इंदौर। पाकिस्तान से आई गीता को अब इंदौर पुलिस स्किल डेवलपमेंट का कोर्स सिखा रही है, इन कोर्सेस को कराने के तहत इंदौर पुलिस उसे आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी कर रहा है. इसके साथ ही पाकिस्तान से आई गीता को उसके माता-पिता तक पहुंचाने के लिए इंदौर पुलिस कई तरह के जतन कर रही है, लेकिन उसके साथ ही अब गीता को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी पुलिस ने अपने कदम आगे बढ़ा दिए हैं. इसी कड़ी में उसे विभिन्न स्किल डेवलपमेंट कोर्स सिखाए जा रहे हैं.
वही जिस संस्था में वह रह रही थी उस संस्था से भी उसका घर बदल दिया गया और इंदौर के ही एक आनंद मूकबधिर संस्था को उसकी देखरेख का जिम्मा सौंप दिया गया. इसके बाद गीता की समस्या को देखते हुए इंदौर पुलिस ने एक पहल की शुरुआत की और उसे घर पहुंचाने का जिम्मा अब इंदौर पुलिस ने उठाया. उसे पिछले 15 दिनों में देश के विभिन्न जगहों के बारे में इंटरनेट के माध्यम से जानकारी दी गई, वहीं जीआरपी पुलिस के माध्यम से भी कई जगह के रेलवे स्टेशन बताए गए.
वहीं डीआईजी के निवेदन पर डीजीपी ने विभिन्न प्रदेशों के डीजीपी को एक पत्र लिखा है जिसमें गीता के 8 साल की उम्र का फोटो एवं एक संदेश उसके माता-पिता के बारे में लिखा है, यह संदेश हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में है. जहां इंदौर पुलिस उसके घर पहुंचाने की कड़ी मशक्कत कर रही है, वहीं दूसरी ओर इंदौर पुलिस ने उसे आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में इंदौर के सरकारी कॉलेज जीएसआईटीएस में गीता को विभिन्न तरह की स्किल डेवलपमेंट के कोर्स सिखाये जा रहे हैं. वही इंदौर पुलिस ने भी यह संभावना जताई है कि यदि गीता कंप्यूटर ठीक से सीख जाएगी तो उसे इंदौर के एक प्रतिष्ठित संस्थान में नौकरी दे दी जाएगी.
फिलहाल इंदौर पुलिस गीता को उसके माता-पिता से मिलवाने के लिए जहां कड़ी मशक्कत करने में जुटी हुई है. वहीं गीता को बेहतर तरीके से गुजर बसर करने के लिए भी जी तोड़ मेहनत कर रही है, और इसी क्रम में उसे विभिन्न तरह के स्किल्ड कोर्स करवाए जा रहे हैं. इसके साथ ही उसके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों से बात करके उसे नौकरी दिलाने की भी व्यवस्था की जा रही है.