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इंदौर के चिड़िया घर में लाई जाएगी बैटरी चलित कार, महिलाओं और बुजुर्गों को मिलेगी सुविधा

इंदौर में कई एकड़ में फैले कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय का लगातार विस्तार हो रहा है. जिसके चलते जू में जल्द ही बैटरी से चलने वाली कार की शुरूआत की गई है.

इंदौर जू
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Published : Jul 13, 2019, 8:20 PM IST

इंदौर। कमला नेहरू प्राणी उद्यान में घूमने आने वालों को अब थकान नहीं होगी. इंदौर जू में बैटरी चलित गाड़ी लाई जा रही है, जिसमें महिलाओं और बुजुर्गों को नई सौगात मिलेगी. जिससे वे जू में बिना थकान के घूम पाएंगे.

जू में चलेगी बैटर से चलने वाली कार


इंदौर में कई एकड़ में फैले कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय का लगातार विस्तार हो रहा है. जिसके चलते जू में जल्द ही बैटरी से चलने वाली कार की शुरूआत की गई है. दरअसल पिछले कुछ सालों में इंदौर के जू में जानवरों की संख्या में इजाफा होने के साथ ही इसका विस्तारीकरण भी हुआ है.


जिसके चलते जू प्रबंधन ने पहले भी खाली पड़े कई जगहों पर अपने पिंजरे और चौपाटी जैसी व्यवस्थाएं की है. अभी यहां आने वाले दर्शकों को जू में घूमने के लिए काफी पैदल चलना पड़ता है. जिसके लिए अब जू में आने वालों के लिए बैटरी चलित कारों का इंतजाम किया जा रहा है. जू में आने वाले दर्शक बैटरी कारों का किराया देकर इसका उपयोग कर सकेंगे. इस कार की खासियत होगी कि वह एक साथ करीब 10 दर्शकों को बैठा सकेगी.


साथ ही जू में जानवरों के 55 से ज्यादा पिंजरों की सैर भी कराएगी. वहीं ज़ू प्रभारी डॉ. उत्तम यादव का कहना है कि इसे लेकर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. आने वाले दो महीने में इन कारों का संचालन भी शुरू कर दिया जाएगा. वहीं अभी तक इन कारों के लिए दर्शकों से लिए जाने वाले शुल्क को निर्धारित नहीं किया गया है.

इंदौर। कमला नेहरू प्राणी उद्यान में घूमने आने वालों को अब थकान नहीं होगी. इंदौर जू में बैटरी चलित गाड़ी लाई जा रही है, जिसमें महिलाओं और बुजुर्गों को नई सौगात मिलेगी. जिससे वे जू में बिना थकान के घूम पाएंगे.

जू में चलेगी बैटर से चलने वाली कार


इंदौर में कई एकड़ में फैले कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय का लगातार विस्तार हो रहा है. जिसके चलते जू में जल्द ही बैटरी से चलने वाली कार की शुरूआत की गई है. दरअसल पिछले कुछ सालों में इंदौर के जू में जानवरों की संख्या में इजाफा होने के साथ ही इसका विस्तारीकरण भी हुआ है.


जिसके चलते जू प्रबंधन ने पहले भी खाली पड़े कई जगहों पर अपने पिंजरे और चौपाटी जैसी व्यवस्थाएं की है. अभी यहां आने वाले दर्शकों को जू में घूमने के लिए काफी पैदल चलना पड़ता है. जिसके लिए अब जू में आने वालों के लिए बैटरी चलित कारों का इंतजाम किया जा रहा है. जू में आने वाले दर्शक बैटरी कारों का किराया देकर इसका उपयोग कर सकेंगे. इस कार की खासियत होगी कि वह एक साथ करीब 10 दर्शकों को बैठा सकेगी.


साथ ही जू में जानवरों के 55 से ज्यादा पिंजरों की सैर भी कराएगी. वहीं ज़ू प्रभारी डॉ. उत्तम यादव का कहना है कि इसे लेकर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. आने वाले दो महीने में इन कारों का संचालन भी शुरू कर दिया जाएगा. वहीं अभी तक इन कारों के लिए दर्शकों से लिए जाने वाले शुल्क को निर्धारित नहीं किया गया है.

Intro:इंदौर में कई एकड़ में फैले कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में घूमने आने वालों को अब थकान नहीं होगी इंदौर जू में बैटरी चलित गाड़ी लाई जा रही है जिसमें महिलाओं और बुजुर्गों को नई सौगात मिलेगी


Body:इंदौर में फैले कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय का लगातार विस्तार होता जा रहा है जिसके चलते जू में जल्द ही बैटरी से चलने वाली कार को शुरू करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है दरअसल पिछले कुछ सालों में इंदौर के जू में जानवरों की संख्या में इजाफा होने के साथ ही इसका विस्तारीकरण भी हुआ है जिसके चलते जू प्रबंधन ने पूर्व में खाली पड़े कई स्थानों पर अपने पिंजरे और चौपाटी जैसी व्यवस्थाएं की हैं अभी यहां आने वाले दर्शकों को जू में घूमने के लिए काफी पैदल चलना पड़ता है जिसके चलते अब जू में आने वालों के लिए बैटरी चलित कारों का इंतजाम किया जा रहा है जू में आने वाले दर्शक बैटरी कारों का शुल्क चुका कर इसका उपयोग कर सकेंगे इस कार की खासियत होगी कि वह एक साथ करीब 10 दर्शकों को बैठा सकेगी साथ ही जू में जानवरों के 55 से अधिक पिंजरो की सैर भी कराएगी इन कारों को लेकर ज़ू प्रभारी का कहना है कि इसे लेकर टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है और आगामी दो माह में इन कारों का संचालन भी शुरू कर दिया जाएगा वहीं अभी तक इन कारों के लिए दर्शकों से लिए जाने वाले शुल्क को निर्धारित नहीं किया गया है बाईट - डॉ उत्तम यादव, ज़ू प्रभारी


Conclusion:इंदौर का चिड़ियाघर सामान्य श्रेणी के चिड़िया घरों में आता है जिसके अंतर्गत इसका क्षेत्रफल तय है हालांकि लगातार बढ़ रहे छेत्रफल के कारण दर्शकों को भी जू में काफी दूरी पैदल चलकर जानवरों को देखना पड़ता है
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