इंदौर। राजगढ़ में सीएए के समर्थन में बिना अनुमति निकाली गई रैली के दौरान कलेक्टर निधि निवेदिता और बीजेपी नेताओं के बीच हुआ विवाद अब हाईकोर्ट की दहलीज पर पहुंच गया है, इस मामले में दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने नोटिस जारी कर मुख्य सचिव, गृह सचिव और कलेक्टर राजगढ़ से जवाब मांगा है. याचिका में धारा 144 के आदेश को निरस्त करते हुए प्रमुख सचिव की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई थी.
कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग
राजगढ़ के ब्यावरा में सीएए के समर्थन में निकाली गई रैली में कलेक्टर निधि निवेदिता व डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा का सीएए समर्थकों से विवाद हो गया था. इस मामले में याचिकाकर्ता एडवोकेट हर्षवर्धन शर्मा की ओर से पूर्व उप महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव ने पक्ष रखते हुए कलेक्टर के कृत्य को असंवैधानिक बताया और उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की है.
कोर्ट में पेश किए सबूत
याचिकाकर्ता ने कहा कि सीएए के विरोध में होने वाले कार्यक्रमों में धारा 144 लागू होने के बाद भी कलेक्टर ने कोई एक्शन नहीं लिया, लेकिन तिरंगा यात्रा के सदस्यों को थप्पड़ मारकर सड़कों पर घसीटा गया. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में फोटोग्राफ भी पेश किए, जिसमें कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर लोगों के साथ मारपीट करती दिख रही हैं.
कलेक्टर के पक्ष में ये कहा गया
कलेक्टर निधि निवेदिता के बचाव में अतिरिक्त महाधिवक्ता रविंद्र सिंह छाबड़ा ने तर्क दिया कि महिला अधिकारी की चोटी खींची गई थी, जिस वक्त ये घटना घटित हुई. हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद मुख्य सचिव, गृह विभाग के सचिव और कलेक्टर निधि निवेदिता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.