नर्मदापुरम। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने नर्मदापुरम पहुंचे, उन्होनें कहा कि नर्मदा है तो मध्य प्रदेश है. मंत्री प्रहलाद पटेल ने मीडिया से चर्चा की और योजनाओं की जानकारी भी दी. साथ ही प्रहलाद पटेल ने बताया कि भारत 2021 की रिपोर्ट में भू-जल दोहन में प्रथम रहा है. साथ ही उन्होनें कहा कि यह हमारी बहुत बड़ी भूल रही है कि, तालाबों एवं डैमों को दी सिल्ट नही किया गया.
महत्वपूर्ण है जल जीवन मिशन: केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने जल जीवन मिशन के बारे में बताते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री जी का मानना है कि नदियां नमामि गंगे सिर्फ गंगा नहीं हर नदी के कोस्टल एरिया में 5 किलोमीटर प्राकृतिक क्षेत्र को निर्मित करना है जो पहले से था. यह देश की सभी नदियों में होगा, गंगा के बाद अब पहले नर्मदा में होगा. पानी के स्रोत में अंडर ग्राउंड वाटर का दोहन होता है, अटल जी इसका पहले उदाहरण दिया करते थे. विश्व का तीसरा युद्ध पानी के लिए होगा, लेकिन भारत भाग्यशाली है कि अंडर ग्राउंड वाटर हमारे पास पर्याप्त मात्रा में है.
हर जिले में खोदे जाएंगे 75 तालाब: 2021 में एक रिपोर्ट आई उसमें भारत भू-जल को दोहन करने वाला सर्वप्रथम देश रहा, यह 33 साल की यात्रा का परिणाम है. भूजल को लेकर गंभीरता से विचार करना होगा, प्रदेश सरकार की पुष्कर तालाब योजना स्टॉप डेम बने हुए होते हैं, चेक डैम डैमेज हुआ. सिल्ट की बात आई, जिसमें हर जिले में 75 तालाब खोदे जाने हैं. यदि जगह नहीं है, तो जो पुराने डैम थे, उन्हें रिकवर करेंगे सुधारे जाएंगे, डी सिल्ट भी किया जाएगा. इन्हें फोकस किया जाएगा, तालाब-डैम 15 मई से 15 जून जो होंगे, जो नहीं होंगे वह 2023 में होंगे. पानी भरने के कारण उनका काम रोक दिया जाएगा.
डी सिल्टिंग न होना बड़ी भूल: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हाइड्रोलॉजिकल एवं जूलॉजिकल रिपोर्ट दोनों ही कंपलसरी होंगी. साइट सिलेक्शन सभी का अनुभव है, जिसमें एक बूंद पानी नहीं बचता. सरकार ने कहा है दोनों रिपोर्ट देखने के बाद ही सिलेक्शन कीजिए. वन विभाग को भी साफ कहा गया है कि एक हेक्टेयर तक अगर जंगल की जमीन है, तो वह परमिशन नहीं दे सकते? या तो परमिशन दें, या वह खुद करवाएं. अमृत सरोवर में मशीन का उपयोग दिया गया है, 15 मई से 15 जून तक जनभागीदारी की भी बात कही गई है. सामाजिक कार्यकर्ता व जनप्रतिनिधियों एक दिन शुरुआत करें, कैपेसिटी बिल्डिंग का नक्शा डीसेंट करने का काम करें. हम कैपेसिटी को रिस्टोर कैसे कर सकते हैं, मैं मानता हूं हमारे जितने भी बांध है, उसमें डी सिल्टिंग का काम नहीं हुआ यह हमारी बड़ी भूल रही है.