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Ganesh Chaturthi 2021: गाय के गोबर, पांच नदियों के जल, 7 तीर्थों की मिट्टी और, 76 औषधियों से बनी गणेश प्रतिमा

इंदौर के खंडेलवाल परिवार (Khandelwal family of Indore) ने शास्त्रीय विधान के साथ गणेश प्रतिमाओं का निर्माण (Making Ganesh Idols) किया है. इन मूर्तियों की मिट्टी में गाय का गोबर, पांच पवित्र नदियों का जल और 7 तीर्थों की मिट्टी के साथ ही कुल 76 औषधियों का अर्क मिलाया जा रहा है. इस प्रतिमा को बनाते समय मंत्रों का उच्चारण किया जाता है, ताकि मंत्र के पॉजिटिव कंपन भी मूर्ति में समा सकें. खंडेलवाल परिवार ने एक प्रतिमा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी भेजी है.

Ganesh Chaturthi 2021
Ganesh Chaturthi 2021
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Published : Sep 9, 2021, 10:38 PM IST

इंदौर। इस बार आप चाहे तो इको फ्रेंडली (Eco Friendly) नहीं बल्कि शास्त्रोक्त सामग्री और मंत्रोच्चार के बीच बनी मट्टी की गणेश प्रतिमा से गणेश उत्सव (Ganesh Utsav 2021) मना सकते हैं. जी हां इंदौर का खंडेलवाल परिवार (Khandelwal Family) इस तरह की प्रतिमाएं बना रहा है. परिवार का दावा है कि इस प्रतिमा को बनाने में 76 औषधियों के अर्क, पांच नदियों का जल और 7 तीर्थों की मिट्टी इस्तेमाल किया गया है. इस परिवार ने एक प्रतिमा को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) को भी भेजी है.

शास्त्रोक्त सामग्री और मंत्रोच्चार के बीच बनी गणेश प्रतिमा

शास्त्रों में वर्णित विधि के अनुसार बनाते है प्रतिमा

खंडेलवाल परिवार के सदस्य और मूर्तिकार सुबोध खंडेलवाल का कहना है कि पुराणों और शास्त्रों में भगवान गणेश की प्रतिमाओं को शास्त्रीय विधान के साथ बनाने का उल्लेख किया गया है. ऐसे में हमारा परिवार भी इस तरह की प्रतिमा बना रहा है. जिसकी मिट्टी में गाय का गोबर, पांच पवित्र नदियों का जल और 7 तीर्थों की मिट्टी के साथ ही कुल 76 औषधियों का अर्क मिलाया जा रहा है. इस प्रतिमा को बनाते समय मंत्रों का उच्चारण किया जाता है, ताकि मंत्र के पॉजिटिव कंपन भी मूर्ति में समा सकें.

Khandelwal family made idol of Lord Ganesha
खंडेलवाल परिवार ने बनाई भगवान गणेश की प्रतिमा

आज से ETV Bharat Madhya Pradesh पर देखिए गणेश उत्सव की स्पेशल कवरेज

मूर्ति के साथ दिए जाते है बीज

शास्त्रों के अनुसार इस तरह की बनी गणेश प्रतिमाओं में शक्ति और ऊर्जा का समावेश होता है. इन प्रतिमाओं को गणेश उत्सव के बाद घर में ही किसी भी बर्तन में विसर्जित किया जा सकता है. इस मूर्ति के साथ कुछ बीच भी दिए जाते हैं, ताकि इसी मिट्टी में उन चीजों को लगाकर घर में ही पौधों को तैयार कर लिया जाए. कहा जाता है कि इस मिट्टी को जिस भी पौधे में डाला जाता है, उस पौधे की बढ़त दुगनी तेजी के साथ होती है. क्योंकि इस मिट्टी में 76 औषधियों का अर्क मिला होता है.

पिछले 6 साल से बना रहे है मूर्ति

मूर्तिकार सुबोध खंडेलवाल का कहना है कि हम पिछले 6 साल से मूर्ति बना रहे है. इन मूर्तियों की डिमांड देश भर में है. महाराष्ट्र, यूपी, चेन्नई और दूसरे राज्यों में भी जाती है. यहां से लोग हर साल मूर्तियों का ऑर्डर देते है. हम ऑर्डर के अनुसार मूर्तियां भेजते है. इस साल उत्तर प्रदेश के सीए योगी आदित्यनाथ के लिए भी मूर्ति भेजी है.

