इंदौर। दस साल भी एक पति को अपनी पत्नी को समझने के लिए कम पड़ गए. पैसों के लालच ने उसे अंधा बना दिया. जिसका परिणाम ये हुआ कि पहले तो उसने पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित किया और जब पत्नी ने इसका विरोध किया तो उसे तीन तलाक बोलकर छोड़ दिया. मामला चंदन नगर थाना क्षेत्र का है. पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. जिसके बाद महिला के पति और ससुराल पक्ष के अन्य सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
ट्रक नहीं मिलने पर दिया तीन तलाक
महिला के पति का नाम मुस्तफा है. मुस्तफा दहेज के रूप में ट्रक की मांग कर रहा था. जब महिला ने उसकी इस मांग को ठुकरा दिया तो वो
उससे आए दिन मारपीट करने लगा. उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करता. इस काम में मुस्तफा के परिजन के भी साथ देते. तमाम हथकंडे अपनाने के बाद भी उसे जब ट्रक नहीं मिला तो उसने तीन बार तलाक बोलकर रिश्ते को खत्म कर दिया.
पति समेत ससुराल के अन्य सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज
पीड़िता हिम्मत कर चंदन नगर थाना पहुंची और अपनी आप बीती बताई. साथ ही आरोपी और उसके परिजनों के खिलाफ शिकायत की.पुलिस ने पति मुस्तफा उसकी सास शमशाद बी, देवर कादर खान और ननंद के बेटे मोनू उर्फ फिरोज के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो गई है.
शादी को हुए 10 साल
पीड़िता का निकाह 10 साल पहले हुआ था. निकाह के दौरान तो मुस्तफा व उसके परिवार द्वारा किसी तरह का दहेज नहीं मांगा गया. लेकिन शादी के 10 साल बीत जाने के बाद अचानक मुस्तफा की तरफ दहेज के रूप में ट्रक की डिमांड की जाने लगी. डिमांड पूरी नहीं हुई तो हैवानियत पर उतारू हो गया. इस बारे में पीड़िता ने मायके पक्ष को भी जानकारी दी. तब दोनों परिवारों के बीच बैठकर मामले को खत्म करने की भी कोशिश की गई. लेकिन अचानक मुस्तफा ने तीन तलाक दे दिया.
ये भी पढ़ेंःआमिर खान ने पत्नी को दिया तीन तलाक, एफआईआर दर्ज
कानूनी प्रावधान
- महिला अधिकार संरक्षण कानून 2019 के मुताबिक एक समय में तीन तलाक देना अपराध है.
- मौखिक, लिखित या किसी अन्य माध्यम से पति अगर एक बार में अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा.
- तीन तलाक देने पर पत्नी खुद या उसके करीबी रिश्तेदार ही इस बारे में केस दर्ज करा सकेंगे.
- पुलिस बिना वारंट के तीन तलाक देने वाले आरोपी पति को गिरफ्तार कर सकती है.
- एक समय में तीन तलाक देने पर पति को तीन साल तक कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है.
- मजिस्ट्रेट कोर्ट से ही पति को जमानत मिलेगी.
- मजिस्ट्रेट बिना पीड़ित महिला का पक्ष सुने बगैर तीन तलाक देने वाले पति को जमानत नहीं दे पाएंगे.
- तीन तलाक देने पर पत्नी और बच्चे के भरण पोषण का खर्च मजिस्ट्रेट तय करेंगे, जो पति को देना होगा.
- तीन तलाक पर बने कानून में छोटे बच्चों की निगरानी और रखावाली मां के पास रहेगी.
- इस कानून में समझौते के विकल्प को भी रखा गया है. पत्नी चाहे तो इसके लिए पहल कर सकती है. लेकिन मजिस्ट्रेट की भूमिका भी महत्वपूर्ण है.