इंदौर। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में ब्रांडेड कंपनियों के टैग लगाकर नकली कपड़े बेचने का मामला सामने आया है, जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने छापामार कार्रवाई करते हुए एक घर में दबिश दी, जहां पर 50 से 60 लाख रुपये का माल जब्त किया गया है. फिलहाल, इस पूरे मामले में पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई है. हालांकि, अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में कई और बड़े खुलासे हो सकते हैं.
वरिष्ठ अधिकारियों ने की छापामार कार्रवाई
दीपावली की धूम सिर चढ़कर बोल रही है, जिसका फायदा उठाते हुए कई लोग विभिन्न ब्रांडेड कंपनियों के टैग और लोगो लगाकर नकली सामान बाजारों में बेच रहे हैं. वहीं पिछले दिनों इंदौर क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि कुछ लोगों द्वारा बीइंग ह्यूमन, लिवाइस, एडिडास, नाइकी, वुडलैंड जैसे नामी ब्रांड के कपड़ों के टैग लगाकर बाजार में बेचा जा रहा है. इसी सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच ने जूनी इंदौर थाना क्षेत्र अंतर्गत सूर्यदेव नगर के एक घर में दबिश दी, जहां पर करीब एक साल पहले से किशन सिंघानी नाम के व्यक्ति ब्रांडेड कंपनियों के कपड़े सहित अन्य उपयोगी वस्तुएं बिना लिखा-पढ़ी के बेच रहा था. इसी पर क्राइम ब्रांच पुलिस ने गोडाउन पर कुछ पुलिसकर्मियों को ग्राहक बनाकर खरीदारी करने के लिए भेजा. जब पुलिसकर्मी ग्राहक बनकर कपड़े देखने पहुंचे, तो उन पर अलग-अलग कंपनियों के टैग लगे हुए थे. इस दौरान सूचना पुख्ता होने पर वरिष्ठ अधिकारियों ने गोडाउन में छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया.
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17 अलग ब्रांडेड कंपनियों के लगे टैग
छापामारी कार्रवाई के दौरान क्राइम ब्रांच की टीम को केल्विन किंग, वुडलैंड, एडिडास, नाइकी, बीइंग ह्यूमन सहित 17 अलग-अलग ब्रांडेड कंपनियों के टैग लगे कपड़े मिले, जिसको लेकर क्राइम ब्रांच पुलिस का मानना है कि, तीन मंजिला गोडाउन में अलग-अलग तरह के कपड़े शामिल थे, जिनकी कीमत तकरीबन 50 से 60 लाख रुपये के बीच आंकी जा रही है. इसी के साथ पूरे गोडाउन को सील कर दिया जाएगा. वहीं इस पूरे मामले में गोडाउन के मालिक किशन सिंघानी से पूछताछ की गई, जिसमें उसने बताया कि, यह सभी ब्रांडेड कंपनियों के टैग लगे कपड़े सहित अन्य सामान लुधियाना से आए हुए हैं, जो दीवाली में बेचे जाने थे. उसने यह भी बताया कि यह माल इंदौर के अलावा जबलपुर, बिलासपुर, रायसेन सहित अन्य कई जिलों में ट्रांसपोर्ट किया जाता था.
फिलहाल, इंदौर क्राइम ब्रांच पुलिस ने पूरे मामले में कार्रवाई करते हुए कॉपीराइट एक्ट सहित अन्य धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया है. वहीं कार्रवाई के दौरान जो माल टीम ने जब्त किया है. इसके संबंध में संचालक के पास से किसी तरह का कोई बिल नहीं पाया गया है, जिसके चलते पूरे मामले की सूचना जीएसटी विभाग को भी दी गई है. आने वाले समय में जीएसटी और इनकम टैक्स विभाग मामले में कार्रवाई कर सकता है.