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कंगाल पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा, 70.36 ट्रिलियन PKR की देनदारी - PAKISTAN ECONOMIC CRISIS

पाकिस्तान पहले से आर्थिक संकट से जूझ रहा है इसपर उसका लोन-कर्ज और भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया.

Pakistan's debt surges
पाकिस्तान का कर्ज बढ़ा (प्रतीकात्मक फोटो) (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

इस्लामाबाद: बढ़ते आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान का कर्ज मौजूदा वित्तवर्ष के पहले आठ महीनों में पाकिस्तानी रुपए (पीकेआर) 4,304 अरब तक बढ़ गया है. एआरवाई न्यूज ने आधिकारिक दस्तावेजों का हवाला देते यह रिपोर्ट दी.

रिपोर्ट के अनुसार जो लोन फरवरी में 64.810 ट्रिलियन पीकेआर से अधिक था वह अक्टूबर में बढ़कर 69.114 ट्रिलियन पीकेआर तक पहुंच गया. उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में टैक्स ईयर एक जुलाई से 30 जून तक होता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि के दौरान डोमेस्टिक लोन में 4,556 अरब पाकिस्तानी रुपये की वृद्धि हुई जबकि फॉरेन लोन में 251 अरब पाकिस्तानी रुपये की कमी आई.

परिणामस्वरूप डोमेस्टिक लोन अक्टूबर तक 47.231 ट्रिलियन पीकेआर रहा जो फरवरी में 42.675 ट्रिलियन पीकेआर था. दूसरी ओर फॉरेन लोन उसी अवधि के दौरान 22.134 ट्रिलियन पीकेआर से घटकर 21.884 ट्रिलियन पीकेआर हो गया.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले सप्ताह विश्व बैंक ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के बजट सहायता ऋण को रद्द कर दिया था. इसका कारण बताया गया कि इस्लामाबाद चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के तहत बिजली खरीद समझौतों में संशोधन सहित प्रमुख शर्तों को समय पर पूरा करने में विफल रहा था.

वाशिंगटन के लोन प्रदाता ने यह भी घोषणा की है कि वह चालू वित्त वर्ष के दौरान कोई नया बजट सहायता ऋण उपलब्ध नहीं कराएगा. इससे पाकिस्तान को और बढ़ झटका लगा है. उसके दो बिलियन अमेरिकी डॉलर के नए लोन को पाने की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस निर्णय का मुख्य कारण यह है कि पाकिस्तान ने अपना ऋण कोटा काफी हद तक समाप्त कर लिया है.

रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर में पाकिस्तान सरकार का कर्ज पाकिस्तानी मुद्रा (पीकेआर) 70.36 ट्रिलियन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया जो एक चौंका देने वाला आंकड़ा है. इससे देश की आर्थिक स्थिरता को लेकर चिंताएं पैदा हो रही हैं. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में ही संघीय ऋण में 1,448 बिलियन पाकिस्तानी रुपये की वृद्धि हुई, जिसमें अकेले अगस्त में 739 बिलियन पाकिस्तानी रुपये की वृद्धि हुई.

सितंबर 2023 और अगस्त 2024 के बीच संघीय सरकार का लोन 6,392 बिलियन पाकिस्तानी रुपये तक बढ़ गया. अगस्त 2024 तक डोमेस्टिक लोन 48,339 बिलियन पाकिस्तानी रुपये था, जबकि एक्टरनल लोन 22,023 बिलियन पाकिस्तानी रुपये था.

ये भी पढ़ें- कंगाल पाकिस्तान की बदलेगी किस्मत, पेट्रोल-गैस भंडार की खोज

इस्लामाबाद: बढ़ते आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान का कर्ज मौजूदा वित्तवर्ष के पहले आठ महीनों में पाकिस्तानी रुपए (पीकेआर) 4,304 अरब तक बढ़ गया है. एआरवाई न्यूज ने आधिकारिक दस्तावेजों का हवाला देते यह रिपोर्ट दी.

रिपोर्ट के अनुसार जो लोन फरवरी में 64.810 ट्रिलियन पीकेआर से अधिक था वह अक्टूबर में बढ़कर 69.114 ट्रिलियन पीकेआर तक पहुंच गया. उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में टैक्स ईयर एक जुलाई से 30 जून तक होता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि के दौरान डोमेस्टिक लोन में 4,556 अरब पाकिस्तानी रुपये की वृद्धि हुई जबकि फॉरेन लोन में 251 अरब पाकिस्तानी रुपये की कमी आई.

परिणामस्वरूप डोमेस्टिक लोन अक्टूबर तक 47.231 ट्रिलियन पीकेआर रहा जो फरवरी में 42.675 ट्रिलियन पीकेआर था. दूसरी ओर फॉरेन लोन उसी अवधि के दौरान 22.134 ट्रिलियन पीकेआर से घटकर 21.884 ट्रिलियन पीकेआर हो गया.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले सप्ताह विश्व बैंक ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के बजट सहायता ऋण को रद्द कर दिया था. इसका कारण बताया गया कि इस्लामाबाद चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के तहत बिजली खरीद समझौतों में संशोधन सहित प्रमुख शर्तों को समय पर पूरा करने में विफल रहा था.

वाशिंगटन के लोन प्रदाता ने यह भी घोषणा की है कि वह चालू वित्त वर्ष के दौरान कोई नया बजट सहायता ऋण उपलब्ध नहीं कराएगा. इससे पाकिस्तान को और बढ़ झटका लगा है. उसके दो बिलियन अमेरिकी डॉलर के नए लोन को पाने की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस निर्णय का मुख्य कारण यह है कि पाकिस्तान ने अपना ऋण कोटा काफी हद तक समाप्त कर लिया है.

रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर में पाकिस्तान सरकार का कर्ज पाकिस्तानी मुद्रा (पीकेआर) 70.36 ट्रिलियन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया जो एक चौंका देने वाला आंकड़ा है. इससे देश की आर्थिक स्थिरता को लेकर चिंताएं पैदा हो रही हैं. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में ही संघीय ऋण में 1,448 बिलियन पाकिस्तानी रुपये की वृद्धि हुई, जिसमें अकेले अगस्त में 739 बिलियन पाकिस्तानी रुपये की वृद्धि हुई.

सितंबर 2023 और अगस्त 2024 के बीच संघीय सरकार का लोन 6,392 बिलियन पाकिस्तानी रुपये तक बढ़ गया. अगस्त 2024 तक डोमेस्टिक लोन 48,339 बिलियन पाकिस्तानी रुपये था, जबकि एक्टरनल लोन 22,023 बिलियन पाकिस्तानी रुपये था.

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