ETV Bharat / state

इंदौर से 20 किलोमीटर दूर बनी गौशाला का ईटीवी भारत ने किया रियलिटी चेक, जानिए क्या हैं यहां के हालात

author img

By

Published : Nov 27, 2020, 1:15 PM IST

प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में शहर से 20 किलोमीटर दूर गौशाला का निर्माण किया गया है. जहां पर करीब 800 गाय रखने की व्यवस्था इंदौर नगर निगम ने की है. ईटीवी भारत की टीम ने गौशाला में पहुंचकर वहां के वास्तविक हालातों का जायजा लिया है.

gaushala
गौशाला

इंदौर। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में शहर से 20 किलोमीटर दूर गौशाला का निर्माण किया गया है. जहां पर करीब 800 गाय रखने की व्यवस्था इंदौर नगर निगम ने की है. वहीं इंदौर शहर में समय-समय पर आवारा पशुओं के खिलाफ अभियान भी चलाया जाता है, और इस दौरान जो आवारा पशु नगर निगम की टीम को मिलता है उसे नगर निगम द्वारा संचालित गौशाला में रख दिया जाता है. 3 एकड़ में इस गौशाला का निर्माण किया गया है, जिसमें गायों को रखने के लिए 4 बाड़े बनाए गए हैं. इसके साथ ही गौशाला में तमाम तरह की सुविधा निगम के द्वारा रखी गई है.

गौशाला का रियलिटी चेक

रियलिटी चेक: 'भूख' से बेहाल गौशाला प्रबंधन, शिव'राज' में बिन पानी-बिजली तड़प रहीं गौमाता

करीब तीन एकड़ में बना है गौशाला

इंदौर से 20 किलोमीटर दूर रेशम केंद्र में 2 से 3 एकड़ में इस गौशाला का निर्माण इंदौर नगर निगम ने कराया है, और जहां पर तकरीबन चार से पांच बाड़े निगम के द्वारा गायों को रखने के लिए बनाए गए हैं. एक बाड़े में तकरीबन 200 गायों को रखा जाता है. इस तरह से इंदौर नगर निगम के द्वारा रेशम केंद्र में जो गौशाला बनाई गई हैं. उसमें एक साथ तकरीबन 800 गायों को रखा जा सकता है. वहीं गायों की देखरेख के लिए इंदौर नगर निगम ने 23 कर्मचारियों को नियुक्त किया है. जो सुबह शाम गायों की देखरेख में जुटे रहते हैं.

एजाज अहमद के कंधों पर कांजी हाउस गौशाला की जिम्मेदारी, भगवान भरोसे गौमाता की सेवा

गायों को रहने के लिए बेहतर इंतजाम

वहीं गायों के खाने का भी यहां पर कर्मचारियों के द्वारा विशेष ध्यान रखा जाता है. सुबह गायों को हरा चारा खिलाया जाता है. उसके बाद दोपहर में उन्हें भूसा दिया जाता है. भूसे में खली चापड़ और अन्य तरह की वस्तुएं मिलाकर दी जाती हैं. गौशाला में उन्हीं गायों को रखा जाता है, जिन गायों को इंदौर में गौ-पालकों के द्वारा आवारा छोड़ दिया जाता है. इन दिनों ठंड से बचने के लिए भी यहां पर इंदौर नगर निगम के अधिकारियों ने कई तरह की व्यवस्था की है.

निगम के अधिकारी करते हैं मॉनिटरिंग

पूरे इंदौर में जो आवारा पशु घूमते हैं, उन्हें इसी गौशाला में इंदौर नगर निगम के अधिकारी पकड़कर लाते हैं. और जो भी आवारा पशु यहां पर लाए जाते हैं. उनका विशेष तौर पर ध्यान भी रखा जाता है. इसको लेकर निगम के अधिकारी भी मॉनिटरिंग करते रहते हैं. इंदौर को स्मार्ट बनाने की मुहिम की जब से शुरुआत हुई है, उसी समय से इंदौर शहर में जो भी आवारा पशु थे उनकी धरपकड़ शुरू कर दी गई थी.

इंदौर। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में शहर से 20 किलोमीटर दूर गौशाला का निर्माण किया गया है. जहां पर करीब 800 गाय रखने की व्यवस्था इंदौर नगर निगम ने की है. वहीं इंदौर शहर में समय-समय पर आवारा पशुओं के खिलाफ अभियान भी चलाया जाता है, और इस दौरान जो आवारा पशु नगर निगम की टीम को मिलता है उसे नगर निगम द्वारा संचालित गौशाला में रख दिया जाता है. 3 एकड़ में इस गौशाला का निर्माण किया गया है, जिसमें गायों को रखने के लिए 4 बाड़े बनाए गए हैं. इसके साथ ही गौशाला में तमाम तरह की सुविधा निगम के द्वारा रखी गई है.

गौशाला का रियलिटी चेक

रियलिटी चेक: 'भूख' से बेहाल गौशाला प्रबंधन, शिव'राज' में बिन पानी-बिजली तड़प रहीं गौमाता

करीब तीन एकड़ में बना है गौशाला

इंदौर से 20 किलोमीटर दूर रेशम केंद्र में 2 से 3 एकड़ में इस गौशाला का निर्माण इंदौर नगर निगम ने कराया है, और जहां पर तकरीबन चार से पांच बाड़े निगम के द्वारा गायों को रखने के लिए बनाए गए हैं. एक बाड़े में तकरीबन 200 गायों को रखा जाता है. इस तरह से इंदौर नगर निगम के द्वारा रेशम केंद्र में जो गौशाला बनाई गई हैं. उसमें एक साथ तकरीबन 800 गायों को रखा जा सकता है. वहीं गायों की देखरेख के लिए इंदौर नगर निगम ने 23 कर्मचारियों को नियुक्त किया है. जो सुबह शाम गायों की देखरेख में जुटे रहते हैं.

एजाज अहमद के कंधों पर कांजी हाउस गौशाला की जिम्मेदारी, भगवान भरोसे गौमाता की सेवा

गायों को रहने के लिए बेहतर इंतजाम

वहीं गायों के खाने का भी यहां पर कर्मचारियों के द्वारा विशेष ध्यान रखा जाता है. सुबह गायों को हरा चारा खिलाया जाता है. उसके बाद दोपहर में उन्हें भूसा दिया जाता है. भूसे में खली चापड़ और अन्य तरह की वस्तुएं मिलाकर दी जाती हैं. गौशाला में उन्हीं गायों को रखा जाता है, जिन गायों को इंदौर में गौ-पालकों के द्वारा आवारा छोड़ दिया जाता है. इन दिनों ठंड से बचने के लिए भी यहां पर इंदौर नगर निगम के अधिकारियों ने कई तरह की व्यवस्था की है.

निगम के अधिकारी करते हैं मॉनिटरिंग

पूरे इंदौर में जो आवारा पशु घूमते हैं, उन्हें इसी गौशाला में इंदौर नगर निगम के अधिकारी पकड़कर लाते हैं. और जो भी आवारा पशु यहां पर लाए जाते हैं. उनका विशेष तौर पर ध्यान भी रखा जाता है. इसको लेकर निगम के अधिकारी भी मॉनिटरिंग करते रहते हैं. इंदौर को स्मार्ट बनाने की मुहिम की जब से शुरुआत हुई है, उसी समय से इंदौर शहर में जो भी आवारा पशु थे उनकी धरपकड़ शुरू कर दी गई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.