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किसानों की खाद से बना रहा था नकली उत्पाद! क्राइम ब्रांच-कृषि विभाग की संयुक्त कार्रवाई में खुला राज

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Published : Oct 14, 2021, 1:25 PM IST

जिसे भी मौका मिलता है किसानों के हक पर डाका डालने से बाज नहीं आता है, अब किसानों को सब्सिडी पर मिलने वाली यूरिया का इस्तेमाल नकली लिक्विड सोप बनाने में किया जा रहा है, जिसका खुलासा छापेमारी के बाद हुआ है.

Crime branch raids on fake products made from subsidized urea
यूरिया से बन रहा नकली लिक्विड सोप

इंदौर। त्यौहारी सीजन आते ही प्रशासन मिलावटखोरों पर शिकंजा कसना शुरू कर देता है, इंदौर क्राइम ब्रांच और कृषि विभाग ने चंदन नगर थाना क्षेत्र में छापेमारी कर जो खुलासा किया है, वह बेहद हैरान करने वाला है. प्रदेश का किसान इस वक्त फर्टिलाइजर की किल्लत से जूझ रहा है, जिस खाद के लिए किसान दिन-रात लाइन में लगे हैं, उसी यूरिया का उपयोग कर लिक्विड सोप तैयार किए जा रहा है, जिसका उपयोग बर्तन साफ करने के साथ ही कपड़े धोने में किया जाता है. मेसर्स बुरहानी केमिकल्स जोकि धार रोड नवदापंथ में मौजूद है, वहां पर छापेमारी बड़ी गड़बड़ी उजागर की है. साथ ही फर्म के प्रोपराइटर बुरहानुद्दीन के खिलाफ प्रकरण भी दर्ज किया है.

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यहां तैयार किया जाता था नकली प्रोडक्ट

इस कंपनी में फसलों में पड़ने वाली यूरिया का उपयोग कर लिक्विड सोप तैयार किया जा रहा था, ऊपर से कमर्शियल की बजाय सब्सिडी वाली यूरिया का भी इस्तेमाल किया जा रहा था, फर्म संचालक किसान के माध्यम से सब्सिडी वाली यूरिया खरीदता था. उसी के आधार पर करवाई की गई है और बड़ी मात्रा में यूरिया भी बरामद किया है, अब लिक्विड सोप की गुणवत्ता भी जांची जा रही है कि किस-किस ब्रांड के नकली प्रोडक्ट तैयार किये जाते थे. कंपनी द्वारा लिक्विड सोप प्रदेश के विभिन्न शहरों के अलावा कई राज्यों में भी सप्लाई किया जाता था, अधिकतर सप्लाई महाराष्ट्र के शहरों में किया जाता था, अब प्रोपराइटर से पूछताछ की जा रही है.

कुछ दिन बाद पीले पड़ जाते हैं कपड़े-बर्तन

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लिक्विड सोप तैयार करने के लिए कुछ प्रतिशत यूरिया का प्रयोग आमतौर पर किया जाता है, लेकिन जिस कंपनी पर कार्रवाई की गई है, उसका संचालक नियमों के विपरीत यूरिया का उपयोग कर रहा था, जोकि स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है. कंपनी संचालक का कहना है कि वह यूरिया को लिक्विड सोप में इसलिए मिलाता था, ताकि बर्तन और कपड़े सफाई के बाद ज्यादा चमकदार नजर आएं, लेकिन इसके इस्तेमाल से कुछ दिनों बाद कपड़े-बर्तन पीले पड़ने लगते हैं और खराब हो जाता है.

लैब रिपोर्ट आने के बाद बढ़ाई जाएगी धारा

क्राइम ब्रांच के एडिशनल एसपी गुरु प्रसाद पाराशर का कहना है कि जो भी सामान जब्त किया गया है, उसे जांच के लिए लैब भेज दिया या है, लैब से रिपोर्ट आने के बाद प्रोपराइटर के खिलाफ और भी धाराओं में प्रकरण दर्ज किया जा सकता है. आने वाले दिनों में अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की जा सकती है.

इंदौर। त्यौहारी सीजन आते ही प्रशासन मिलावटखोरों पर शिकंजा कसना शुरू कर देता है, इंदौर क्राइम ब्रांच और कृषि विभाग ने चंदन नगर थाना क्षेत्र में छापेमारी कर जो खुलासा किया है, वह बेहद हैरान करने वाला है. प्रदेश का किसान इस वक्त फर्टिलाइजर की किल्लत से जूझ रहा है, जिस खाद के लिए किसान दिन-रात लाइन में लगे हैं, उसी यूरिया का उपयोग कर लिक्विड सोप तैयार किए जा रहा है, जिसका उपयोग बर्तन साफ करने के साथ ही कपड़े धोने में किया जाता है. मेसर्स बुरहानी केमिकल्स जोकि धार रोड नवदापंथ में मौजूद है, वहां पर छापेमारी बड़ी गड़बड़ी उजागर की है. साथ ही फर्म के प्रोपराइटर बुरहानुद्दीन के खिलाफ प्रकरण भी दर्ज किया है.

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यहां तैयार किया जाता था नकली प्रोडक्ट

इस कंपनी में फसलों में पड़ने वाली यूरिया का उपयोग कर लिक्विड सोप तैयार किया जा रहा था, ऊपर से कमर्शियल की बजाय सब्सिडी वाली यूरिया का भी इस्तेमाल किया जा रहा था, फर्म संचालक किसान के माध्यम से सब्सिडी वाली यूरिया खरीदता था. उसी के आधार पर करवाई की गई है और बड़ी मात्रा में यूरिया भी बरामद किया है, अब लिक्विड सोप की गुणवत्ता भी जांची जा रही है कि किस-किस ब्रांड के नकली प्रोडक्ट तैयार किये जाते थे. कंपनी द्वारा लिक्विड सोप प्रदेश के विभिन्न शहरों के अलावा कई राज्यों में भी सप्लाई किया जाता था, अधिकतर सप्लाई महाराष्ट्र के शहरों में किया जाता था, अब प्रोपराइटर से पूछताछ की जा रही है.

कुछ दिन बाद पीले पड़ जाते हैं कपड़े-बर्तन

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लिक्विड सोप तैयार करने के लिए कुछ प्रतिशत यूरिया का प्रयोग आमतौर पर किया जाता है, लेकिन जिस कंपनी पर कार्रवाई की गई है, उसका संचालक नियमों के विपरीत यूरिया का उपयोग कर रहा था, जोकि स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है. कंपनी संचालक का कहना है कि वह यूरिया को लिक्विड सोप में इसलिए मिलाता था, ताकि बर्तन और कपड़े सफाई के बाद ज्यादा चमकदार नजर आएं, लेकिन इसके इस्तेमाल से कुछ दिनों बाद कपड़े-बर्तन पीले पड़ने लगते हैं और खराब हो जाता है.

लैब रिपोर्ट आने के बाद बढ़ाई जाएगी धारा

क्राइम ब्रांच के एडिशनल एसपी गुरु प्रसाद पाराशर का कहना है कि जो भी सामान जब्त किया गया है, उसे जांच के लिए लैब भेज दिया या है, लैब से रिपोर्ट आने के बाद प्रोपराइटर के खिलाफ और भी धाराओं में प्रकरण दर्ज किया जा सकता है. आने वाले दिनों में अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की जा सकती है.

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