इंदौर। इंदौर की सर्राफा पुलिस ने पास्को सहित विभिन्न धाराओं में एक आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था. उसे गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भी पहुंचाया था. आरोपी की ओर से कोर्ट के समक्ष विभिन्न तरह के तर्क अपने वकील के माध्यम से रखे गए.
पीड़ित छात्रा ने गलत कक्षा का जिक्र किया : नाबालिग युवती ने आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज करवाया था. उस समय नाबालिग छात्रा जिस स्कूल में पढ़ती थी, वह स्कूल आठवीं तक ही था. लेकिन छात्रा ने रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए खुद को नौवीं की छात्रा बताया था. इसके बाद पुलिस ने इस पूरे मामले में जांच की. जांच के बाद संबंधित जिस स्कूल में वह पढ़ती थी, उसके विभिन्न तरह के दस्तावेज भी पुलिस ने जब्त किए और जब्ती के दौरान भी संबंधित स्कूल में आठवीं तक होने की बात सामने आई. इन दस्तावेजों के साथ पुलिस ने कोर्ट के समक्ष चालान पेश किया.
सब इस्पेक्टर की कार्यप्रणाली पर सवाल : चालान का जब आरोपी पक्ष के वकील द्वारा निरीक्षण किया गया तो इस मामले में कक्षा में पढ़ने की बात को लेकर विभिन्न तरह के दस्तावेज सामने आए. इसी के आधार पर कोर्ट ने आरोपी को बरी कर दिया. वहीं इस पूरे मामले में सर्राफा पुलिस के सब इंस्पेक्टर की कार्यप्रणाली पर कई तरह के सवाल खड़े हुए. सब इंस्पेक्टर ने कोर्ट के समक्ष खड़े होकर इस बात की भी जानकारी दी कि जो सबूत उसने जब्त किए वह झूठे हैं और इसी बात का फायदा आरोपी को मिल गया.
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पीड़ित को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा : इस मामले में आरोपी को प्रकरण के बाद विभिन्न तरह की आर्थिक रूप से समस्याओं का भी सामना करना पड़ा. वह इंदौर से पलायन कर भोपाल रहने लगा तो वहीं उसकी सामाजिक छवि भी खराब हुई. अब इसको लेकर वह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर एक आवेदन जल्द ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को देगा. कृष्णकुमार कुंहरे वरिष्ठ अधिवक्ता का कहना है कि जिस तरह से कोर्ट ने इस पूरे मामले में काफी बारीकी से साक्ष्यों का परीक्षण किया, उसके बाद आने वाले दिनों में जिस तरह से पुलिस पास्को के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है, उनके भी साक्ष्यों का निरीक्षण कर सकता है. (Accused of rape acquitted lack evidence) (Victim complain police functioning)