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नए साल पर होटल संचालकों-इवेंट कंपनियों को हुआ घाटा, यह है वजह

इवेंट कंपनियों और होटल संचालकों को नई साल पर उम्मीद थी की कोरोना काल में हुए नुकसान की थोड़ी बहुत भरपाई होगी, लेकिन इस बार कोई भी बड़ा कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ. जिससे संचालकों के लिए नए साल की शुरूआत भी फीकी ही रही. इस व्यापार से जुड़े लोगों को अब आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है.

Hotel events and corporate losses
होटल और इवेंट कंपनियों को नुकसान
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Published : Jan 4, 2021, 11:52 AM IST

इंदौर। नई साल के दौरान कई इवेंट कंपनियों और होटल संचालकों के पास अत्यधिक काम होता था. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण कोई भी कार्यक्रम आयोजित ना होने के कारण इवेंट कंपनियों को बड़ा झटका लगा है. किसी भी तरह का कार्यक्रम ना होने के कारण इवेंट मैनेजमेंट से जुड़ी कई कंपनियों को वित्तीय नुकसान भी उठाना पड़ा है. इसके कारण इस व्यापार से जुड़े कई लोगों के सामने आर्थिक संकट भी आ खड़ा हुआ है. हर साल लाभ कमाने वाली कंपनियों के सामने अब लोगों को रोजगार देना भी बड़ी चुनौती बन गया है.

होटल और इवेंट कंपनियों को नुकसान
इंदौर में है 300 से अधिक होटल और 200 से अधिक रेस्टोरेंटप्रदेश की आर्थिक राजधानी माने जाने वाले इंदौर की बात की जाए तो यहां पर 300 से अधिक होटल और 200 से अधिक ऐसे रेस्टोरेंट मौजूद हैं, जो कि हर वर्ष नए साल के स्वागत के लिए कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करते थे. इन होटलों में ही कई इवेंट एजेंसी भी कार्यक्रमों का आयोजन करती थी. जिसमें की बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने के कारण उन्हें आर्थिक मुनाफा भी होता था. 31 दिसंबर के 1 माह पूर्व से ही इन्वेंट एजेंसियों के कार्यक्रमों की तैयारियां शुरू हो जाती थी. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते कई इवेंट एजेंसियों ने अपने कार्यक्रम आयोजित नहीं किए. जिन इवेंट कंपनियों ने अपने कार्यक्रम आयोजित भी किए तो उनके पास संक्रमण के डर से लोग गए ही नहीं. जिसके कारण कई इवेंटों में भीड़ भी ना के बराबर दिखी. वहीं सरकार की गाइडलाइन के कारण भी कई एजेंसियों को अपने इवेंट रद्द करना पड़े.हर साल होता था 10 करोड़ से अधिक का व्यापारइंदौर शहर में इवेंट एजेंसियों के द्वारा कराए जाने वाले अलग-अलग कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होता था. वही इन कार्यक्रमों से कई अन्य लोगों का व्यापार भी जुड़ा हुआ था. नववर्ष पर किसी भी प्रकार का कार्यक्रम आयोजित ना होने के कारण इससे संबंधित लोगों के काम पर भी इसका असर पड़ा है. लाइट साउंड और टेंट हाउस संचालकों को उम्मीद थी कि कोरोना काल में लगे लॉकडाउन खुलने के बाद नए साल के आयोजनों से उनके व्यापार को गति मिलेगी. लेकिन इस बार भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी है. 31 दिसंबर को होने वाले आयोजनों में ही 10 करोड़ से अधिक का व्यापार होता था. लेकिन इस बार लगाए गए रात्रिकालीन कर्फ्यू के कारण ना तो कोई इवेंट हुआ ना ही कोई बड़ा आयोजन शहर में आयोजित हो सका.सरकार से मांग इवेंट संचालक अब सरकार से राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं. इवेंट संचालकों का कहना है कि 31 दिसंबर के बाद से अब कोई ऐसा दिन नहीं आने वाला है. जिस दिन बड़ी संख्या में इवेंट आयोजित कर सकें. इसलिए सरकार की तरफ से अलग-अलग वस्तुओं पर लगाए जा रहे टैक्स में रियायत देनी चाहिए.

