इंदौर। भारत जोड़ो यात्रा में रोजाना नई ऊर्जा से लवरेज नए दिन के साथ राहुल गांधी आगे बढ़ते जा रहे हैं. इस दौरान उनके अनुभवों के बारे में बात करने पर राहुल गांधी ने कहा कि कुछ दिलचस्प बातें याद आती हैं. जिनमें यह भी शामिल है कि यात्रा के कारण मेरा धैर्य नाटकीय रूप से बढ़ गया है. पहले मैं दो घंटे में ही चिढ़ जाता था. लेकिन अब ऐसा नहीं है. राहुल गांधी ने कहा कि अब उनमें दूसरों की सुनने की क्षमता बेहतर हो गई है.
अब मैं ज्यादा सुनने लगा हूं : राहुल गांधी ने कहा, "जैसे अगर कोई मेरे पास आता है, तो मैं उसे ज्यादा सुनता हूं. मुझे लगता है कि ये सभी चीजें मेरे लिए काफी फायदेमंद हैं." उन्होंने कहा, एक डर था कि क्या वह ऐसी स्थिति में चल पाएंगे या नहीं. लेकिन, धीरे-धीरे मुझे उस डर का सामना करना पड़ा. लेकिन अब सब कुछ सामान्य है. ऐसे पल हमेशा अच्छे होते हैं कि कोई चीज आपको परेशान कर रही है और आप उसके अनुकूल हो गए.
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भावनात्मक वाकया बताया : दक्षिणी राज्यों में पदयात्रा के दौरान एक अनुभव को याद करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जब वह दर्द के कारण परेशान हो गए, क्योंकि लोग उन्हें धक्का दे रहे थे. एक छोटी लड़की आई और यात्रा में चलने लगी. वह शायद छह-सात साल की थी. जब वह चली गई तो मैंने उसके दिए पत्र को पढ़ा. उसमें कहा गया था कि 'यह मत सोचो कि तुम अकेले चल रहे हो, मैं तुम्हारे साथ चल रही हूं. मैं चलने में असमर्थ हूं, क्योंकि मेरे माता-पिता मुझे अनुमति नहीं दे रहे हैं. (पीटीआई)