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राजगढ़ विवाद में मुख्य सचिव, गृह सचिव, कलेक्टर को हाई कोर्ट का नोटिस

ब्यावरा विवाद में कलेक्टर पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिस पर सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने मुख्य सचिव, गृह सचिव के अलावा कलेक्टर निधि निवेदिता को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

High court of Indore bench issued notice on Rajgarh dispute
राजगढ़ विवाद इंदौर खंडपीठ ने जारी किए नोटिस
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Published : Jan 22, 2020, 4:46 PM IST

Updated : Jan 22, 2020, 7:28 PM IST

इंदौर। राजगढ़ में सीएए के समर्थन में बिना अनुमति निकाली गई रैली के दौरान कलेक्टर निधि निवेदिता और बीजेपी नेताओं के बीच हुआ विवाद अब हाईकोर्ट की दहलीज पर पहुंच गया है, इस मामले में दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने नोटिस जारी कर मुख्य सचिव, गृह सचिव और कलेक्टर राजगढ़ से जवाब मांगा है. याचिका में धारा 144 के आदेश को निरस्त करते हुए प्रमुख सचिव की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई थी.

राजगढ़ विवाद इंदौर खंडपीठ ने जारी किए नोटिस

कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग
राजगढ़ के ब्यावरा में सीएए के समर्थन में निकाली गई रैली में कलेक्टर निधि निवेदिता व डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा का सीएए समर्थकों से विवाद हो गया था. इस मामले में याचिकाकर्ता एडवोकेट हर्षवर्धन शर्मा की ओर से पूर्व उप महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव ने पक्ष रखते हुए कलेक्टर के कृत्य को असंवैधानिक बताया और उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की है.

कोर्ट में पेश किए सबूत
याचिकाकर्ता ने कहा कि सीएए के विरोध में होने वाले कार्यक्रमों में धारा 144 लागू होने के बाद भी कलेक्टर ने कोई एक्शन नहीं लिया, लेकिन तिरंगा यात्रा के सदस्यों को थप्पड़ मारकर सड़कों पर घसीटा गया. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में फोटोग्राफ भी पेश किए, जिसमें कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर लोगों के साथ मारपीट करती दिख रही हैं.

कलेक्टर के पक्ष में ये कहा गया
कलेक्टर निधि निवेदिता के बचाव में अतिरिक्त महाधिवक्ता रविंद्र सिंह छाबड़ा ने तर्क दिया कि महिला अधिकारी की चोटी खींची गई थी, जिस वक्त ये घटना घटित हुई. हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद मुख्य सचिव, गृह विभाग के सचिव और कलेक्टर निधि निवेदिता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

इंदौर। राजगढ़ में सीएए के समर्थन में बिना अनुमति निकाली गई रैली के दौरान कलेक्टर निधि निवेदिता और बीजेपी नेताओं के बीच हुआ विवाद अब हाईकोर्ट की दहलीज पर पहुंच गया है, इस मामले में दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने नोटिस जारी कर मुख्य सचिव, गृह सचिव और कलेक्टर राजगढ़ से जवाब मांगा है. याचिका में धारा 144 के आदेश को निरस्त करते हुए प्रमुख सचिव की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई थी.

राजगढ़ विवाद इंदौर खंडपीठ ने जारी किए नोटिस

कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग
राजगढ़ के ब्यावरा में सीएए के समर्थन में निकाली गई रैली में कलेक्टर निधि निवेदिता व डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा का सीएए समर्थकों से विवाद हो गया था. इस मामले में याचिकाकर्ता एडवोकेट हर्षवर्धन शर्मा की ओर से पूर्व उप महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव ने पक्ष रखते हुए कलेक्टर के कृत्य को असंवैधानिक बताया और उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की है.

कोर्ट में पेश किए सबूत
याचिकाकर्ता ने कहा कि सीएए के विरोध में होने वाले कार्यक्रमों में धारा 144 लागू होने के बाद भी कलेक्टर ने कोई एक्शन नहीं लिया, लेकिन तिरंगा यात्रा के सदस्यों को थप्पड़ मारकर सड़कों पर घसीटा गया. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में फोटोग्राफ भी पेश किए, जिसमें कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर लोगों के साथ मारपीट करती दिख रही हैं.

कलेक्टर के पक्ष में ये कहा गया
कलेक्टर निधि निवेदिता के बचाव में अतिरिक्त महाधिवक्ता रविंद्र सिंह छाबड़ा ने तर्क दिया कि महिला अधिकारी की चोटी खींची गई थी, जिस वक्त ये घटना घटित हुई. हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद मुख्य सचिव, गृह विभाग के सचिव और कलेक्टर निधि निवेदिता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

Intro:राजगढ़ में सीएए के समर्थन में निकल रही रैली में कलेक्टर निधि निवेदिता और भाजपा नेताओं का विवाद अब हाई कोर्ट तक जा पहुंचा है इस पूरे मामले में दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में नोटिस जारी करते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव, गृह विभाग के सचिव और कलेक्टर राजगढ़ से जवाब मांगा है साथ ही इस पूरे मामले में धारा 144 के आदेश को निरस्त करने और पूरे प्रकरण की जांच प्रमुख सचिव की निगरानी में कराने की गुहार भी लगाई गई है


Body:राजगढ़ में सीएए के समर्थन में निकाली जा रही रैली में जिला प्रशासन अधिकारियों और सीएए समर्थकों के बीच जमकर विवाद हुआ था इस मामले में याचिकाकर्ता एडवोकेट हर्षवर्धन शर्मा की ओर से पूर्व उप महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव ने पक्ष रखते हुए कलेक्टर के कृत्य को असंवैधानिक बताया और उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की कलेक्टर निधि निवेदिता के बचाव में अतिरिक्त महाधिवक्ता रविंद्र सिंह छाबड़ा ने तर्क दिया कि महिला अधिकारी की चोटी खींची गई थी जिस पर यह घटना घटित हुई थी हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्को को सुनने के बाद प्रदेश के मुख्य सचिव, गृह विभाग के सचिव और कलेक्टर निधि निवेदिता को नोटिस जारी किया है याचिका में कहा गया है कि कलेक्टर ने सीएए के विरोध में होने वाले कार्यक्रमों में कोई योगदान नहीं डाला लेकिन समर्थन में निकल रही तिरंगा यात्रा के सदस्यों को थप्पड़ मार कर सड़कों पर घसीटा गया, याचिकाकर्ता द्वारा हाईकोर्ट में फोटोग्राफ भी पेश किए गए जिसमें कि कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर लोगों के साथ मारपीट करते हुए नजर आ रहे हैं

याचिका में मांग की गई कि कलेक्टर निधि निवेदिता के मजिस्ट्रियल पावस वापस लिए जाएं और राजगढ़ में बिना वजह लगाई गई धारा 144 के आदेश को निरस्त किया जाए साथ ही पूरे प्रकरण की जांच प्रमुख सचिव की निगरानी में दी जाए

बाईट - पुष्यमित्र भार्गव, याचिकाकर्ता वकील


Conclusion:राजगढ़ में हुए घटनाक्रम के बाद बीजेपी लगातार इसका विरोध कर रही है पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इसका विरोध करने राजगढ़ पहुंचे हैं
Last Updated : Jan 22, 2020, 7:28 PM IST
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