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पर्यावरण संरक्षण का संदेश लेकर 5 हजार किलोमीटर की साइकिल यात्रा पर निकले युवा

पर्यावरण संरक्षण का संदेश लेकर कुछ युवा काश्मीर से कन्याकुमारी तक की साइकिल रैली पर निकले हैं, इस रैली के दौरान युवाओं की ये टोली शहीदों के परिवार के साथ मिलकर उनका दुख दर्द भी बांटने का प्रयास कर रही है.

कश्मीर से कन्याकुमारी तक निकाली साइकिल रैली
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Published : Nov 11, 2019, 8:10 PM IST

इंदौर। पर्यावरण संरक्षण का संदेश लेकर कुछ युवाओं की टोली कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल रैली निकाली है. इस रैली में अलग- अलग प्रदेशों के युवा शामिल हुए हैं. रैली के दौरान युवाओं की ये टोली शहीदों के परिवारों से भी मुलाकात कर रही है.

कश्मीर से कन्याकुमारी तक निकाली साइकिल रैली

इंदौर के देवास नाका तक साइकिल से घूमने निकले दो युवक नेपाल और भूटान तक पहुंच गए, जी हां इंदौर में रहने वाले पीयूष महाजन और सुरेश रोजाना की तरह अपने घर से साइकिलिंग करने के लिए निकले थे, लेकिन बातों ही बातों में उन्हें भारत भ्रमण करने की इच्छा जाग उठी और दोनों युवक साइकिल से ग्वालियर पहुंच गए और वहां से आगरा, आगरा से गोरखपुर होते हुए नेपाल नेपाल से भूटान पहुंच गए.


युवकों ने बताया कि इस दौरान दोनों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा, उन्होंने बताया कि जब वह भूटान पहुंचे तो उनकी साइकिल रखवा ली गई, जिसकी वजह से दोनों को भूटान में दो दिन तक बस में घूमना पड़ा, जहां यूपी में रहने वाले कुछ युवकों से इनकी जान पहचान हो गई, जो काश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक साइकिल रैली निकालने की प्लानिंग कर रहे थे. इंदौर के दोनों युवा भी इस रैली में शामिल हो गए.

साइकिल रैली में शामिल युवा शहीदों के परिवार वालों से मिलने उनके घर पहुंच रहे हैं. साथ ही उनका कहना है कि रैली के समापन पर वो शहीदों के परिजनों के साथ एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन करेंगे, जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया जाएगा, उनके सामने शहीदों के परिजनों की समस्याओं को रखा जाएगा.

इंदौर। पर्यावरण संरक्षण का संदेश लेकर कुछ युवाओं की टोली कश्मीर से कन्याकुमारी तक साइकिल रैली निकाली है. इस रैली में अलग- अलग प्रदेशों के युवा शामिल हुए हैं. रैली के दौरान युवाओं की ये टोली शहीदों के परिवारों से भी मुलाकात कर रही है.

कश्मीर से कन्याकुमारी तक निकाली साइकिल रैली

इंदौर के देवास नाका तक साइकिल से घूमने निकले दो युवक नेपाल और भूटान तक पहुंच गए, जी हां इंदौर में रहने वाले पीयूष महाजन और सुरेश रोजाना की तरह अपने घर से साइकिलिंग करने के लिए निकले थे, लेकिन बातों ही बातों में उन्हें भारत भ्रमण करने की इच्छा जाग उठी और दोनों युवक साइकिल से ग्वालियर पहुंच गए और वहां से आगरा, आगरा से गोरखपुर होते हुए नेपाल नेपाल से भूटान पहुंच गए.


युवकों ने बताया कि इस दौरान दोनों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा, उन्होंने बताया कि जब वह भूटान पहुंचे तो उनकी साइकिल रखवा ली गई, जिसकी वजह से दोनों को भूटान में दो दिन तक बस में घूमना पड़ा, जहां यूपी में रहने वाले कुछ युवकों से इनकी जान पहचान हो गई, जो काश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक साइकिल रैली निकालने की प्लानिंग कर रहे थे. इंदौर के दोनों युवा भी इस रैली में शामिल हो गए.

