इंदौर। शहर में कोरोना महामारी तेजी से फैल रही हैं. विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले संक्रमित मरीजों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी हैं. इसी कड़ी में सेंट्रल जेल में भी कैदी संक्रमित हुए थे, लेकिन कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए वह पूरी तरीके से अब ठीक हो चुके हैं. सेंट्रल जेल में एक भी कैदी कोरोना संक्रमित नहीं हैं. वहीं जेल प्रबंधक भी कैदियों को वैक्सीन लगाने में लगे हैं. जेल प्रबंधक द्वारा कई बंदियों को टीका भी लगाया जा चुका हैं.
कोरोना महामारी ने जमकर तबाही मचाई हैं, जिसके कारण कई लोगों की कोरोना से मौत भी हो गई, लेकिन सेंट्रल जेल की बात करें, तो पिछले दिनों कोरोना संक्रमण के कारण कई कैदी संक्रमित हुए थे, लेकिन जेल प्रबंधक ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाया, जिसके तहत कैदी ठीक हो गए. अब सेंट्रल जेल में एक भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं हैं.
सुबह हल्दी वाला पानी और रात में हल्दी वाल दूध
जेल प्रबंधक अभी भी कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवा रहे हैं. जेल के अंदर जो भी बन्दी हैं, उन्हें सबसे पहले सुबह उठते ही हल्दी वाला पानी पिलाया जाता हैं. इसी के साथ सोते समय उन्हें हल्दी वाला दूध दिया जाता हैं. हल्दी वाला दूध उन्हीं कैदियों को दिया जाता है, जिन्हें सर्दी, खांसी या नार्मल फीवर रहता हैं. इसी के साथ जेल प्रबंधक समय-समय पर जेल के अंदर बंद कैदियों को काढ़ा सहित इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरह की दवाई भी दे रहे हैं.
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तकरीबन 2300 से अधिक कैदी बंद
कोरोना गाइडलाइन को देखते हुए पिछले दिनों कई कैदियों को पेरोल पर छोड़ा जा चुका हैं, लेकिन उसके बाद भी तकरीबन 2300 के आसपास कैदी अभी भी सेंट्रल जेल में बंद हैं. 2300 कैदियों में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन हों, इसके लिए जेल प्रबंधक ने अलग-अलग तरह की योजना बनाई हुई हैं. साथ ही एक बैरक में तकरीबन 40 से अधिक कैदियों को रखा जाता था, तो वहीं अब एक बैरक में 20 से 25 कैदियों को रखा जा रहा हैं. सुबह-शाम जो जरूरी काम होते हैं, उन्हें करने के लिए जेल के अंदर बैरक खोलने का भी समय तय किया गया हैं. एक बार में एक बैरक में बंद कैदियों को ही रिहा किया जाता है. जब उनका सारा काम हो जाता है, तो दूसरे बैरक में बंद कैदियों को बाहर निकाल लिया जाता हैं.
ग्रीन जोन में आई सेंट्रल जेल
अभी भी विभिन्न क्षेत्रों में लगातार कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं, लेकिन अगर सेंट्रल जेल की बात करें, तो एक भी कैदी कोरोना संक्रमित नहीं हैं, जिसके कारण सेंट्रल जेल ग्रीन जोन में आ गई है, लेकिन उसके बाद भी लगातार यहां पर कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाया जा रहा हैं.
वैक्सीन भी लगवाई जा रही हैं
सेंट्रल जेल में कैदियों को वैक्सीन लगवाई जा रही हैं. अभी तक जितने भी कैदी जेल के अंदर हैं, उनमें से अधिकतर को प्रथम वैक्सीन का डोज लग चुका हैं. जल्द ही वैक्सीन का सेकंड डोज कैदियों को लगाया जाएगा.
बता दें कि, सेंट्रल जेल प्रबंधक ने सबसे पहले उन कैदियों को वैक्सीन लगवाई, जिन्हें पेरोल मिलने वाली थी. अब उनके लौटने के बाद उन्हें सेकंड डोज लगाया जाएगा.