इंदौर। बीते चार बार से इंदौर में भाजपा की परिषद रहने के कारण कांग्रेस के स्थानीय नेता काफी उपेक्षित रहे हैं. यही वजह है कि इस बार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनथ नेहर वार्ड में सर्वे को आधार बनाते हुए जीतने वाले दावेदारों को टिकट में प्राथमिकता दी है. यही वजह है कि महापौर के उम्मीदवार घोषित होने के बाद भी आखिरी समय तक कांग्रे, इंदौर जैसे महत्वपूर्ण शहर में अपने वार्ड स्तर पर प्रत्याशी घोषित नहीं कर पाई थी.
बीते चुनाव से कांग्रेस ने लिया सबक : बीते चुनाव में यही स्थिति रहने के कारण कांग्रेस को नुकसान झेलना पड़ा था. इस बार कांग्रेस ने पूरी तैयारी और एकजुट होकर मैदान में उतरने का फैसला किया.भाजपा की सूची जारी होने के बाद कांग्रेस ने भी अपनी सूची जारी कर दी. अब दोनों सूचियों के जारी होने के बाद दोनों ही पक्षों के नेता अपने नामांकन दाखिल करेंगे.
रोमांचक होगा हर वार्ड में चुनाव : इसके बाद वार्ड में चुनावी जीत के लिए घमासान मचेगा. जिला निर्वाचन कार्यालय के स्पष्ट निर्देश है कि कहीं भी आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हो पाए. इसके बावजूद इस बार दोनों ही दल जीतने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे. इससे लगभग हर वार्ड में रोचक पूर्ण चुनाव होने के आसार हैं.