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जानिए, कैसे पकड़ा गया इंदौर में रेमडेसिविर कालाबाजारी करने वाला गिरोह?

पुलिस ने आरोपियों के पास से 14 रेमडेसिविर इंजेक्शन और पांच बॉक्स फेवी फ्लू के जब्त किए हैं. यह आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से जरूरतमंदों के साथ संपर्क करते थे और उन्हें महंगे दामों पर इंजेक्शन उपलब्ध करवाते थे. इस मामले में पुलिस ने रीवा के ही रहने वाले मुख्य सरगना सुनील मिश्रा को गिरफ्तार किया है.

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रेमडेसिविर कालाबाजारी
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Published : May 7, 2021, 7:56 PM IST

इंदौर। पुलिस लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में इंदौर के विजय नगर पुलिस ने भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई करते हुए 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी गुजरात के एक व्यक्ति से रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर इंदौर शहर में बेचते थे.

रेमडेसिविर कालाबाजारी
  • 14 रेमडेसिविर जब्त

पुलिस ने इन आरोपियों के पास से 14 रेमडेसिविर इंजेक्शन और पांच बॉक्स फेवी फ्लू के जब्त किए हैं. यह आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से जरूरतमंदों के साथ संपर्क करते थे और उन्हें महंगे दामों पर इंजेक्शन उपलब्ध करवाते थे. इस मामले में पुलिस ने रीवा के ही रहने वाले मुख्य सरगना सुनील मिश्रा को गिरफ्तार किया है. सुनील मिश्रा के द्वारा ही गुजरात के मोरबी से फर्जी रेमडेसिविर को लाया जाता था और फिर इन लोगों के माध्यम से इसकी कालाबाजारी की जाती थी.

अब तक कितने आरोपी गिरफ्तार?

पुलिस ने पिछले दिनों भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था और उसके बाद विजय नगर पुलिस ने पकड़े गए इन आरोपियों से सख्त पूछताछ की और उसके बाद इतने बड़े गिरोह की जानकारी लगी है. गिरफ्तार आरोपियों ने यह भी जानकारी दी कि वह रीवा के रहने वाले सुनील मिश्रा के संपर्क में है. सुनील मिश्रा ही गुजरात के मोरबी में मौजूद एक फर्जी कंपनी से रेमडेसिविर इंजेक्शन फर्जी तरीके से लाता था और फिर उन्हें लाकर दे देता था.

बदहाल टीकमगढ़ का जिला अस्पताल, पूर्व सीएम उमा भारती के दावे भी फेल

  • 30-40 हजार इंजेक्शन दाम

पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से ग्राहकों को ढूंढते थे. इस दौरान कोई भी व्यक्ति उनके संपर्क में आता था तो उसे करीब 30-40 हजार रुपए में इंजेक्शन बेची जाती थे. आरोपियों ने बताया कि अभी तक उन्होंने करीब 30 से अधिक इंजेक्शन इस तरह से बेच दिए हैं.

  • पुलिस ने बताया कैसे पकड़े गए आरोपी

रेमडेसिविर कालाबाजारी के इस मामले पर एसपी आशुतोष बागरी का कहना है कि जिस तरह से इस पूरे रैकेट में गुजरात के माध्यम से फर्जी इंजेक्शन को यहां लाकर बेचा जा रहा था और मामले में गुजरात पुलिस ने सर्वप्रथम रीवा के रहने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा कि इंदौर पुलिस लगातार गुजरात पुलिस के संपर्क में है और जिस तरह से गुजरात पुलिस ने आरोपी को पकड़ा है, उसको इंदौर लाकर भी पूछताछ की जाएगी. उसके बाद निश्चित तौर पर इस पूरे मामले में कुछ और आरोपियों की भी गिरफ्तारी की जा सकती है.

पुलिस का कहना है कि अभी तक जितने भी आरोपियों को पुलिस इंजेक्शन की कालाबाजारी में गिरफ्तार कर रही है उन सभी पर रासुका की कार्रवाई कर रही है. विजयनगर पुलिस ने अभी तक इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले कुल 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

इंदौर। पुलिस लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में इंदौर के विजय नगर पुलिस ने भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई करते हुए 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी गुजरात के एक व्यक्ति से रेमडेसिविर इंजेक्शन लेकर इंदौर शहर में बेचते थे.

रेमडेसिविर कालाबाजारी
  • 14 रेमडेसिविर जब्त

पुलिस ने इन आरोपियों के पास से 14 रेमडेसिविर इंजेक्शन और पांच बॉक्स फेवी फ्लू के जब्त किए हैं. यह आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से जरूरतमंदों के साथ संपर्क करते थे और उन्हें महंगे दामों पर इंजेक्शन उपलब्ध करवाते थे. इस मामले में पुलिस ने रीवा के ही रहने वाले मुख्य सरगना सुनील मिश्रा को गिरफ्तार किया है. सुनील मिश्रा के द्वारा ही गुजरात के मोरबी से फर्जी रेमडेसिविर को लाया जाता था और फिर इन लोगों के माध्यम से इसकी कालाबाजारी की जाती थी.

अब तक कितने आरोपी गिरफ्तार?

पुलिस ने पिछले दिनों भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था और उसके बाद विजय नगर पुलिस ने पकड़े गए इन आरोपियों से सख्त पूछताछ की और उसके बाद इतने बड़े गिरोह की जानकारी लगी है. गिरफ्तार आरोपियों ने यह भी जानकारी दी कि वह रीवा के रहने वाले सुनील मिश्रा के संपर्क में है. सुनील मिश्रा ही गुजरात के मोरबी में मौजूद एक फर्जी कंपनी से रेमडेसिविर इंजेक्शन फर्जी तरीके से लाता था और फिर उन्हें लाकर दे देता था.

बदहाल टीकमगढ़ का जिला अस्पताल, पूर्व सीएम उमा भारती के दावे भी फेल

  • 30-40 हजार इंजेक्शन दाम

पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से ग्राहकों को ढूंढते थे. इस दौरान कोई भी व्यक्ति उनके संपर्क में आता था तो उसे करीब 30-40 हजार रुपए में इंजेक्शन बेची जाती थे. आरोपियों ने बताया कि अभी तक उन्होंने करीब 30 से अधिक इंजेक्शन इस तरह से बेच दिए हैं.

  • पुलिस ने बताया कैसे पकड़े गए आरोपी

रेमडेसिविर कालाबाजारी के इस मामले पर एसपी आशुतोष बागरी का कहना है कि जिस तरह से इस पूरे रैकेट में गुजरात के माध्यम से फर्जी इंजेक्शन को यहां लाकर बेचा जा रहा था और मामले में गुजरात पुलिस ने सर्वप्रथम रीवा के रहने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा कि इंदौर पुलिस लगातार गुजरात पुलिस के संपर्क में है और जिस तरह से गुजरात पुलिस ने आरोपी को पकड़ा है, उसको इंदौर लाकर भी पूछताछ की जाएगी. उसके बाद निश्चित तौर पर इस पूरे मामले में कुछ और आरोपियों की भी गिरफ्तारी की जा सकती है.

पुलिस का कहना है कि अभी तक जितने भी आरोपियों को पुलिस इंजेक्शन की कालाबाजारी में गिरफ्तार कर रही है उन सभी पर रासुका की कार्रवाई कर रही है. विजयनगर पुलिस ने अभी तक इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले कुल 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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