इंदौर। नए कृषि विधेयक बिल पर मोदी सरकार की किसानों से बातचीत विफल होने के बाद कांग्रेस ने भी अब इस मामले में मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. बुधवार रात इंदौर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है. इसी तरह किसानों का शोषण और किसान विरोधी कानून जारी रहा, तो हवा में चल रही यह सरकार देश को बर्बाद कर देगी.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एक निजी शादी समारोह में शामिल होने इंदौर पहुंचे थे. उनका कहना है कि देश का किसान शोषण का शिकार है. ऐसे में सरकार को समझना चाहिए कि जब देश की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है और किसानों के साथ न्याय नहीं होगा. किसानों की खरीदी और एमएसपी में प्राथमिक स्तर पर किसान हित में नीतियां नहीं बनेगी तो इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.
किसानों आंदोलन पर राष्ट्रपति के सचिव के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में राष्ट्रपति का सिर्फ एडवाइजरी रोल रहता है. किसी निर्णय पर संशोधन और उसे बदलना सरकार पर ही निर्भर है, लेकिन यदि यही हालात बने रहे तो हवा में चल रही मोदी सरकार देश को बर्बाद कर देगी.
किसानों का विरोध
कृषि कानूनों को वापस करने की मांग को लेकर सिंघु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन कई दिनों से जारी है. किसान सरकार से नए कृषि विधेयक बिल को वापस लेने की मांग कर रहे है, लेकिन सरकार अपने शर्तों पर अड़ी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ किसानों की हुई बैठक में भी गतिरोध दूर नहीं हो पाया था. सरकार इन कानूनों को किसान हितैषी बताकर उन्हें बरकरार रखने पर अड़ी है.
वहीं किसान नेता शिव कुमार कक्का का कहना है कि अगर तीन कृषि कानून रद्द नहीं किये गए तो किसान दिल्ली की तरफ आने वाले सभी रास्तों को एक-एक कर बंद करेंगे. उन्होंने कहा कि किसान संगठनों में कोई मतभेद नहीं है, जैसा कि मीडिया का एक धड़ा (मतभेद) दिखा रहा है.