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Illegal Mining: मुनाफे के लालच में मोड़ दिया नदियों का रुख, माफिया के आगे प्रशासन बेबस! - illegal sand mining

रेत कंपनियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब जिले में रेत से अवैध कमाई के लिए नदियों की धार मोड़ी जा रही है. जिले में रेत खदान देखने वाली आरकेटीसी कंपनी ने अधिक मुनाफा कमाने के लिए नर्मदा, तवा सहित कई सहायक नदियों की धार मोड़ कर अवैध रास्ता बना लिया है. फिलहाल, अवैध रास्ता बनाने के मामले की शिकायत के बाद एनजीटी सेंट्रल जोन बेंच के आदेश पर शासन ने 6 सदस्यीय जांच समिति का गठन भी किया है. अब समिति 6 सप्ताह में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी.

रेत का अवैध उत्खनन
illegal mining
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Published : Jun 14, 2021, 10:38 AM IST

Updated : Jun 14, 2021, 1:20 PM IST

होशंगाबाद। जिले में रेत से अवैध कमाई के लिए नदियों की धार मोड़ी जा रही है. इससे न सिर्फ नदियों का जीवन बल्कि परिस्थिति तंत्र भी प्रभावित होने लगा है. जिले में रेत खदान देखने वाली आरकेटीसी कंपनी ने अधिक मुनाफा कमाने के लिए नर्मदा, तवा सहित कई सहायक नदियों की धार मोड़कर अवैध रास्ता बना लिया है. यहां से कंपनी रेत का जमकर अवैध उत्खनन व परिवहन कर रही हैं. सिवनी मालवा की गंजाल नदी में अवैध रास्ता बनाने के मामले की शिकायत के बाद एनजीटी सेंट्रल जोन बेंच के आदेश पर शासन ने 6 सदस्यीय जांच समिति का गठन भी किया है. अब समिति 6 सप्ताह में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी.

रेत का अवैध उत्खनन

लाभ कमाने के लिए तोड़े नियम
कंपनी ने सिवनी मालवा की गंजाल नदी पर जनवरी 2021 के दौरान लोडेड ट्रक निकालने के लिए नदी के बीच में धार को मोड़कर रास्ता बनाया था. इसकी शिकायत प्रतीक सिंह ने एनजीटी सहित खनिज विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से की थी. शिकायत के बाद एनजीटी सेंट्रल जोन बेंच भोपाल में सुनवाई हुई और एक समिति बनाकर नदी का रास्ता रोकने वाली आरकेटीसी कंपनी की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. जांच समिति के सदस्य अपर कलेक्टर जीपी माली ने आदेश की पुष्टि करते हुए बताया कि एनजीटी के निर्देश पर शासन स्तर से जांच समिति गठित की गई है, जल्द ही जांच की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस मामले की सुनवाई 2 सितंबर को तय की गई है.

महंगा ठेका लिया, अब तोड़ रहे नियम
प्रदेश की सबसे महंगी रेत खदान 262 करोड़ रुपए होशंगाबाद की है. जिले में कुल 118 रेत खदानें हैं. वर्तमान में छत्तीसगढ़ की कंपनी आरके ट्रांसपोर्ट कंपनी ने 262 करोड़ रुपए में तीन वर्षों के लिए अनुबंध हुआ है. इससे पूर्व जिले में दक्षिण भारत की पावर मेक कंपनी द्वारा 217 करोड़ों रुपए की रेत खदान का टेंडर तीन वर्षों के लिए हुआ था, जिसके बाद कंपनी के द्वारा पैसा जमा न करने के चलते अनुबंध को बीच में ही समाप्त किया गया. महंगी रेत खदान का ठेका लेने वाले कंपनी के लोग अब नियम तोड़कर जमकर रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं.

खनिज विभाग के कई दावे
जिले में बढ़ रहे अवैध खनन के मामलों पर रोक के लिए खनिज विभाग कई दावा करता है. अवैध परिवहन, भंडारण को रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरों से निगरानी, जांच आदि की बात कही गई थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. आठ जांच चौकियां पर सीसीटीवी कैमरों से 24 घंटे निगरानी के लिए आदेश जारी किए गए थे, लेकिन ये सीसीटीवी कैमरे कहां लगे हुए हैं पता ही नहीं. आज तक सीसीटीवी के माध्यम से चोरी के मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नर्मदा नदी से मशीनरी द्वारा उत्खनन पर प्रतिबंध के सख्त आदेश देने के बाद भी अवैध रूप से खनन और परिवहन जारी है. वहीं, रेत खदानों से होकर गुजरने वाले डंपर और ओवरलोड डंपरों के कारण ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आए दिन ग्रामीणों एवं डंपर चालको के विवाद होते रहते हैं. ग्रामीणों द्वारा चक्का जाम किया जाता है.

