इंदौर। कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने सातवीं आर्थिक जनगणना 2019 के तहत मोबाइल एप का शुभारंभ किया है. सातवीं आर्थिक जनगणना भारत में पहली बार मोबाइल एप के माध्यम से कराया जा रहा है.
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत नेहा मीना एवं संभागीय योजना एवं सांख्यिकी विभाग के संयुक्त संचालक जेपी परिहार द्वारा हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया गया. नेहा मीना ने बताया कि देश में पहली बार सातवीं आर्थिक जनगणना 2019 का सर्वेक्षण डिजिटल तकनीक से हो रहा है. इसमें भारत सरकार द्वारा मोबाइल एप्लीकेशन तैयार किया गया है. जिसमें सर्वेक्षण की अनुसूची डाली गई है. डिजिटली सर्वेक्षण के डेटा ऑनलाइन ऑन-द-स्पॉट फीड किए जाएंगे.
संयुक्त संचालक जेपी परिहार ने बताया कि जिले में नागरिक सुविधा केंद्र (सीएससी) के माध्यम से कुल 1,661 प्रगणकों के माध्यम से गणना कार्य किया जाएगा. साथ ही 353 सुपरवाइजरों द्वारा उसका पर्यवेक्षण किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि जिले के सभी गैर व्यावसयिक और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को जियो टैग मैपिंग के माध्यम से कई अधिनियमों में पंजीकृत प्रतिष्ठानों की जानकारी जमा की जाएगी. असंगठित समूहों की व्यावसायिक गतिविधियों की जानकारी जमा की जाएगी. खास बता ये है कि इन व्यावसयिक गतिविधियों में कृषि क्षेत्र और सरकारी कार्यालय को शामिल नहीं किया गया है.
संभागीय योजना एवं सांख्यिकी विभाग के संयुक्त संचालक जेपी परिहार ने सभी लोगों से अनुरोध किया है कि अपने प्रतिष्ठान पर आने वाले (सीएससी) के प्रगणकों को सही-सही जानकारी दी जाए. जानकारी गोपनीय रखी जाएगी. प्रगणक एक नीयत ड्रेस कोड जिसमें सफेद टी-शर्ट, टोपी और हर प्रगणक के पास प्राधिकार पत्र होगा.