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कोरोना ने बेटों से छीना अंतिम संस्कार का हक, वीडियो कॉलिंग के जरिए पिता को दी अंतिम विदाई

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Published : Apr 10, 2020, 1:11 PM IST

इंदौर में कोरोना संक्रमित डॉक्टर की मौत के बाद अंतिम संस्कार में उनके तीनों बेटे और पत्नी शामिल नहीं हो पाए. तीनों बेटे आस्ट्रेलिया में हैं, उन्होंने वीडिया कॉलिंग के जरिए पिता के अंतिम दर्शन किए. वहीं डॉक्टर की पत्नी क्वारेंटाइन में हैं.

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वीडियो कॉलिंग से पिता के अंतिम दर्शन

इंदौर। देशभर में कोरोना महामारी से अब तक जितनी भी मौत हो रही हैं, उन सब का मार्मिक पहलू ये भी है कि, अधिकांश मामलों में मृतकों के परिजन उनका अंतिम संस्कार भी नहीं कर पा रहे हैं. जिसके चलते ये महामारी सामाजिक त्रासदी की भी वजह बन रही है. इसी दर्द से गुजर रह है मृतक डॉक्टर का परिवार. डॉक्टर शत्रुघ्न पंजवानी की कोरोना से हुई मौत के बाद उनकी पत्नी अकेली रह गईं, जो खुद क्वॉरेंटाइन हैं. जबकि उनके तीनों बेटे ऑस्ट्रेलिया में हैं. जिन्हें अपने पिता की मौत की खबर तो मिली, लेकिन अंतिम संस्कार में शामिल नहीं पाए. तीनों बेटे ने अपने पिता का अंतिम संस्कार वीडियो कॉलिंग के जरिए ही देखा. मोबाइल पर हाथ जोड़कर ही अपने पिता को अंतिम प्रणाम किया.

वीडियो कॉलिंग से बेटों ने पिता को दी अंतिम विदाई

गौरतलब है कि जनरल फिजिशियन डॉक्टर शत्रुघ्न पंजवानी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे. जिसके बाद उन्हें अरविंदो हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

कई मामले सामने आए

शहर के गुरु कृपा कॉलोनी में 48 वर्षीय शख्स की मौत हो गई थी. मृतक के परिवार में माता-पिता और भाई है. लेकिन तीनों अंतिम संस्कार में इसलिए नहीं हो पाए क्योंकि संक्रमण का खतरा था. उस शख्स का अंतिम संस्कार पूरे एहतियात के साथ नगर निगम कर्मियों ने किया था.

वहीं पलहर नगर में 65 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई थी. उनकी दो बेटियां हैं. एक लंदन में रहती है, दूसरी गंजबासौदा में. पिता के मरने की सूचना मिलने के बाद भी दोनों बेटियां उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाईं. इतना ही नहीं, उन्हें अंतिम दर्शन भी नसीब नहीं हुए.


इसके अलावा समवेत नगर में अकेली रहने वाली 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी.उनकी बेटी उज्जैन में रहती है. टोटल लॉकडाउन की वजह से वह भी अपने मां के अंतिम दर्शन तक नहीं कर पाई. मोहल्ले के लोगों ने ही अंतिम संस्कार कर दिया.

इंदौर। देशभर में कोरोना महामारी से अब तक जितनी भी मौत हो रही हैं, उन सब का मार्मिक पहलू ये भी है कि, अधिकांश मामलों में मृतकों के परिजन उनका अंतिम संस्कार भी नहीं कर पा रहे हैं. जिसके चलते ये महामारी सामाजिक त्रासदी की भी वजह बन रही है. इसी दर्द से गुजर रह है मृतक डॉक्टर का परिवार. डॉक्टर शत्रुघ्न पंजवानी की कोरोना से हुई मौत के बाद उनकी पत्नी अकेली रह गईं, जो खुद क्वॉरेंटाइन हैं. जबकि उनके तीनों बेटे ऑस्ट्रेलिया में हैं. जिन्हें अपने पिता की मौत की खबर तो मिली, लेकिन अंतिम संस्कार में शामिल नहीं पाए. तीनों बेटे ने अपने पिता का अंतिम संस्कार वीडियो कॉलिंग के जरिए ही देखा. मोबाइल पर हाथ जोड़कर ही अपने पिता को अंतिम प्रणाम किया.

वीडियो कॉलिंग से बेटों ने पिता को दी अंतिम विदाई

गौरतलब है कि जनरल फिजिशियन डॉक्टर शत्रुघ्न पंजवानी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे. जिसके बाद उन्हें अरविंदो हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

कई मामले सामने आए

शहर के गुरु कृपा कॉलोनी में 48 वर्षीय शख्स की मौत हो गई थी. मृतक के परिवार में माता-पिता और भाई है. लेकिन तीनों अंतिम संस्कार में इसलिए नहीं हो पाए क्योंकि संक्रमण का खतरा था. उस शख्स का अंतिम संस्कार पूरे एहतियात के साथ नगर निगम कर्मियों ने किया था.

वहीं पलहर नगर में 65 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई थी. उनकी दो बेटियां हैं. एक लंदन में रहती है, दूसरी गंजबासौदा में. पिता के मरने की सूचना मिलने के बाद भी दोनों बेटियां उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाईं. इतना ही नहीं, उन्हें अंतिम दर्शन भी नसीब नहीं हुए.


इसके अलावा समवेत नगर में अकेली रहने वाली 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी.उनकी बेटी उज्जैन में रहती है. टोटल लॉकडाउन की वजह से वह भी अपने मां के अंतिम दर्शन तक नहीं कर पाई. मोहल्ले के लोगों ने ही अंतिम संस्कार कर दिया.

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