इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में लगातार मरीजों के आंकड़ा बढ़ता देख केंद्र सरकार ने विशेष दल इंदौर भेजा है. जहां बीती शाम पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने केंद्रीय दल के साथ बैठक कर जिले का हाल जाना. स्वास्थ्य मंत्रालय का केंद्रीय दल कोरोना पीड़ितों की बढ़ती संख्या और देरी से मिल रही जांच रिपोर्टों के चलते संक्रमण के ट्रेंड का आंकलन नहीं कर सका है. लिहाजा दल भविष्य की स्थितियां स्पष्ट नहीं कर पा रहा है.
कोरोना से निपटने के लिए तमाम संसाधनों का निरीक्षण और व्यवस्थाओं का आंकलन करने के बाद दल के सदस्यों ने स्पष्ट किया है कि कोरोना वायरस रिपोर्ट में हो रही देरी के कारण इस बीमारी को लेकर भविष्य आधारित स्थितियां अभी से तय करना मुश्किल है क्योंकि इंदौर में इसका ट्रेंड स्पष्ट नहीं है, इसके लिए जांच प्रक्रिया में तेजी लानी होगी.
देरी से मिल रही जांच रिपोर्ट
कोरोना पीड़ितों की बढ़ती संख्या के बावजूद लगातार देरी से मिल रही जांच रिपोर्टों के चलते इंदौर में कोरोना संक्रमण के ट्रेंड का आंकलन स्वास्थ्य मंत्रालय का केंद्रीय दल भी नहीं कर सका है. केन्द्रीय दल के जनप्रतिनिधियों, सामाजिक धार्मिक संगठनों के साथ बैठक में केन्द्रीय दल के प्रभारी अभिलक्ष्य लिखी ने जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के सामने स्थिति स्पष्ट की है. इंदौर दौरे के तीसरे दिन उन्होंने चर्चा में राशन की दुकान, सब्जी की दुकान खोलने, दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता, कोरोना वायरस के सैम्पल के तुरंत जांच के लिये विशेष प्रयास करने, लॉकडाउन तथा लॉकडाउन खुलने के बाद की स्थिति पर प्लान बनाकर उसका क्रियान्वयन करने जैसे कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए.
हर परिस्थिति के लिए बनाने चाहिए प्लान
आने वाले समय में अगर लॉकडाउन खुलता है तो उस स्थिति के मद्देनजर, अगर लॉकडाउन नहीं खुला तो उसके बाद की स्थिति पर अलग-अलग प्लान बनाना चाहिए. इन दोनों प्लान के आधार पर अभी से व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है. इस दौरान संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने स्पष्ट किया कि इंदौर में कोरोना के सैम्पलों की जांच की क्षमता बढ़ाने के प्रयास लगातार किये जा रहे हैं. एक या दो दिन में अरविन्दो अस्पताल की लैब को कोरोना की जांच की अनुमति मिल जायेगी.
बढ़नी चाहिए जांच की क्षमता
इसके अलावा और भी नई लैबों को अनुमति दिलाने के प्रयास हो रहा है. उम्मीद है कि जल्द अनुमति मिल जाएगी. एमजीएम मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन 40 जांच की क्षमता को बढ़ाकर अब 350 कर दिया गया है. जरूरत पड़ने पर जल्द ही एक हजार सैम्पल और जांच के लिए प्रदेश के बाहर भेजे जाएंगे. वहीं जीतू पटवारी ने कहा कि अगर लॉकडाउन बढ़ता है तो गरीब, मजदूरों के लिए व्यवस्था होनी चाहिए. साथ ही टेस्ट में बढ़ोत्तरी होनी चाहिए जिससे मामले सामने आ सके.