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विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी, मांगे नहीं माने जाने पर करेंगे प्रदर्शन

विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को प्रदर्शन की चेतावनी दे दी है और इसको लेकर विभाग के कर्मचारी लगातार बैठकर कर इस तरह से मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे है. कर्मचारी इसकी रूपरेखा बना रहे हैं.

employees warned of demonstration regarding demands
मांगों को लेकर प्रदर्शन कि दी चेतावनी
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Published : Jun 20, 2021, 5:52 PM IST

इंदौर। विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहा है. इंदौर समेत पूरे मध्य प्रदेश में 3 जुलाई से विद्युत अधिकारी-कर्मचारी मोर्चा के सदस्य हाथों में पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. अपनी मांगों को लेकर विद्युत मंडल के अधिकारी, कर्मचारियों ने कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है.

3 जुलाई से करेंगे प्रदर्शन

विद्युत अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा 3 जुलाई से प्रदर्शन की शुरुआत करने की बात कह रहा है. इसके तहत पहले दिन सभी अधिकारी-कर्मचारी हाथों में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन जाहिर करेंगे. 7 जुलाई को जिला कलेक्टर कार्यालय पर मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन सौंपा जाएगा. जिसके बाद 14 जुलाई को 1 दिन काम बंद कर प्रदर्शन किया जाएगा और अगर तब भी सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है, तो विद्युत कर्मचारी अलग-अलग तरह से प्रदर्शन कर विरोध करेंगे.

समस्याओं को लेकर विधायक ने छुए बिजली कर्मचारी के पैर, 4 दिन में दूसरी बार धरना देने पहुंचे

काफी दिनों से लंबित है मांग

विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारी और अधिकारी काफी सालों से अपनी कई मांगों को लेकर प्रदर्शन करने में लगे हुए हैं. पिछले साल भी सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी मांगों को लेकर आश्वासन दिया था लेकिन उसके बाद भी अभी तक उनकी एक भी मांग पूरी नहीं हुई है और उसी को देखते हुए एक बार फिर प्रदर्शन की बात कही जा रही है.

हमने सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रर्दशन किया था लेकिन ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि मध्यप्रदेश सरकार अंदरूनी तौर पर बिजली कंपनियों के निजीकरण की तैयारी कर रही है. लेकिन इससे भी ज्यादा हमारी परेशानी की बात ये है कि सरकार ने विद्युत वितरण कंपनी के किसी भी नियमित, संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी को कोरोना योद्धा नहीं माना है. कर्मचारियों के न वैक्सीनेशन की कोई व्यवस्था हो रही है और न तो अस्पतालों में इलाज की कोई व्यवस्था है. इसीलिए कर्मियों में आक्रोश है. हमने ऊर्जा मंत्री को प्रेसीडेंट की कोठी पर प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन दिया था. इसके बाद भी किसी का भी ध्यान आकर्षण नहीं हुआ है. इस वजह से सभी संगठनों ने इक्कठा होकर संयुक्त मोर्चा के माध्यम से ऊर्जा मंत्री को आंदोलन की सूचना दी है. जिसमें हमने 15 दिन का नोटिस दिया है. 15 दिन बाद हम 3 जुलाई से आंदोलन करेंगे.

जीके वैष्णव, विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा

इंदौर। विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहा है. इंदौर समेत पूरे मध्य प्रदेश में 3 जुलाई से विद्युत अधिकारी-कर्मचारी मोर्चा के सदस्य हाथों में पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. अपनी मांगों को लेकर विद्युत मंडल के अधिकारी, कर्मचारियों ने कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है.

3 जुलाई से करेंगे प्रदर्शन

विद्युत अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा 3 जुलाई से प्रदर्शन की शुरुआत करने की बात कह रहा है. इसके तहत पहले दिन सभी अधिकारी-कर्मचारी हाथों में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन जाहिर करेंगे. 7 जुलाई को जिला कलेक्टर कार्यालय पर मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन सौंपा जाएगा. जिसके बाद 14 जुलाई को 1 दिन काम बंद कर प्रदर्शन किया जाएगा और अगर तब भी सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है, तो विद्युत कर्मचारी अलग-अलग तरह से प्रदर्शन कर विरोध करेंगे.

समस्याओं को लेकर विधायक ने छुए बिजली कर्मचारी के पैर, 4 दिन में दूसरी बार धरना देने पहुंचे

काफी दिनों से लंबित है मांग

विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारी और अधिकारी काफी सालों से अपनी कई मांगों को लेकर प्रदर्शन करने में लगे हुए हैं. पिछले साल भी सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी मांगों को लेकर आश्वासन दिया था लेकिन उसके बाद भी अभी तक उनकी एक भी मांग पूरी नहीं हुई है और उसी को देखते हुए एक बार फिर प्रदर्शन की बात कही जा रही है.

हमने सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रर्दशन किया था लेकिन ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि मध्यप्रदेश सरकार अंदरूनी तौर पर बिजली कंपनियों के निजीकरण की तैयारी कर रही है. लेकिन इससे भी ज्यादा हमारी परेशानी की बात ये है कि सरकार ने विद्युत वितरण कंपनी के किसी भी नियमित, संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी को कोरोना योद्धा नहीं माना है. कर्मचारियों के न वैक्सीनेशन की कोई व्यवस्था हो रही है और न तो अस्पतालों में इलाज की कोई व्यवस्था है. इसीलिए कर्मियों में आक्रोश है. हमने ऊर्जा मंत्री को प्रेसीडेंट की कोठी पर प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन दिया था. इसके बाद भी किसी का भी ध्यान आकर्षण नहीं हुआ है. इस वजह से सभी संगठनों ने इक्कठा होकर संयुक्त मोर्चा के माध्यम से ऊर्जा मंत्री को आंदोलन की सूचना दी है. जिसमें हमने 15 दिन का नोटिस दिया है. 15 दिन बाद हम 3 जुलाई से आंदोलन करेंगे.

जीके वैष्णव, विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा

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