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प्राण प्रतिष्ठा पर बोले दिग्विजय सिंह, कहां गई रामलला की पुरानी मूर्ति, EVM पर उठाए सवाल - राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा

Digvijay Singh On Ram Idol: पूर्व सीएम व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह बुधवार को इंदौर पहुंचे. जहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए EVM पर बात करते हुए चुनाव आयोग से तीन सवाल किए. इसके अलाव अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूछा कि पुरानी मूर्ति कहां है?

Digvijay Singh On Ram Idol
प्राण प्रतिष्ठा पर बोले दिग्विजय सिंह
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 3, 2024, 10:14 PM IST

Updated : Jan 3, 2024, 10:54 PM IST

प्राण प्रतिष्ठा पर बोले दिग्विजय सिंह

इंदौर। मध्य प्रदेश सहित अन्य तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह अब सीधे तौर पर चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. बुधवार इंदौर में उन्होंने पूरे चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाते हुए. आयोग पर मनमानी और निष्पक्ष चुनाव नहीं करने को लेकर गंभीर आरोप लगाए. इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सवाल करते हुए पूछा कि भगवान राम की पुरानी मूर्ति कहां और नई मूर्ति की जरूरत क्यों पड़ी.

भगवान राम की पुरानी मूर्ति कहां हैं: दिग्विजय सिंह ने भगवान राम मंदिर की मूर्ति को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जिस मूर्ति को लेकर इतना विवाद हुआ. आखिर वह मूर्ति कहां है और नई मूर्ति की जरूरत क्यों पड़ी. साथ ही उन्होंने पूछा नई मूर्ति कहां से आ रही है. वहीं प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा मुझे अयोध्या जाने किसी आमंत्रण की जरुरत नहीं है. भगवान राम हमारे दिल में हैं. वहीं उनके द्वारा दान की गई राशि लौटाने पर उन्होंने कहा कि मैंने यह दान राशि पीएम को भेजी थी, लेकिन उन्होंने अयोध्या मंदिर न्यास को भेजने के लिए कहा, जिसे मैंने वहां भेज दिया.

EVM पर उठाए सवाल: अपने निजी कार्यक्रम के तहत इंदौर पहुंचे दिग्विजय सिंह ने कहा कि धीरे-धीरे आम जनता के बीच EVM के प्रति विश्वास काम होता नजर आ रहा है. इसके अलावा चुनाव आयोग के रवैए पर और ज्यादा शंका होने लगी है. उन्होंने कहा मुख्य न्यायाधीश ने सुझाव दिया था कि चुनाव आयोग के सदस्यों के चयन में प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता के साथ सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को भी होना चाहिए. यह सुप्रीम कोर्ट का अच्छा सुझाव था, क्योंकि लोकतंत्र का मूल आधार निष्पक्ष चुनाव है. निर्वाचन आयोग के सदस्यों के चयन के लिए मुख्य न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालय यदि यह सुझाव देते हैं, तो मान लिया जाना चाहिए था.

विपक्ष से नहीं मिलता चुनाव आयोग: उन्होंने कहा किस प्रकार से पीएम मोदी ने चुनाव आयोग के सदस्यों की चयन प्रक्रिया में खुद को रखा. अब आयोग में दो व्यक्ति एक तरफ हो गए और एक व्यक्ति एक तरफ तो निष्पक्षता कहां है. क्या माननीय चुनाव आयोग को निष्पक्ष नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अमित शाह और नरेंद्र मोदी कुछ भी कहें उनको चुनाव आयोग नोटिस नहीं देगा, लेकिन यदि कांग्रेस या विपक्षी दलों का कोई भी व्यक्ति एक शब्द बोल देगा, तो उसे तत्काल नोटिस मिल जाएगा. दिग्विजय सिंह ने कहा डेढ़ साल से वे लोग सवाल कर रहे हैं. इसी तरह कांग्रेस पार्टी और अन्य एलायंस ने इसी मुद्दे पर चुनाव आयोग से मिलने का समय मांगा, लेकिन 6 महीने से चुनाव आयोग हमें मिलने का समय नहीं दे रहा है. क्या यही निष्पक्षता है.

यहां पढ़ें...

दिग्विजय सिंह के चुनाव आयोग से तीन सवाल:

  1. निष्पक्ष चुनाव के लिए EVM मशीन में जो सॉफ्टवेयर डाला जाता है, वह सॉफ्टवेयर कौन तय करता है.
  2. वह सॉफ्टवेयर को उजागर क्यों नहीं किया जाता है.
  3. वीवी पैड मशीन में जो नाम और सिंबल लोड किया जाता है. वह इंटरनेट से कनेक्ट होता है कि नहीं आखिर यह चिप कहां से आती है और कौन लोड करता है सॉफ्टवेयर उसे पर कैसे रन करता है?

