इंदौर। मिनी मुंबई के नाम से मशहूर प्रदेश की आर्थिक राजधानी में साइबर अपराध का जाल तेजी से फैल रहा है और साइबर अपराधी नित नये तरीके भी आजमा रहे हैं. इस बार डिपॉजिट मशीन में गड़बड़ी कर आरोपी दो लाख से ज्यादा की रकम उड़ा दिये. आरोपियों ने बडे़ ही शातिराना तरीके से डिपॉजिट मशीन को भ्रम में डालकर इस वारदात को अंजाम दिया.
राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र में बदमाशों ने SBI के डिपॉजिट मशीन से 21 बार ट्रांजेक्शन कर 2 लाख 10 हजार रुपये निकाल लिए, ब्रांच मैनेजर की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरु कर दी है. पुलिस के मुताबिक बदमाशों ने डिपॉजिट मशीन को हैक कर इस वारदात को अंजाम दिया. इसका खुलासा तब हुआ, जब बैंक अधिकारी ने डिपॉजिट मशीन को खोला और लेजर मिलान किया, मिलान के दौरान जमा और निकासी में 2 लाख 10 हजार रुपये कम पाए गए. बैंक अधिकारियों ने पड़ताल की तो पता चला कि अलग-अलग ब्रांच में कुल तीन जगह इस तरह की वारदात हुई है. बैंक अधिकारियों की शिकायत पर राजेन्द्र नगर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
आरोपी ने ऐसे दिया ठगी को अंजाम
कैश डिपॉजिट मशीन में अक्सर लोग नकदी जमा करने का ही काम करते हैं, बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि इससे नकदी भी निकाल सकते हैं. इसी का फायदा उठाते हुए वारदात को अंजाम दिया गया. एक एटीएम कार्ड होल्डर शहर के राधा नगर थाना क्षेत्र में स्थित केसरबाग एटीएम बूथ में दाखिल हुआ और SBI की डिपॉजिट मशीन से एटीएम कार्ड से पैसे निकालने लगा. 10 हजार रुपये निकाला, जैसे ही पैसे बाहर आए, उसने पैसे निकाल लिए और ऑटोमैटिक बंद होने वाले स्विच पर उसने दबाव डाल दिया और उसमें अपना हाथ अटका दिया, जिसके चलते मशीन में एक खास एरर आ गया और एक मैसेज भी दिखने लगा कि आपकी राशि नहीं निकाली जा सकती, जबकि डिपाजिट में आई हुई राशि को आरोपी पहले ही ले चुका था.
बदमाशों ने ATM मशीन को बनाया निशाना, लूटे 2 लाख 40 हजार रुपए
आरोपी ने 21 बार निकाले पैसे
शातिर आरोपी को लगा कि वह मशीन में छेड़खानी कर इस तरह से नकदी निकाल सकता है तो उसने एक-एक कर कई बार ऐसा किया और 2 लाख 10 हजार रुपये निकाल लिए. इस दौरान बूथ के बाहर सुरक्षा गार्ड भी मौजूद रहा, लेकिन सुरक्षा सुविधा और गोपनीयता के लिहाज से पैसों की निकासी के दौरान वह कार्ड धारक से दूरी बनाए रखा, घटना के काफी वक्त तक बैंक को भी पता नहीं चल सका. बैंक अधिकारियों ने जब मशीन खोली और पैसों की गिनती की, तब हेरफेर समझ आया, शक होने पर ब्रांच में मौजूद अधिकारियों ने CCTV Footage खंगाले तो आरोपी छेड़खानी करते नजर आया, इसके बाद अधिकारियों को यह समझ आया कि ठग ने बैंक को ही चूना लगाया है.
घटना का खुलासा सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हुआ, जिसके बाद हरकत में आए अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों तक इसकी जानकारी दी. इसके बाद बैंक के सभी ब्रांच को एक अलर्ट जारी कर खास ख्याल रखने के निर्देश दिए गए. वहीं बैंक अधिकारियों की शिकायत पर राजेन्द्र नगर पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. शातिर ठगों ने इस तरह से ठगी की वारदात इंदौर के राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र के साथ ही सराफा थाना क्षेत्र और एक अन्य क्षेत्र में भी अंजाम दिया है.
आरोपी ने शातिर तरीके से डिपॉजिट मशीन को भ्रम में डाल दिया और 21 बार ट्रांजेक्शन कर 2 लाख 10 हजार रुपये निकाल लिए. CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस आरोपी की पड़ताल कर रही है.
अमृता सिंह सोलंकी, थाना प्रभारी, राजेंद्र नगर