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Hanuman Chalisa Row: मध्य प्रदेश के इस शहर में धड़ल्ले से बिक रही है हनुमान चालीसा, 30% बिक्री बढ़ी - इंदौर में सुंदरकांड की बिक्री बढ़ी

मंदिरों में हनुमान चालीसा पढ़ने के आह्वान के बाद धार्मिक पुस्तकों की दुकानों पर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड की किताबों की बिक्री 25 गुना तक बढ़ गई है. यह पहला मौका है जब हर वर्ग के लोगों का रुझान सुंदरकांड और हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. (hanuman chalisa row indore)

Hanuman Chalisa Row
हनुमान चालीसा की बिक्री बढ़ी
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Published : May 8, 2022, 10:34 PM IST

इंदौर। महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा घटनाक्रम और उत्तर प्रदेश में माइक उतारने की घटनाओं के बाद प्रदेश की आर्थिक राजधानी में भी हनुमान चालीसा को लेकर उत्साह बढ़ रहा है. स्थिति यह है कि यहां मंदिरों में हनुमान चालीसा पढ़ने के आह्वान के बाद धार्मिक पुस्तकों की दुकानों पर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड की किताबों की बिक्री 25 गुना तक बढ़ गई है. यह पहला मौका है जब हर वर्ग के लोगों का रुझान सुंदरकांड और हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. इस कारण पुस्तक विक्रेता भी खासे उत्साहित हैं. (hanuman chalisa row indore)

हनुमान चालीसा की बिक्री बढ़ी

हनुमान चालीसा को लेकर लोगों में रुझानः हाल ही में महाराष्ट्र के मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने की जिद पर अड़े महाराष्ट्र के राणा दंपति को गिरफ्तार किए जाने के बाद इंदौर के कुछ संगठनों ने भी मंदिरों में पांच टाइम हनुमान चालीसा पाठ करने का ऐलान किया था. इसके बाद कुछ मंदिरों में हनुमान चालीसा पाठ की शुरुआत हुई है. वहीं उत्तर प्रदेश में भी लाउडस्पीकर उतारे जाने के घटनाक्रम के बाद इंदौर जैसे महानगर में हनुमान चालीसा के प्रति लोगों का खासा उत्साह नजर आ रहा है. (hanuman chalisa purchasing in indore)

30 प्रतिशत बढ़ी हनुमान चालीसा की बिक्रीः धार्मिक पुस्तक विक्रेताओं की स्थिति यह है कि अमूमन इक्का-दुक्का बिकने वाली हनुमान चालीसा की पुस्तक की बिक्री अब 25 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है. इतना ही नहीं हनुमान चालीसा अब विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित की गई है, जिसमें उर्दू, बंगाली और पंजाबी समेत भारत में बोली जाने वाली तमाम भाषाओं में हनुमान चालीसा का प्रकाशन देशभर के विभिन्न पुस्तक विक्रेता और प्रकाशक कर रहे हैं. (hanumna chalisa chanting indore)

सुंदरकांड और हनुमान चालीसा में सभी का रुझानः पुस्तक विक्रेताओं का भी मानना है कि पहले की तुलना में हर आम तबके का रुझान सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के प्रति बढ़ा है. इसमें युवाओं की संख्या ज्यादा है. हालांकि घर के अन्य लोग मानते हैं कि हनुमान चालीसा का पाठ हिंदू परिवारों में सनातन धर्म से चला आ रहा है. इसमें किसी अन्य वर्ग के लोगों को आहत करने या ठेस पहुंचाने जैसी कोई बात नहीं है. इधर शहर में अब कई मंदिर ऐसे हैं, जिनमें श्रद्धालुओं द्वारा बड़ी संख्या में हनुमान चालीसा पाठ करने के लिए पुस्तकें भिजवाई गई हैं. (sundarkand paath indore)

मंगलवार और शनिवार को हो रहा पाठः हनुमान चालीसा का वाचन मंदिरों में खास तौर पर मंगलवार और शनिवार के दिन हो रहा है. इसके अलावा मंदिरों के कई नियमित श्रद्धालु ऐसे हैं, जो रोज ही मंदिर परिसर में हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. ऐसे पाठकों और श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में ही बड़ी संख्या में हनुमान चालीसा की पुस्तक और सुंदरकांड की पुस्तकें अब उपलब्ध हैं. इनका वाचन करने के बाद उन्हें मंदिर में ही रखवा दिया जाता है.

ब्रेल लिपि में हनुमान चालीसा, दृष्टिहीन भी पढ़ सकेंगे

विभिन्न वर्गों के लोग कर रहे हैं हनुमान चालीसा का पाठः दरअसल हिंदू संप्रदाय में हनुमान चालीसा का बड़ा महत्व है. इस छोटी सी पुस्तक में राम भक्त हनुमान की 40 चौपाइयों में वर्णन है. यह अत्यंत लघु रचना है, जिसमें भगवान पवन पुत्र हनुमान की सुंदर स्तुति की गई है. इस पुस्तक की विभिन्न वर्गों में बड़ी मांग है, इसलिए विभिन्न पुस्तक विक्रेताओं अथवा प्रकाशकों ने हनुमान चालीसा को विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित किया है.