दिखावे की करवाई
खनिज विभाग द्वारा अवैध माइनिंग के मामलों में जिले भर में जनवरी माह में करीब 199 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई. साथ ही 5 करोड़ 50 लाख से अधिक का जुर्माना लगाया गया. कुल 199 अपराधिक मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई. 1204 वाहनों को जब्त किया गया था, लेकिन इन मामलों से कहीं ज्यादा रेत का अवैध उत्खनन परिवहन हुआ है.


विवाद में कंपनी की कार्यप्रणाली
करीब दो माह पूर्व आरके ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारियों द्वारा स्वयं के एक कर्मचारी को मारने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वायरल वीडियो के बाद कई संगठन सामने आए, थाने से लेकर एसपी, कलेक्टर तक को पीड़ित ने आवेदन दिया. इसके बावजूद भी आज तक मामले में किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई. इसी तरह बनखेड़ी सिवनी होशंगाबाद आदि स्थानोंं पर कंपनी कर्मचारियों द्वारा मारपीट के कई मामले भी सामने आए हैं.

दूसरे जिले में भी उत्खनन
आरके ट्रांसपोर्ट कंपनी नरसिंहपुर जिले में भी अवैध उत्खनन कर रही है. ऐसा ही एक मामला होशंगाबाद बनखेड़ी से लगे सीमा क्षेत्र नरसिंहपुर से आया था. होशंगाबाद की कंपनी नरसिंहपुर जिले में अवैध खनन करते समय कर्मचारियों के साथ मारपीट का मामला है. जिसके बाद कंपनी के लोगों पर नरसिंहपुर में मामला दर्ज किया गया है.


वन विभाग की SDO को मिली सुरक्षा, रेत Mafia के खिलाफ की थी कार्रवाई

नदियों के पिचिन तोड़ी
जिले कि अधिकांश खदानों के आसपास रेत माफियाओं ने नदियों की पिचिन तोड़कर रास्ता बनाया है। इससे भविष्य में बाढ़ सहित अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ गया है.होशंगाबाद खनिज विभाग अवैध उत्खनन एवं परिवहन भंडाराण करने वालों के ऊपर कार्रवाई तो करता है, परंतु जितनी बड़ी रेत खदानें हैं, उसके अनुसार कार्रवाई सिर्फ खाना पूर्ति मात्र है. खनिज विभाग द्वारा अवैध रूप से परिवहन भंडारण एवं ओवरलोड के मामले में जानकारी चाहने पर विभाग के आला अधिकारी बोलने से बचते हैं, साथ ही कार्रवाई का आश्वासन देकर नाम मात्र के लिए कार्रवाई करते हैं. खनिज अधिकारी शशांक शुक्ला को कई बार फोन पर सम्पर्क करने की कोशिश की गई लेकिन, फोन रिसीव नहीं किया गया, जोकि चिंता का एक गंभीर विषय है.

होशंगाबाद। जिले में रेत से अवैध कमाई के लिए नदियों की धार मोड़ी जा रही है. इससे न सिर्फ नदियों का जीवन बल्कि परिस्थिति तंत्र भी प्रभावित होने लगा है. जिले में रेत खदान देखने वाली आरकेटीसी कंपनी ने अधिक मुनाफा कमाने के लिए नर्मदा, तवा सहित कई सहायक नदियों की धार मोड़कर अवैध रास्ता बना लिया है. यहां से कंपनी रेत का जमकर अवैध उत्खनन व परिवहन कर रही हैं. सिवनी मालवा की गंजाल नदी में अवैध रास्ता बनाने के मामले की शिकायत के बाद एनजीटी सेंट्रल जोन बेंच के आदेश पर शासन ने 6 सदस्यीय जांच समिति का गठन भी किया है. अब समिति 6 सप्ताह में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी.

रेत का अवैध उत्खनन

लाभ कमाने के लिए तोड़े नियम
कंपनी ने सिवनी मालवा की गंजाल नदी पर जनवरी 2021 के दौरान लोडेड ट्रक निकालने के लिए नदी के बीच में धार को मोड़कर रास्ता बनाया था. इसकी शिकायत प्रतीक सिंह ने एनजीटी सहित खनिज विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से की थी. शिकायत के बाद एनजीटी सेंट्रल जोन बेंच भोपाल में सुनवाई हुई और एक समिति बनाकर नदी का रास्ता रोकने वाली आरकेटीसी कंपनी की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. जांच समिति के सदस्य अपर कलेक्टर जीपी माली ने आदेश की पुष्टि करते हुए बताया कि एनजीटी के निर्देश पर शासन स्तर से जांच समिति गठित की गई है, जल्द ही जांच की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इस मामले की सुनवाई 2 सितंबर को तय की गई है.

