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वर्ल्ड वेटलैंड डे पर कार्यशाला, विशेषज्ञों ने पानी की कमी पर जताई चिंता

होशंगाबाद जिले के शासकीय गृह विज्ञान महाविद्यालय में वर्ल्ड वेटलैंड डे कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

World wetland day celebtrated
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Published : Feb 3, 2021, 10:52 AM IST

होशंगाबाद। पूरे विश्व में 2 फरवरी को वर्ल्ड वेटलैंड डे मनाया जाता है. इसी के तहत जिले के शासकीय गृह विज्ञान महाविद्यालय में भी वर्ल्ड वेटलैंड डे कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्राणीशास्त्र, बायोटेक्नोलॉजी विभाग एवं ईको क्लब द्वारा ऑफलाइन एवं ऑनलाइन हुए कार्यक्रम मे कई वक्ताओं ने नम भूमि की समस्या समाधान पर विचार रखे गए.

इस दौरान महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. कामिनी जैन ने बताया कि सम्पूर्ण विश्व साफ पानी की कमी की समस्या से जूझ रहा है. इसमें मनुष्य साफ पानी के लिए, तो पशु चारे के लिए और छोटे जीव आवास एवं भोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस वैश्विक समस्या का निराकरण करने में वेटलैंड या नम भूमि की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है.

साथ ही उन्होंने बताया कि वेटलैंड ऐसे क्षेत्र होते हैं, जहां वर्षा का जल एकत्रित होकर एक सम्पूर्ण इकोसिस्टम बनाता है. यहीं जल भूमि में रिस-रिस कर भू-जल स्तर को बढ़ाता है और हमारे कुएं और ट्यूबवेल में पहुंचता है. नम भूमि अच्छे प्रयोग से हम हमारे आसपास एक उन्नत इकोसिस्टम विकसित कर सकते हैं. ईको क्लब प्रभारी डॉ दीपक अहिरवार ने वैश्विक समस्या जल संकट से निपटने में एवं जैव विविधता को बनाए रखने में वेटलैंड क्षेत्रों की भूमिका को लेकर व्याख्यान दिया.

होशंगाबाद। पूरे विश्व में 2 फरवरी को वर्ल्ड वेटलैंड डे मनाया जाता है. इसी के तहत जिले के शासकीय गृह विज्ञान महाविद्यालय में भी वर्ल्ड वेटलैंड डे कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्राणीशास्त्र, बायोटेक्नोलॉजी विभाग एवं ईको क्लब द्वारा ऑफलाइन एवं ऑनलाइन हुए कार्यक्रम मे कई वक्ताओं ने नम भूमि की समस्या समाधान पर विचार रखे गए.

इस दौरान महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. कामिनी जैन ने बताया कि सम्पूर्ण विश्व साफ पानी की कमी की समस्या से जूझ रहा है. इसमें मनुष्य साफ पानी के लिए, तो पशु चारे के लिए और छोटे जीव आवास एवं भोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस वैश्विक समस्या का निराकरण करने में वेटलैंड या नम भूमि की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है.

साथ ही उन्होंने बताया कि वेटलैंड ऐसे क्षेत्र होते हैं, जहां वर्षा का जल एकत्रित होकर एक सम्पूर्ण इकोसिस्टम बनाता है. यहीं जल भूमि में रिस-रिस कर भू-जल स्तर को बढ़ाता है और हमारे कुएं और ट्यूबवेल में पहुंचता है. नम भूमि अच्छे प्रयोग से हम हमारे आसपास एक उन्नत इकोसिस्टम विकसित कर सकते हैं. ईको क्लब प्रभारी डॉ दीपक अहिरवार ने वैश्विक समस्या जल संकट से निपटने में एवं जैव विविधता को बनाए रखने में वेटलैंड क्षेत्रों की भूमिका को लेकर व्याख्यान दिया.

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