मानव अधिकार दिवस के मौके पर शहर के सैंट राफेल स्कूल में घरेलू कामकाजी महिलाओं के हितों के संरक्षण को लेकर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, कार्यक्रम के दौरान घरेलू कामकाजी महिलाएं शामिल हुईं, कार्यक्रम में घरेलू कामकाजी महिलाओं द्वारा अपने हितों की रक्षा के लिए सरकार से मांग करने का संकल्प लिया, बता दे कि घरेलू कामकाजी महिलाएं लगातार अपने काम और अन्य मांगों को लेकर सरकार से लंबे समय से गुहार लगा रही हैं.
- सरकार नियम-कानून बनाने की मांग
मानव अधिकार दिवस के मौके पर महिलाओं ने सरकार से घरेलू कामकाजी महिलाओं के लिए नियम व कानून बनाने की मांग की, बता दें कि लंबे समय से घरेलू कामकाजी महिलाएं अपने वेतन निर्धारण स्वास्थ्य संबंधित सुविधाएं व अन्य मांगों को लेकर सरकार से मांग कर रही हैं, इसी को लेकर घरेलू कामकाजी महिलाओं द्वारा एक संगठन बनाया गया है.
यूनियन बनाकर हितों की रक्षा के लिए किया जा रहा काम
- सिस्टर रोसिना जोसफ़ के अनुसार 2006 में घरेलू कामकाजी महिलाओं के हितों की रक्षा करने और उन्हें सुविधा प्रदान करने के लिए यूनियन बनाई गई थी, जिसमें वर्तमान में करीब 3,200 महिलाएं रजिस्टर्ड सदस्य हैं, घरेलू कामकाजी महिलाएं कई बार परेशानियों का सामना करती हैं, स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों के चलते कई बार उनकी नौकरी भी चली जाती है, ऐसे में उनके हितों की रक्षा करने और उनके वेतन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए लगातार काम किए जा रहे हैं, इसी को लेकर आज एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था, जिसमें सभी घरेलू कामकाजी महिलाएं शामिल हुईं.