इंदौर। महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा घटनाक्रम और उत्तर प्रदेश में माइक उतारने की घटनाओं के बाद प्रदेश की आर्थिक राजधानी में भी हनुमान चालीसा को लेकर उत्साह बढ़ रहा है. स्थिति यह है कि यहां मंदिरों में हनुमान चालीसा पढ़ने के आह्वान के बाद धार्मिक पुस्तकों की दुकानों पर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड की किताबों की बिक्री 25 गुना तक बढ़ गई है. यह पहला मौका है जब हर वर्ग के लोगों का रुझान सुंदरकांड और हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. इस कारण पुस्तक विक्रेता भी खासे उत्साहित हैं. (hanuman chalisa row indore)

हनुमान चालीसा की बिक्री बढ़ी

हनुमान चालीसा को लेकर लोगों में रुझानः हाल ही में महाराष्ट्र के मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने की जिद पर अड़े महाराष्ट्र के राणा दंपति को गिरफ्तार किए जाने के बाद इंदौर के कुछ संगठनों ने भी मंदिरों में पांच टाइम हनुमान चालीसा पाठ करने का ऐलान किया था. इसके बाद कुछ मंदिरों में हनुमान चालीसा पाठ की शुरुआत हुई है. वहीं उत्तर प्रदेश में भी लाउडस्पीकर उतारे जाने के घटनाक्रम के बाद इंदौर जैसे महानगर में हनुमान चालीसा के प्रति लोगों का खासा उत्साह नजर आ रहा है. (hanuman chalisa purchasing in indore)

30 प्रतिशत बढ़ी हनुमान चालीसा की बिक्रीः धार्मिक पुस्तक विक्रेताओं की स्थिति यह है कि अमूमन इक्का-दुक्का बिकने वाली हनुमान चालीसा की पुस्तक की बिक्री अब 25 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है. इतना ही नहीं हनुमान चालीसा अब विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित की गई है, जिसमें उर्दू, बंगाली और पंजाबी समेत भारत में बोली जाने वाली तमाम भाषाओं में हनुमान चालीसा का प्रकाशन देशभर के विभिन्न पुस्तक विक्रेता और प्रकाशक कर रहे हैं. (hanumna chalisa chanting indore)

सुंदरकांड और हनुमान चालीसा में सभी का रुझानः पुस्तक विक्रेताओं का भी मानना है कि पहले की तुलना में हर आम तबके का रुझान सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के प्रति बढ़ा है. इसमें युवाओं की संख्या ज्यादा है. हालांकि घर के अन्य लोग मानते हैं कि हनुमान चालीसा का पाठ हिंदू परिवारों में सनातन धर्म से चला आ रहा है. इसमें किसी अन्य वर्ग के लोगों को आहत करने या ठेस पहुंचाने जैसी कोई बात नहीं है. इधर शहर में अब कई मंदिर ऐसे हैं, जिनमें श्रद्धालुओं द्वारा बड़ी संख्या में हनुमान चालीसा पाठ करने के लिए पुस्तकें भिजवाई गई हैं. (sundarkand paath indore)

मंगलवार और शनिवार को हो रहा पाठः हनुमान चालीसा का वाचन मंदिरों में खास तौर पर मंगलवार और शनिवार के दिन हो रहा है. इसके अलावा मंदिरों के कई नियमित श्रद्धालु ऐसे हैं, जो रोज ही मंदिर परिसर में हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. ऐसे पाठकों और श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में ही बड़ी संख्या में हनुमान चालीसा की पुस्तक और सुंदरकांड की पुस्तकें अब उपलब्ध हैं. इनका वाचन करने के बाद उन्हें मंदिर में ही रखवा दिया जाता है.

ब्रेल लिपि में हनुमान चालीसा, दृष्टिहीन भी पढ़ सकेंगे

विभिन्न वर्गों के लोग कर रहे हैं हनुमान चालीसा का पाठः दरअसल हिंदू संप्रदाय में हनुमान चालीसा का बड़ा महत्व है. इस छोटी सी पुस्तक में राम भक्त हनुमान की 40 चौपाइयों में वर्णन है. यह अत्यंत लघु रचना है, जिसमें भगवान पवन पुत्र हनुमान की सुंदर स्तुति की गई है. इस पुस्तक की विभिन्न वर्गों में बड़ी मांग है, इसलिए विभिन्न पुस्तक विक्रेताओं अथवा प्रकाशकों ने हनुमान चालीसा को विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित किया है.

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