इंदौर: मध्य प्रदेश में इनकम टैक्स की छापामार कार्रवाई को मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ ने राजनीतिक साजिश बताया है. उन्होंने कहा है कि पूरी कार्रवाई पूर्व प्रायोजित थी और कुछ ही लोगों पर इस कार्रवाई को किया गया. प्रवीण कक्कड़ ने कहा कि इनकम टैक्स की कार्रवाई के लिए अपनाई गई प्रोसीजर के खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर 11 अप्रैल को सुनवाई की जाएगी.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के चार ठिकानों पर इनकम टैक्स की टीम ने छापामार कार्रवाई की. प्रवीण कक्कड़ के मकान, ऑफिस और बाईपास स्थित जलसा गार्डन पर इनकम टैक्स ने तकरीबन 44 घंटे तक सर्चिंग की. छापे की कार्रवाई पूरी होने के बाद ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए प्रवीण कक्कड़ ने कहा है कि देर रात तकरीबन साढे़ तीन बजे सीआरपीएफ के जवानों के साथ इनकम टैक्स के अधिकारी उनके घर का दरवाजा तोड़कर दाखिल हुए. इनकम टैक्स की टीम ने प्रवीण कक्कड़ और उनके बेटे की कंपनियों की छानबीन की. प्रवीण कक्कड़ ने बताया कि उनकी पत्नी और बहू के लॉकर को भी इनकम टैक्स ने चेक किया, लेकिन उन्हें आपत्तिजनक दस्तावेज नहीं मिले. प्रवीण कक्कड़ ने यह भी कहा कि जितने भी कंपनियों के दस्तावेज छापे में पाए गए हैं, वो सभी आयकर में भी दर्शाई गई हैं. प्रवीण कक्कड़ ने इस पूरी कार्रवाई को राजनीतिक साजिश करार दिया है.
प्रवीण कक्कड़ का आरोप है कि इस तरह की साजिश आगे भी की जाएगी, क्योंकि वो मध्य प्रदेश के सीएम के साथ काम कर रहे हैं और यह पूरी कार्रवाई पार्टी और सरकार को डैमेज करने के लिए की गई है. प्रवीण कक्कड़ ने कहा कि पूरी कार्रवाई पहले से प्रायोजित थी, जिसमें ना तो एमपी सरकार को जानकारी दी गई और ना ही एमपी सरकार से किसी तरह की मदद ली गई. अश्विनी शर्मा से अपने संबंध होने पर प्रवीण कक्कड़ ने कहा कि वह अश्विनी शर्मा को पहचानते हैं, लेकिन उनके साथ मिलकर अधिकारियों के ट्रांसफर कराने वाली बात सरासर गलत है. प्रवीण कक्कड़ के मुताबिक प्रदेश में जो भी ट्रांसफर हुए हैं, वे सभी नियमानुसार हुए हैं और प्रदेश में हुए ट्रांसफर से उनका कोई संबंध भी नहीं है क्योंकि वह मुख्यमंत्री सहायता कोष का काम देखते हैं.
आयकर विभाग और सीआरपीएफ के द्वारा की गई कार्रवाई को चुनौती देने के सवाल पर प्रवीण कक्कड़ ने कहा कि वह कार्रवाई को किसी प्रकार की चुनौती नहीं देंगे लेकिन कार्रवाई के दौरान जो प्रोसीजर अपनाई गई है उसके खिलाफ वे हाईकोर्ट गए हैं.