इंदौर। देशभर में स्वच्छता के रिकॉर्ड बनाने वाला इंदौर शहर अब गीले कचरे से बड़े पैमाने पर बायो मीथेन गैस बनाने जा रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगर निगम के बायो-मेथेनाइजेशन प्लांट का भूमि पूजन किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने यहां एक पौधा भी रोपा है. देश में चौथी बार स्वच्छता की मिसाल बनने पर शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर के प्रयासों को जमकर तारीफ की. सीएम ने अपने संबोधन में करीब 10 मिनट तक लगातार इंदौर के प्रयासों और इंदौर के लोगों की दिल खोलकर प्रशंसा की. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, इंदौर के लोग दुख दर्द के साथ स्वच्छता और विकास के नाम पर सबसे पहले आगे आते हैं. कोरोना संक्रमण के भीषण दौर में भी इंदौर के लोगों ने दुनिया भर में दवाइयां भेजीं और समाज सेवा का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया.
दरअसल शहर भर से रोज निकलने वाले 500 टन गीले कचरे को खत्म करने के लिए नगर निगम के देवगुराडिया स्थित प्लांट पर इतनी ही मात्रा में बायोमीथेन गैस तैयार करने वाला प्लांट स्थापित करने जा रहा है. दिल्ली की कंपनी बायो-मेथेनाइजेशन प्लांट इनवायरमेंटल इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड सर्विस लिमिटेड (EESL) के माध्यम से स्थापित किए जा रहे प्लांट की स्थापना का कार्य दो चरणों में पूरा किया जाना है.
पहले चरण में 200 टन क्षमता का प्लांट अप्रैल 2021 में सीएनजी गैस का उत्पादन शुरू कर देगा. दूसरे चरण में सम्पूर्ण क्षमता के साथ 500 टन क्षमता का प्लांट दिसम्बर 2021 तक लगभग 17 हजार 500 किलोग्राम सीएनजी गैस का उत्पादन शुरू कर देगा. इस प्लांट की स्थापना पर जहां एक ओर नगर निगम को कोई वित्तीय भार वहन नहीं करना है, वहीं दूसरी ओर इस प्लांट को स्थापित करने वाली कंपनी द्वारा नगर निगम इंदौर को 2 करोड़ 52 लाख 50 हजार रुपए प्रतिवर्ष प्रीमियम के रूप में 20 वर्षों तक अदा किया जाएगा.