प्राण प्रतिष्ठा पर बोले दिग्विजय सिंह

इंदौर। मध्य प्रदेश सहित अन्य तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह अब सीधे तौर पर चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. बुधवार इंदौर में उन्होंने पूरे चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाते हुए. आयोग पर मनमानी और निष्पक्ष चुनाव नहीं करने को लेकर गंभीर आरोप लगाए. इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सवाल करते हुए पूछा कि भगवान राम की पुरानी मूर्ति कहां और नई मूर्ति की जरूरत क्यों पड़ी.

भगवान राम की पुरानी मूर्ति कहां हैं: दिग्विजय सिंह ने भगवान राम मंदिर की मूर्ति को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जिस मूर्ति को लेकर इतना विवाद हुआ. आखिर वह मूर्ति कहां है और नई मूर्ति की जरूरत क्यों पड़ी. साथ ही उन्होंने पूछा नई मूर्ति कहां से आ रही है. वहीं प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा मुझे अयोध्या जाने किसी आमंत्रण की जरुरत नहीं है. भगवान राम हमारे दिल में हैं. वहीं उनके द्वारा दान की गई राशि लौटाने पर उन्होंने कहा कि मैंने यह दान राशि पीएम को भेजी थी, लेकिन उन्होंने अयोध्या मंदिर न्यास को भेजने के लिए कहा, जिसे मैंने वहां भेज दिया.

EVM पर उठाए सवाल: अपने निजी कार्यक्रम के तहत इंदौर पहुंचे दिग्विजय सिंह ने कहा कि धीरे-धीरे आम जनता के बीच EVM के प्रति विश्वास काम होता नजर आ रहा है. इसके अलावा चुनाव आयोग के रवैए पर और ज्यादा शंका होने लगी है. उन्होंने कहा मुख्य न्यायाधीश ने सुझाव दिया था कि चुनाव आयोग के सदस्यों के चयन में प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता के साथ सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को भी होना चाहिए. यह सुप्रीम कोर्ट का अच्छा सुझाव था, क्योंकि लोकतंत्र का मूल आधार निष्पक्ष चुनाव है. निर्वाचन आयोग के सदस्यों के चयन के लिए मुख्य न्यायाधीश और उच्चतम न्यायालय यदि यह सुझाव देते हैं, तो मान लिया जाना चाहिए था.

विपक्ष से नहीं मिलता चुनाव आयोग: उन्होंने कहा किस प्रकार से पीएम मोदी ने चुनाव आयोग के सदस्यों की चयन प्रक्रिया में खुद को रखा. अब आयोग में दो व्यक्ति एक तरफ हो गए और एक व्यक्ति एक तरफ तो निष्पक्षता कहां है. क्या माननीय चुनाव आयोग को निष्पक्ष नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अमित शाह और नरेंद्र मोदी कुछ भी कहें उनको चुनाव आयोग नोटिस नहीं देगा, लेकिन यदि कांग्रेस या विपक्षी दलों का कोई भी व्यक्ति एक शब्द बोल देगा, तो उसे तत्काल नोटिस मिल जाएगा. दिग्विजय सिंह ने कहा डेढ़ साल से वे लोग सवाल कर रहे हैं. इसी तरह कांग्रेस पार्टी और अन्य एलायंस ने इसी मुद्दे पर चुनाव आयोग से मिलने का समय मांगा, लेकिन 6 महीने से चुनाव आयोग हमें मिलने का समय नहीं दे रहा है. क्या यही निष्पक्षता है.

यहां पढ़ें...

दिग्विजय सिंह के चुनाव आयोग से तीन सवाल:

  1. निष्पक्ष चुनाव के लिए EVM मशीन में जो सॉफ्टवेयर डाला जाता है, वह सॉफ्टवेयर कौन तय करता है.
  2. वह सॉफ्टवेयर को उजागर क्यों नहीं किया जाता है.
  3. वीवी पैड मशीन में जो नाम और सिंबल लोड किया जाता है. वह इंटरनेट से कनेक्ट होता है कि नहीं आखिर यह चिप कहां से आती है और कौन लोड करता है सॉफ्टवेयर उसे पर कैसे रन करता है?
Last Updated : Jan 3, 2024, 10:54 PM IST
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