होशंगाबाद। कोविड का दूसरा वेरिएंट तेजी से राज्य में पैर पसार रहा है. संक्रमण के इस फैलाव को रोकने के लिए राज्य सरकार, स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर सार्थक प्रयास कर रही है. इसी बीच कोरोना को लेकर जनता की जागरूकता भी सामने आई है. जिले के आदिवासी विकास खंड केसला के ग्राम पीपलढाना के ग्रामीणों ने कोरोना को हराने का संकल्प लिया हैं. ग्रामीणों के द्वारा स्वप्रेरणा से गांव की सीमाओं को सील कर बाहर से आने वाले लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई है. ग्राम पंचायत रक्षा समिति द्वारा ग्राम की सीमाओं पर नाका स्थापित कर रोका-टोकी एवं पहरेदारी की जा रही है. गांव के लोगों ने कोरोना को मात देने के लिए स्वयं आत्मनिर्भरता का परिचय देते हुए अपने गांव में सर्व सहमति से जनता कर्फ्यू लगाया है.
कोरोना का मात्र एक केस आने पर उठाया जनता कर्फ्यू का कदम
पीपलढाना गांव के जागरूक जनता की कोरोना को लेकर सतर्कता वाकई में मिसाल पेश करने वाली है. गांव में मात्र एक कोरोना संक्रमित का मामला आने पर सभी के सहमति से जनता कर्फ्यू लगाया गया है. मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत केसला वंदना कैथल बताते हैं कि पीपलढाना में एक कोरोना प्रकरण आने के बाद गांववासियों द्वारा कोरोना से सुरक्षा हेतु स्वेच्छा से जनता कर्फ्यू के पालन का संकल्प लिया है. अधिकारी ने बताया कि गांववासियों की जागरूकता का ही परिणाम है कि गांव में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी अंकुश लगाया गया है.
गांव वालों का जनता कर्फ्यू का पालन करने का संकल्प
जिले के पीपलढ़ाना के ग्रामीणों ने संकल्प लिया है कि अत्यावश्यक परिस्थितियों को छोड़कर अपने ग्राम से बाहर नहीं जाएंगे तथा अपने गांव की स्वच्छता, व्यक्तिगत स्वच्छता जिसमें बार-बार हाथों को साबुन से धोने, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाने आदि कोरोना गाइडलाइन का पालन करेंगे. साथ ही ग्राम पंचायत के सचिव मनीष राजपूत द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु नियमित मुनादी की जा रही है.
सीईओ केसला ने बताया कि कोरोना मुक्त ग्राम अभियान के तहत संपूर्ण विकासखंड में डोर टू डोर कोरोना सर्वे एवं औषधि किट का वितरण किया जा रहा हैं.
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राज्य के कई गांव जनता कर्फ्यू का उठा चुके हैं कदम
कोरोना संक्रमण के चैन को तोड़ने के लिए राज्य के कई गांवों ने स्वेच्छा से जनता कर्फ्यू जैसा सार्थक कदम उठाया है. कोरोना को लेकर ग्रामीणों के इस जागरूकता और सतर्कता से राज्य के और भी गांवों के लोग जागरूक हो रहे हैं. ताजा उदाहरण बैतूल जिला का ग्राम पंचायत गाडरा-बिछुआ है, जहां ग्रामीणों से सभी लोगों की सहमति से कोरोना को रोकने के लिए जनता कर्फ्यू जैसा कदम उठाया है. एक और उदाहरण बैतूल के ही बाचा गांव का है. बाचा गांव में भी लोगों ने सर्व सम्मति से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जनता कर्फ्यू का सहारा लिया है. इन सबके अलावा राज्य के जिलों के कई गांव ऐसे है जहां कोरोना वालेंटियर अपने क्षेत्र के लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक कर रहे हैं. कोरोना महामारी के इस दौर में सभी लोगों का इस प्रकार से मिलकर कोरोना का मुकाबला करना,संकट की घड़ी में एकता का परिचय देना है.