Lord Ganesha Statue
भगवान गणेश की मूर्ति

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सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए भेजी मूर्ति

इन प्रतिमाओं की चर्चा देश में दूर-दूर तक फैली हुई है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के मीडिया एडवाइजर को इस मूर्ति के बारे में पता चला तो उन्होंने दो मूर्तियां मंगाई है. इनमें से एक मूर्ति वो खुद रखेंगे और एक मूर्ति सीएम आदित्यनाथ को देंगे. इंदौर में केवल एक परिवार के द्वारा यह मूर्तियां तैयार की जा रही है. परिवार का प्रयास है कि गणेश उत्सव के साथ ही शहर में पर्यावरण बचाने का संदेश भी दिया जाए, ताकि देश के सबसे साफ शहर का वातावरण भी शुद्ध हो सके. इन प्रतिमाओं को बनाते समय धार्मिक मान्यताओं का भी विशेष ध्यान रखा जाता है.

इंदौर। इस बार आप चाहे तो इको फ्रेंडली (Eco Friendly) नहीं बल्कि शास्त्रोक्त सामग्री और मंत्रोच्चार के बीच बनी मट्टी की गणेश प्रतिमा से गणेश उत्सव (Ganesh Utsav 2021) मना सकते हैं. जी हां इंदौर का खंडेलवाल परिवार (Khandelwal Family) इस तरह की प्रतिमाएं बना रहा है. परिवार का दावा है कि इस प्रतिमा को बनाने में 76 औषधियों के अर्क, पांच नदियों का जल और 7 तीर्थों की मिट्टी इस्तेमाल किया गया है. इस परिवार ने एक प्रतिमा को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) को भी भेजी है.

शास्त्रोक्त सामग्री और मंत्रोच्चार के बीच बनी गणेश प्रतिमा

शास्त्रों में वर्णित विधि के अनुसार बनाते है प्रतिमा

खंडेलवाल परिवार के सदस्य और मूर्तिकार सुबोध खंडेलवाल का कहना है कि पुराणों और शास्त्रों में भगवान गणेश की प्रतिमाओं को शास्त्रीय विधान के साथ बनाने का उल्लेख किया गया है. ऐसे में हमारा परिवार भी इस तरह की प्रतिमा बना रहा है. जिसकी मिट्टी में गाय का गोबर, पांच पवित्र नदियों का जल और 7 तीर्थों की मिट्टी के साथ ही कुल 76 औषधियों का अर्क मिलाया जा रहा है. इस प्रतिमा को बनाते समय मंत्रों का उच्चारण किया जाता है, ताकि मंत्र के पॉजिटिव कंपन भी मूर्ति में समा सकें.

Khandelwal family made idol of Lord Ganesha
खंडेलवाल परिवार ने बनाई भगवान गणेश की प्रतिमा

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मूर्ति के साथ दिए जाते है बीज

शास्त्रों के अनुसार इस तरह की बनी गणेश प्रतिमाओं में शक्ति और ऊर्जा का समावेश होता है. इन प्रतिमाओं को गणेश उत्सव के बाद घर में ही किसी भी बर्तन में विसर्जित किया जा सकता है. इस मूर्ति के साथ कुछ बीच भी दिए जाते हैं, ताकि इसी मिट्टी में उन चीजों को लगाकर घर में ही पौधों को तैयार कर लिया जाए. कहा जाता है कि इस मिट्टी को जिस भी पौधे में डाला जाता है, उस पौधे की बढ़त दुगनी तेजी के साथ होती है. क्योंकि इस मिट्टी में 76 औषधियों का अर्क मिला होता है.

पिछले 6 साल से बना रहे है मूर्ति

मूर्तिकार सुबोध खंडेलवाल का कहना है कि हम पिछले 6 साल से मूर्ति बना रहे है. इन मूर्तियों की डिमांड देश भर में है. महाराष्ट्र, यूपी, चेन्नई और दूसरे राज्यों में भी जाती है. यहां से लोग हर साल मूर्तियों का ऑर्डर देते है. हम ऑर्डर के अनुसार मूर्तियां भेजते है. इस साल उत्तर प्रदेश के सीए योगी आदित्यनाथ के लिए भी मूर्ति भेजी है.

Lord Ganesha Statue
भगवान गणेश की मूर्ति

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सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए भेजी मूर्ति

इन प्रतिमाओं की चर्चा देश में दूर-दूर तक फैली हुई है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के मीडिया एडवाइजर को इस मूर्ति के बारे में पता चला तो उन्होंने दो मूर्तियां मंगाई है. इनमें से एक मूर्ति वो खुद रखेंगे और एक मूर्ति सीएम आदित्यनाथ को देंगे. इंदौर में केवल एक परिवार के द्वारा यह मूर्तियां तैयार की जा रही है. परिवार का प्रयास है कि गणेश उत्सव के साथ ही शहर में पर्यावरण बचाने का संदेश भी दिया जाए, ताकि देश के सबसे साफ शहर का वातावरण भी शुद्ध हो सके. इन प्रतिमाओं को बनाते समय धार्मिक मान्यताओं का भी विशेष ध्यान रखा जाता है.

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