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Indore News: महिला की मौत के बाद जागा प्रशासन, अवैध रूप से संचालित अस्पताल को किया सील, FIR दर्ज - indore pregnant woman death

इंदौर में प्रशासनिक अधिकारी किस कदर लापरवाह हैं, इसकी बानगी एक बार फिर देखने को मिली. यहां एक प्रसूता की मौत के बाद पता लगा कि स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे बिना जरूरी अनुमतियों के अस्पताल चलाए जा रहे हैं. अब ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

indore Illegal hospital
इंदौर अवैध अस्पताल कार्रवाई
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Published : Feb 26, 2023, 4:44 PM IST

इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में जनता की जान के साथ खुलेआम खिलवाड़ चल रहा है. आला अधिकारी भी इस ओर से अपनी आंखें मूंदे बैठे हैं. ऐसा ही एक और मामला सामने आया है. जिसमें अवैध रूप से संचालित अस्पताल मदर केयर नर्सिंग होम में इलाज में लापरवाही के चलते प्रसूता की मौत हो गई. मामले के तूल पकड़ने के बाद प्रशासन की नींद खुली और अस्पताल सील करने के साथ ही संचालकों के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं.

स्वास्थ्य समिति की बैठक में उठा मामला : इंदौर में शनिवार को स्वास्थ्य समिति की बैठक में मूसाखेड़ी स्थित मदर केयर नर्सिंग होम में डिलीवरी के दौरान प्रसूता की मौत का मामला आया. जांच के बाद पता चला कि इस नर्सिंग होम को संचालित करने के लिए जरूरी अनुमतियां ही नहीं ली गई हैं. बीते कई सालों से यह अस्पताल अवैध रूप से ही संचालित हो रहा है. अब इस मामले में कार्रवाई करते हुए इंदौर कलेक्टर इलैयाराजा टी ने नर्सिंग होम को सील करने और उसके संचालकों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. लापरवाही बरतने के आरोपी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा जोनल ऑफिसर को शोकॉज नोटिस भी जारी किए गए हैं.

मध्यप्रदेश में अफसरों की लापरवाही से जुड़ीं अन्य खबरें भी जरूर पढ़ें

प्रबंधन ने आरोपों को गलत बताया : स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मदर केयर नर्सिंग होम का संचालन शफी कुरैशी और रफीक कुरैशी कर रहे थे. इस अस्पताल में डॉ. दीपिका कटारिया, डॉ. आशुतोष शर्मा और डॉ. जुनैद आदि प्रैक्टिस करते हैं. यह सभी महिला की मौत मामले में अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. डॉ. जुनैद का कहना है कि उनके हॉस्पिटल में इस तरह की घटना ही नहीं हुई है. अस्पताल के पास सभी जरूरी अनुमतियां हैं. फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग की ओर से उन्हें कोई नोटिस भी नहीं मिला है.

कलेक्टर ने दिए कड़े निर्देश : स्वास्थ्य समिति की बैठक में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने निर्देश दिए कि इंदौर जिले में मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए जरूरी सुविधा और इंतजाम सभी शासकीय अस्पतालों में सुनिश्चित किए जाएं. प्रसूति के दौरान किसी भी प्रसूता एवं नवजात शिशु की मृत्यु की घटना को गंभीरता से लिया जाएगा. किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. प्रसव के दौरान मृत्यु होने पर तुरंत जांच कराई जाएगी. दोषी चिकित्सकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी. कलेक्टर ने कहा कि बगैर अनुमति किसी भी चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ अथवा अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी कहीं नहीं लगाई जाए। कोई अटैचमेंट भी बगैर अनुमति की नहीं किया जाएगा.

इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में जनता की जान के साथ खुलेआम खिलवाड़ चल रहा है. आला अधिकारी भी इस ओर से अपनी आंखें मूंदे बैठे हैं. ऐसा ही एक और मामला सामने आया है. जिसमें अवैध रूप से संचालित अस्पताल मदर केयर नर्सिंग होम में इलाज में लापरवाही के चलते प्रसूता की मौत हो गई. मामले के तूल पकड़ने के बाद प्रशासन की नींद खुली और अस्पताल सील करने के साथ ही संचालकों के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं.

स्वास्थ्य समिति की बैठक में उठा मामला : इंदौर में शनिवार को स्वास्थ्य समिति की बैठक में मूसाखेड़ी स्थित मदर केयर नर्सिंग होम में डिलीवरी के दौरान प्रसूता की मौत का मामला आया. जांच के बाद पता चला कि इस नर्सिंग होम को संचालित करने के लिए जरूरी अनुमतियां ही नहीं ली गई हैं. बीते कई सालों से यह अस्पताल अवैध रूप से ही संचालित हो रहा है. अब इस मामले में कार्रवाई करते हुए इंदौर कलेक्टर इलैयाराजा टी ने नर्सिंग होम को सील करने और उसके संचालकों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. लापरवाही बरतने के आरोपी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा जोनल ऑफिसर को शोकॉज नोटिस भी जारी किए गए हैं.

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प्रबंधन ने आरोपों को गलत बताया : स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मदर केयर नर्सिंग होम का संचालन शफी कुरैशी और रफीक कुरैशी कर रहे थे. इस अस्पताल में डॉ. दीपिका कटारिया, डॉ. आशुतोष शर्मा और डॉ. जुनैद आदि प्रैक्टिस करते हैं. यह सभी महिला की मौत मामले में अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. डॉ. जुनैद का कहना है कि उनके हॉस्पिटल में इस तरह की घटना ही नहीं हुई है. अस्पताल के पास सभी जरूरी अनुमतियां हैं. फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग की ओर से उन्हें कोई नोटिस भी नहीं मिला है.

कलेक्टर ने दिए कड़े निर्देश : स्वास्थ्य समिति की बैठक में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने निर्देश दिए कि इंदौर जिले में मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए जरूरी सुविधा और इंतजाम सभी शासकीय अस्पतालों में सुनिश्चित किए जाएं. प्रसूति के दौरान किसी भी प्रसूता एवं नवजात शिशु की मृत्यु की घटना को गंभीरता से लिया जाएगा. किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. प्रसव के दौरान मृत्यु होने पर तुरंत जांच कराई जाएगी. दोषी चिकित्सकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी. कलेक्टर ने कहा कि बगैर अनुमति किसी भी चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ अथवा अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी कहीं नहीं लगाई जाए। कोई अटैचमेंट भी बगैर अनुमति की नहीं किया जाएगा.

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