंग के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दिया जा सके. इस एमओयू का उद्देश्य सामुदायिक उत्पादों की बिक्री और मार्केटिंग के लिए व्यावसायिक केंद्रों के प्रचार विकास और संचालन में तकनीकी सहयोग प्रदान करना है.

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सामुदायिक उत्पादों की मार्केटिंग व्यवस्था होगी मजबूत

एमओयू पर आईआईएम इंदौर निदेशक प्रो हिमांशु राय और पीआरडीडी के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए है. इस अवसर पर प्रो एस भवानी शंकर आरईपी कोऑर्डिनेटर एवं जिला पंचायत के सीईओ हिमांशु चंद्रा भी उपस्थित थे. समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर एक एसएचजी की महिलाओं की उपस्थिति में हुई जो राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत आता है. एमओयू के बारे में जानकारी साझा करते हुए प्रो राय ने कहा इस एमओयू का उद्देश्य व्यापारिक केंद्रों को एक सुविधा के रूप में विकसित और मजबूत करने में सहयोग को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए सहकारी संस्थागत संबंधों के लिए एक रूपरेखा स्थापित करना है. उन्होंने कहा कि ये व्यापार केंद्र पीआरडीडी के तहत विकसित सामुदायिक संस्थानों एसएचजी/पीजीएस/पीईएस आदि द्वारा उत्पादित उत्पादों और सेवाओं की बिक्री और मार्केटिंग के लिए शुरू से अंत तक व्यापार निर्माण और विस्तार समर्थन की पेशकश करेंगे. तीन साल के लिए वैध इस सहयोग का उद्देश्य सामुदायिक उत्पादों की मार्केटिंग रणनीति की मौजूदा योजनाओं की समीक्षा करना और प्रणाली को और मजबूत करने के लिए सिफारिश करना है.

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आईआईएम इंदौर ने पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के साथ समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर



एमओयू के तहत होंगे कई कार्यक्रम
आईआईएम इंदौर के साथ एमओयू करने पर खुशी जताते हुए भारत सरकार के पीआरडीडी के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने कहा कि हम संयुक्त पाठ्यक्रम कार्यशालाएं, फोरम और सेमिनार आयोजित करेंगे और उत्पाद विकास के लिए एक साझेदारी बनाएंगे. इसके तहत कॉर्पोरेट समर्थन के साथ व्यावसायिक केंद्रों का मार्गदर्शन और प्रबंधन और कर्मियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करना भी शामिल है.

आरईपी के समापन पर हुआ एमओयू
यह एमओयू आईआईएम इंदौर के रूरल इंगेजमेंट प्रोग्राम (Rural Engagement Program of IIM Indore)आरईपी के समापन के अवसर पर हस्ताक्षरित हुआ, जिसका उद्देश्य गांवों में सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के प्रति युवा प्रबंधकों को संवेदनशील बनाना है. इस साल आरईपी 25 अक्टूबर 2021 से एक सप्ताह के लिए ऑनलाइन मोड में आयोजित की गयी थी, कार्यक्रम का उद्देश्य मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना काल के बाद स्वास्थ्य और स्वच्छता पर प्रभाव का अध्ययन करना था जो कि भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए कोविड दिशा निर्देशों पर आधारित था. इस कार्यक्रम के दौरान तीन प्रमुख कार्यक्रमों के 648 प्रतिभागियों ने मध्य प्रदेश के 52 जिलों में 30000 से अधिक ग्रामीणों के साथ बातचीत की.

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