साइकिल रैली में शामिल युवा शहीदों के परिवार वालों से मिलने उनके घर पहुंच रहे हैं. साथ ही उनका कहना है कि रैली के समापन पर वो शहीदों के परिजनों के साथ एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन करेंगे, जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया जाएगा, उनके सामने शहीदों के परिजनों की समस्याओं को रखा जाएगा.

Intro:एंकर - कश्मीर से कन्याकुमारी के लिए देश के अलग-अलग प्रदेशों के युवाओं द्वारा शहीदों के हालातों को जानने के लिए और पर्यावरण की जागरूकता के लिए साइकिल रैली का आयोजन किया जा रहा है और यह रैली इंदौर पहुंची और यहां से अपने अगले पड़ाव के लिए निकली है तकरीबन 5000 किलोमीटर की यह पूरी साइकिल रैली है जिसमें उत्तर प्रदेश के कई युवक शामिल है वहीं इंदौर के भी दो युवक शामिल है।


Body:वीओ - इंदौर के देवास नाका तक साइकिल से घूमने निकले दो युवक नेपाल और भूटान तक पहुंच गए, जी हां इंदौर में रहने वाले पीयूष महाजन और सुरेश रोजाना की तरह अपने घर से साइकिलिंग करने के लिए निकले हैं लेकिन बातों ही बातों में उन्हें भारत भ्रमण करने की इच्छा जागृत हुई जिसके बाद दोनों युवक साइकिल से ही ग्वालियर होते हुए आगरा पहुंचे और आगरा से गोरखपुर होते हुए नेपाल और भूटान पहुंच गए इस इस यात्रा के दौरान दोनों युवकों को काफी समस्या भी झेलनी पड़ी जब वह बिहार में पहुंचे तो वहां उनकी पुलिस ने काफी अच्छी खातिरदारी करी और उन्हें अच्छे से रखा वहीं जब वह भूटान पहुंचे तो वहां पर उनसे साइकल रखवाली जिसके बाद वह बस से 2 दिनों तक भूटान में घूमे इसी दौरान उनकी यूपी में रहने वाले कुछ युवकों से जान पहचान हुई और उनके द्वारा एक अभियान निकाला जा रहा है इस अभियान में वह भी शामिल हो गए इस अभियान के माध्यम से दोनों युवक उत्तर प्रदेश के अन्य युवकों के द्वारा एक साइकिल रैली निकाली जा रही है जो जो भारत के कश्मीर से निकलकर कन्याकुमारी तक जाएगी तकरीबन 5000 किलोमीटर की इस साइकिल रैली में युवाओं के द्वारा शहीदों के घर भी जाए जाएंगे और उनके हालचाल भी जाने जाएंगे जब युवक अपनी यात्रा के दौरान शहीदों के घर पहुंचे तो काफी दयनीय स्थिति भी सामने आई कुछ शहीदों के घर माता और पिता अकेले रहते हैं जिसके कारण उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है वही जो पैसा शहीदों को सरकारों द्वारा दिया जाता है या पैसा उनके माता और पिता को ना मिलते हुए उनकी पत्नी व बच्चों को मिलता है जिसके कारण उनकी स्थिति काफी दयनीय हो गई है अतः वह घूम घूम कर ऐसे शहीदों की समस्याओं को जानेंगे फिर एक बड़ा कार्यक्रम कर प्रधानमंत्री मोदी को शहीदों के परिजनों की समस्या से अवगत करवाएंगे वही यात्रा के दौरान वह पर्यावरण को सहेजने का भी संदेश दे रहे हैं वह जिस भी शहर से होते हुए निकलते हैं वहां पर एक पेड़ पर्यावरण सहेजने के उद्देश्य लगाते हैं फ़िलहाल यह पूरी यात्रा तकरीबन 5000 किलोमीटर से अधिक की है।

बाईट - पीयूष , इंदौर के रहने वाला साइकल चालक
बाईट -नकुल यादव , गाजीपुर ,यूपी का साइक चालक


Conclusion:वीओ - बता दे इस तरह की यात्रा का उद्देश्य युवाओं में पर्यावरण को लेकर जागृति लाना वह शहीदों के सम्मान को लेकर युवाओं में जागृति लाना है वही इस पूरी यात्रा का संचालन उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में रहने वाले डॉ सानंद सिंह के द्वारा किया जा रहा है वहीं युवाओं को साइकिल रैली के माध्यम से पूरे देश में ग्रहण करवा रहे हैं।
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