इंदौर। नई साल के दौरान कई इवेंट कंपनियों और होटल संचालकों के पास अत्यधिक काम होता था. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण कोई भी कार्यक्रम आयोजित ना होने के कारण इवेंट कंपनियों को बड़ा झटका लगा है. किसी भी तरह का कार्यक्रम ना होने के कारण इवेंट मैनेजमेंट से जुड़ी कई कंपनियों को वित्तीय नुकसान भी उठाना पड़ा है. इसके कारण इस व्यापार से जुड़े कई लोगों के सामने आर्थिक संकट भी आ खड़ा हुआ है. हर साल लाभ कमाने वाली कंपनियों के सामने अब लोगों को रोजगार देना भी बड़ी चुनौती बन गया है.

होटल और इवेंट कंपनियों को नुकसान
इंदौर में है 300 से अधिक होटल और 200 से अधिक रेस्टोरेंटप्रदेश की आर्थिक राजधानी माने जाने वाले इंदौर की बात की जाए तो यहां पर 300 से अधिक होटल और 200 से अधिक ऐसे रेस्टोरेंट मौजूद हैं, जो कि हर वर्ष नए साल के स्वागत के लिए कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करते थे. इन होटलों में ही कई इवेंट एजेंसी भी कार्यक्रमों का आयोजन करती थी. जिसमें की बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने के कारण उन्हें आर्थिक मुनाफा भी होता था. 31 दिसंबर के 1 माह पूर्व से ही इन्वेंट एजेंसियों के कार्यक्रमों की तैयारियां शुरू हो जाती थी. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते कई इवेंट एजेंसियों ने अपने कार्यक्रम आयोजित नहीं किए. जिन इवेंट कंपनियों ने अपने कार्यक्रम आयोजित भी किए तो उनके पास संक्रमण के डर से लोग गए ही नहीं. जिसके कारण कई इवेंटों में भीड़ भी ना के बराबर दिखी. वहीं सरकार की गाइडलाइन के कारण भी कई एजेंसियों को अपने इवेंट रद्द करना पड़े.हर साल होता था 10 करोड़ से अधिक का व्यापारइंदौर शहर में इवेंट एजेंसियों के द्वारा कराए जाने वाले अलग-अलग कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होता था. वही इन कार्यक्रमों से कई अन्य लोगों का व्यापार भी जुड़ा हुआ था. नववर्ष पर किसी भी प्रकार का कार्यक्रम आयोजित ना होने के कारण इससे संबंधित लोगों के काम पर भी इसका असर पड़ा है. लाइट साउंड और टेंट हाउस संचालकों को उम्मीद थी कि कोरोना काल में लगे लॉकडाउन खुलने के बाद नए साल के आयोजनों से उनके व्यापार को गति मिलेगी. लेकिन इस बार भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी है. 31 दिसंबर को होने वाले आयोजनों में ही 10 करोड़ से अधिक का व्यापार होता था. लेकिन इस बार लगाए गए रात्रिकालीन कर्फ्यू के कारण ना तो कोई इवेंट हुआ ना ही कोई बड़ा आयोजन शहर में आयोजित हो सका.सरकार से मांग इवेंट संचालक अब सरकार से राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं. इवेंट संचालकों का कहना है कि 31 दिसंबर के बाद से अब कोई ऐसा दिन नहीं आने वाला है. जिस दिन बड़ी संख्या में इवेंट आयोजित कर सकें. इसलिए सरकार की तरफ से अलग-अलग वस्तुओं पर लगाए जा रहे टैक्स में रियायत देनी चाहिए.
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