इंदौर। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट के नाम का उपयोग कर सरकारी नौकरी दिलाने का दावा कर युवकों से धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. पुलिस दोनो आरोपियों से पूछताछ कर रही है.
- आरोपी बनाते थे फर्जी आदेश
नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने वाले मुख्य आरोपी रोहित बैरागी से पूछताछ करने पर जानकारी मिली कि देवास में उसका साथी हर्षल भटनागर कालानी एक कंसलटेंसी एजेंसी संस्था सेवार्थी एवं सामाजिक कल्याण सेवा संस्था के नाम से चलाता है. जिसके माध्यम से बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए आकर्षित करता था. मुख्य आरोपी अंशुल बैरागी को उनके बायोडाटा और वैकेंसी भेजता था. हर्षल भटनागर देवास स्थित अपने कार्यालय में फर्जी आदेश स्वयं टाइप कर आरोपी रोहित बैरागी को देता था. हर्षल भटनागर शासकीय आदेशों के पैटर्न की नकल करके ठीक वैसे ही फर्जी आदेश बनाता था.
योजना के नाम पर महिलाओं से धोखाधड़ी, पुलिस जांच में जुटी
- कई युवकों की शिकायत पर हुई करवाई
भंवरकुआं पुलिस को कई युवकों ने शिकायत की थी कि उन्हें संबंधित युवक ने मंत्री तुलसी सिलावट का नाम लेकर सरकारी नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया था. इसके एवज में प्रत्येक व्यक्ति से लाखों रुपए भी ऐड लिए थे. शुरुआती तौर पर कई युवक सामने आए. जिन्होंने पूरे मामले में शिकायत की. फिलहाल मुख्य आरोपी के पकड़ में आने के बाद उसके सहयोगियों को भी पुलिस पकड़ रही है.
- मंत्री सिलावट ने दिए जांच के आदेश
फिलहाल भंवरकुआ पुलिस इस पूरे ही मामले में काफी बारीकी से जांच पड़ताल में जुटी हुई है. पुलिस को अनुमान है कि जल्द ही पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर कई और आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सकता है. वही मंत्री तुलसी सिलावट को भी अपने नाम लेकर युवकों से ठगी की जानकारी लगी, तो उन्होंने भी भवर कुआं थाना प्रभारी को फोन लगाकर पूरे मामले में काफी बारीकी से जांच करने के निर्देश दिए हैं.