इंदौर. शहर के एक निजी हॉस्पिटल में एक 8 माह का मासूम बच्चा गंभीर हालत में वेंटिलेटर पर है. ऐसी हालत में मासूम की देखरेख की जिम्मेदारी हॉस्पिटल में मौजूद डॉक्टरों, पड़ोसियों और नानी ने उठा रखी है. मासूम की मां अवैध रूप से शराब रखने के आरोप में जेल में जेल हो गई है, जबकि पिता फरार है. हालांकि बताया जा रहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने मासूम की मां को जमानत दे दी है. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि गंभीर हालत में सर्वाइव करने के लिए मासूम के लिए मां का दूध बेहद जरूरी है.
मां का दूध न मिलने से बिगड़ी हालत
हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर पड़े मासूम बचचे की हालत खुद बयां कर रही है कि वह कितनी गंभीर हालत में है. 8 माह का यह मासूम अभी कुछ भी नहीं बोल सकता, लेकिन उसके मन में एक सवाल जरूर होगा आखिर वह किसकी गलती की सजा काट रहा है. सिस्टम की, अपनो की या फिर इंसान होने की. सिस्टम और व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता हुआ यह मासूम फिलहाल जिंदगी की जंग लड़ रहा है. रणवीर ऐसी हालत में अपनी मां की ममता और उसके चेहरे की एक झलक पाने के लिए तरसता रहा. डॉक्टरों का कहना है कि रणवीर की ऐसी गंभीर हालत मां का दूध न मिलने के चलते हुई है.
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मां जेल में थी और पिता फरार
मासूम की मां अवैध शराब बेचने के मामले में जेल में बंद है. उसके पास फिलहाल अपनों के नाम पर हैं उसकी नानी जो अपने पोते के लिए जिला न्यायालय और प्रशासन से गुहार लगा रही है उसकी मां को एक बार उसके बेटे से मिलवा दो. 15 दिन से यह मासूम अपनी मां के दूध के लिए तरस रहा है.
पड़ोसी और डॉक्टरों ने की देखभाल
पड़ोस में रहने वाली महिलाएं और हॉस्पिटल के डॉक्टर 6-7 दिन से उसकी देखभाल कर रहे हैं. जबकि मां के बगैर मासूम का रो-रोकर बुरा हाल है. उसे सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी जिसके बाद उसे वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा. फिलहाल प्रशासन की लापरवाही शिकार हुआ एक मासूम जिंदगी की जंग लड़ रहा है.