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ऑनलाइन गेम में हराती थी नाबालिग, इसलिए 11 साल के लड़के ने कर दिया कत्ल

ऑनलाइन गेम का असर कितना खतरनाक हो सकता है, इसका ताजा उदाहरण इंदौर में देखने को मिला है, जहां 11 साल का मासूम गेम की दुनिया में इतना खो गया कि उसके अंदर हिंसक प्रवृत्ति बढ़ने लगी और परिजनों को इसका खयाल तक नहीं आया और उसने 10 साल की नाबालिग से हारने के बाद उसे मौत के घाट उतार दिया.

Baby killed after playing a game
फ्री फायर गेम से बढ़ी हिंसा
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Published : Sep 8, 2020, 7:58 AM IST

Updated : Sep 8, 2020, 8:31 AM IST

इंदौर। शहर के लसूड़िया थाना क्षेत्र में सोमवार दोपहर एक 10 साल की मासूम का खून से लथपथ शव मिला था. पुलिस ने जांच में घर के पास ही हत्या का सुराग ढूंढ़ना शुरू किया और पाया कि घटना के बाद से ही एक 11 साल का मासूम घर से बाहर नहीं निकल रहा है. मासूम ने अपने आप को बाथरूम में काफी देर से बंद कर रखा था. मौके पर मोहल्ले और परिवार के ही लोगों ने बमुश्किल उसे बाहर निकाला.

फ्री फायर गेम से बढ़ी हिंसा

इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मनोवैज्ञानिक तरीके से मासूम से पूछताछ की. मासूम ने पुलिस को बताया कि वह अक्सर मृतका के साथ ऑनलाइन फ्री फायर गेम खेलता था. वह अक्सर उसे हरा दिया करती थी, इतना ही नहीं कई बार उसे हराने में अपने भाई की भी मदद करती थी, इसी वजह से वह उससे बदला लेना चाहता था. मासूम ने बताया कि कुछ समय पहले उसके एक पालतू सफेद चूहे को मृतका ने मार दिया था.

गेम खेलने से बच्चे के माइंड में हिंसक प्रवृत्ति बढ़ती गई और उसे घर से करीब 100 मीटर दूरी पर ले गया, जहां आरोपी ने उस पर पत्थर मारना शुरु कर दिया. सिर में चोट लगने से खून ज्यादा बह गया, जिससे उसकी मौत हो गई. पुलिस ने नाबालिग को हिरासत में लेकर अन्य बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है.

पुलिस उसे बाल संप्रेक्षण गृह भेजेगी, डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र ने कहा कि इस मौके पर सभी अभिभावकों से अपील है कि लॉकडाउन के दौरान हो रही ऑनलाइन स्टडी के दौरान वो ख्याल रखें कि बच्चे पढ़ाई के साथ कहीं गेम तो नहीं खेल रहे हैं. यदि गेम खेल भी रहे हैं तो गेम कहीं हिंसक प्रवृत्ति के तो नहीं हैं. परिजनों को बच्चों की एक्टिविटी पर हर हाल में नजर रखनी होगी.

इंदौर। शहर के लसूड़िया थाना क्षेत्र में सोमवार दोपहर एक 10 साल की मासूम का खून से लथपथ शव मिला था. पुलिस ने जांच में घर के पास ही हत्या का सुराग ढूंढ़ना शुरू किया और पाया कि घटना के बाद से ही एक 11 साल का मासूम घर से बाहर नहीं निकल रहा है. मासूम ने अपने आप को बाथरूम में काफी देर से बंद कर रखा था. मौके पर मोहल्ले और परिवार के ही लोगों ने बमुश्किल उसे बाहर निकाला.

फ्री फायर गेम से बढ़ी हिंसा

इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मनोवैज्ञानिक तरीके से मासूम से पूछताछ की. मासूम ने पुलिस को बताया कि वह अक्सर मृतका के साथ ऑनलाइन फ्री फायर गेम खेलता था. वह अक्सर उसे हरा दिया करती थी, इतना ही नहीं कई बार उसे हराने में अपने भाई की भी मदद करती थी, इसी वजह से वह उससे बदला लेना चाहता था. मासूम ने बताया कि कुछ समय पहले उसके एक पालतू सफेद चूहे को मृतका ने मार दिया था.

गेम खेलने से बच्चे के माइंड में हिंसक प्रवृत्ति बढ़ती गई और उसे घर से करीब 100 मीटर दूरी पर ले गया, जहां आरोपी ने उस पर पत्थर मारना शुरु कर दिया. सिर में चोट लगने से खून ज्यादा बह गया, जिससे उसकी मौत हो गई. पुलिस ने नाबालिग को हिरासत में लेकर अन्य बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है.

पुलिस उसे बाल संप्रेक्षण गृह भेजेगी, डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र ने कहा कि इस मौके पर सभी अभिभावकों से अपील है कि लॉकडाउन के दौरान हो रही ऑनलाइन स्टडी के दौरान वो ख्याल रखें कि बच्चे पढ़ाई के साथ कहीं गेम तो नहीं खेल रहे हैं. यदि गेम खेल भी रहे हैं तो गेम कहीं हिंसक प्रवृत्ति के तो नहीं हैं. परिजनों को बच्चों की एक्टिविटी पर हर हाल में नजर रखनी होगी.

Last Updated : Sep 8, 2020, 8:31 AM IST
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