इंदौर। हाई कोर्ट ने पिछले दिनों जेल में बंद आरोपी को जेल से लेकर रजिस्ट्रार ऑफिस आने के निर्देश एसआईटी को दिए थे. इसके बाद एसआईटी जेल में बंद आरोपी को रजिस्ट्रार ऑफिस लेकर पहुंची. यहां पर पीड़ित शिकायतकर्ताओं के प्लाटों की रजिस्ट्री करवाई गई.
- हाई कोर्ट ने रजिस्ट्री के दिए आदेश
भू-माफियाओं के खिलाफ चल रही जंग में हाई कोर्ट का यह आदेश अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है. इस आदेश में अदालत ने 17 पीड़ितों की रजिस्ट्री जेल में बंद आरोपी से कराने के निर्देश दिए, और एसआईटी से कहा कि जेल में बंद आरोपी को रजिस्ट्रार ऑफिस ले जाकर पीड़ितों के पक्ष में रजिस्ट्री करवाई जाए. हाईकोर्ट में लड़ रहे अभिभाषक अमित दुबे ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश पर जेल में बंद फिनिक्स इन्फ्रा एस्टेट के एक डायरेक्टर कैलाश को रजिस्टर ऑफिस लाकर यह रजिस्ट्री करवाई.
- पीड़ितों की करवाई रजिस्ट्री
दरअसल पिछले दिनों हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश देते हुए फिनिक्स इन्फ्रा एस्टेट के घोटालेबाज और जेल में बंद डायरेक्टर जेल से रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर पीड़ितों के पक्ष में रजिस्ट्री करवाने के निर्देश एसआईटी को दिए थे. देपालपुर जेल में बंद डायरेक्टर कैलाश को एसआईटी जेल से निकालकर मोती तबेला रजिस्ट्रार ऑफिस लेकर आई और यहां पर पीड़ितों की रजिस्ट्री करवाई जाएगी.
योजना के नाम पर महिलाओं से धोखाधड़ी, पुलिस जांच में जुटी
- नागपुर के ग्रुप ने की थी धोखाधड़ी
नागपुर के इस ग्रुप ने बेटमा क्षेत्र में टाउनशिप विकसित की. जिसमें नेचुरल बेली, साईं बाग और विद्या विहार टाउनशिप प्रमुख है. विद्या विहार के पीड़ितों की हाई कोर्ट आदेश पर रजिस्ट्री होगी और इसके बाद फिर आरोपी को जेल ले जाया जाएगा. इसलिए कई दिनों से एसआईटी इस जमीन घोटाले की जांच कर रही है. पिछले दिनों हाई कोर्ट में एसआईटी के पूर्व प्रमुख कमांडेंट अमित तोलानी, एडिशनल एसपी शशिकांत भी मौजूद रहे.