इंदौर। पांच साल पहले तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के विशेष प्रयासों से पाकिस्तान से भारत लाई गई गीता के परिजनों की तलाश अबतक पूरी नहीं हुई है. गीता विजयनगर स्थित आनंद मूक बधिर संस्था में रह रहीं हैं. इंदौर पुलिस गीता के असली परिजनों को खोजने की कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में बुधवार को गीता इंदौर के रेलवे स्टेशन पहुंची. जहां सांकेतिक भाषा के जरिए गीता ने बताया कि, उनके घर के पास रेलवे स्टेशन था. जहां पटरियों के आस-पास कोयला बिखर रहता था. वो जिस परिवार में रहती थी, वहां माता पिता के अलावा पांच भाई बहन थे.
अधिकारियों ने गीता को स्टेशन के पास मौजूद मंदिर और भाप के इंजन को दिखाया गया. पिछले दिनों गीता ने इंदौर पुलिस के आला अधिकारियों को बताया था कि, उसके घर के पास एक रेलवे स्टेशन है और उस रेलवे स्टेशन के पास माता का मंदिर भी है. इसी संबंध में उसे इंदौर रेलवे स्टेशन का भी विजिट करवाया गया. देशभर के रेलवे स्टेशनों के फोटो भी जीआरपी पुलिस ने दिखाए हैं.
इंदौर पुलिस कई दिनों से गीता को घर पहुंचाने के लिए मशक्कत कर रही है. लेकिन अभी तक इस कार्य में सफलता नहीं मिली है. ऐसा अंदेशा लगाया जा रहा है कि गीता साउथ के किसी राज्य से हो सकती है.