महंगा ठेका लिया, अब तोड़ रहे नियम
प्रदेश की सबसे महंगी रेत खदान 262 करोड़ रुपए होशंगाबाद की है. जिले में कुल 118 रेत खदानें हैं. वर्तमान में छत्तीसगढ़ की कंपनी आरके ट्रांसपोर्ट कंपनी ने 262 करोड़ रुपए में तीन वर्षों के लिए अनुबंध हुआ है. इससे पूर्व जिले में दक्षिण भारत की पावर मेक कंपनी द्वारा 217 करोड़ों रुपए की रेत खदान का टेंडर तीन वर्षों के लिए हुआ था, जिसके बाद कंपनी के द्वारा पैसा जमा न करने के चलते अनुबंध को बीच में ही समाप्त किया गया. महंगी रेत खदान का ठेका लेने वाले कंपनी के लोग अब नियम तोड़कर जमकर रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं.

खनिज विभाग के कई दावे
जिले में बढ़ रहे अवैध खनन के मामलों पर रोक के लिए खनिज विभाग कई दावा करता है. अवैध परिवहन, भंडारण को रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरों से निगरानी, जांच आदि की बात कही गई थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. आठ जांच चौकियां पर सीसीटीवी कैमरों से 24 घंटे निगरानी के लिए आदेश जारी किए गए थे, लेकिन ये सीसीटीवी कैमरे कहां लगे हुए हैं पता ही नहीं. आज तक सीसीटीवी के माध्यम से चोरी के मामलों में कोई कार्रवाई नहीं हुई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नर्मदा नदी से मशीनरी द्वारा उत्खनन पर प्रतिबंध के सख्त आदेश देने के बाद भी अवैध रूप से खनन और परिवहन जारी है. वहीं, रेत खदानों से होकर गुजरने वाले डंपर और ओवरलोड डंपरों के कारण ग्रामीणों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आए दिन ग्रामीणों एवं डंपर चालको के विवाद होते रहते हैं. ग्रामीणों द्वारा चक्का जाम किया जाता है.

दिखावे की करवाई
खनिज विभाग द्वारा अवैध माइनिंग के मामलों में जिले भर में जनवरी माह में करीब 199 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई. साथ ही 5 करोड़ 50 लाख से अधिक का जुर्माना लगाया गया. कुल 199 अपराधिक मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई. 1204 वाहनों को जब्त किया गया था, लेकिन इन मामलों से कहीं ज्यादा रेत का अवैध उत्खनन परिवहन हुआ है.


विवाद में कंपनी की कार्यप्रणाली
करीब दो माह पूर्व आरके ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारियों द्वारा स्वयं के एक कर्मचारी को मारने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वायरल वीडियो के बाद कई संगठन सामने आए, थाने से लेकर एसपी, कलेक्टर तक को पीड़ित ने आवेदन दिया. इसके बावजूद भी आज तक मामले में किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई. इसी तरह बनखेड़ी सिवनी होशंगाबाद आदि स्थानोंं पर कंपनी कर्मचारियों द्वारा मारपीट के कई मामले भी सामने आए हैं.

दूसरे जिले में भी उत्खनन
आरके ट्रांसपोर्ट कंपनी नरसिंहपुर जिले में भी अवैध उत्खनन कर रही है. ऐसा ही एक मामला होशंगाबाद बनखेड़ी से लगे सीमा क्षेत्र नरसिंहपुर से आया था. होशंगाबाद की कंपनी नरसिंहपुर जिले में अवैध खनन करते समय कर्मचारियों के साथ मारपीट का मामला है. जिसके बाद कंपनी के लोगों पर नरसिंहपुर में मामला दर्ज किया गया है.


वन विभाग की SDO को मिली सुरक्षा, रेत Mafia के खिलाफ की थी कार्रवाई

नदियों के पिचिन तोड़ी
जिले कि अधिकांश खदानों के आसपास रेत माफियाओं ने नदियों की पिचिन तोड़कर रास्ता बनाया है। इससे भविष्य में बाढ़ सहित अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ गया है.होशंगाबाद खनिज विभाग अवैध उत्खनन एवं परिवहन भंडाराण करने वालों के ऊपर कार्रवाई तो करता है, परंतु जितनी बड़ी रेत खदानें हैं, उसके अनुसार कार्रवाई सिर्फ खाना पूर्ति मात्र है. खनिज विभाग द्वारा अवैध रूप से परिवहन भंडारण एवं ओवरलोड के मामले में जानकारी चाहने पर विभाग के आला अधिकारी बोलने से बचते हैं, साथ ही कार्रवाई का आश्वासन देकर नाम मात्र के लिए कार्रवाई करते हैं. खनिज अधिकारी शशांक शुक्ला को कई बार फोन पर सम्पर्क करने की कोशिश की गई लेकिन, फोन रिसीव नहीं किया गया, जोकि चिंता का एक गंभीर विषय है.

Last Updated : Jun 14, 2021, 1:20 PM IST
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