होशंगाबाद। खेतों में खड़ी फसल जलने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. शुक्रवार को इटारसी के पास ग्राम सोनतलाई में किसान ओमप्रकाश की करीब दो एकड़ गेहूं की फसल जलकर बर्बाद हो गई. दो घंटे की मश्क्कत के बाद आग पर काबू पाया गया.
पिछले एक हफ्ते में इटारसी, होशंगाबाद, सिवनी और उसके आसपास के क्षेत्र में आग लगने की लगभग 12 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं. और इनमे करीब 350 एकड़ की फसलें जलकर खाक हो चुकी हैं, इटारसी के ग्राम धोखेड़ा ,रैसलपुर, जुझारपुर ,पथरोटा ,कुबड़ाखेडी, पांजरा,भट्टी यार्ड, होशंगाबाद के डोंगरवाडा,माखननगर का फुरतला सिवनीमालवा के ग्राम रेहड़ा, मकोडिया, भंगिया आदि शामिल हैं .
नरवाई जलाई जा रही है
खेतों में फसलों के आग लगने के कारणों में प्रमुख कारण नरवाई का जलाया जाना है .क्योंकि जैसे-जैसे गेहूं की फसल की कटाई होती जा रही है, और किसानों में मूंग की फसल के लिए खेत तैयार करने की हड़बड़ी है, जिसके लिए किसान नरवाई जलाने में लगा है. तीन दिन पहले सिवनी में नरवाई के कारण खेतों में आग लगी थी . इस बात की जानकरी होते हुए भी की नरवाई जलाया जाना प्रतिबंधित है और कानूनी अपराध है, बावजूद इसके किसान नरवाई जला रहा है.
इस साल नरवाई नहीं जलाने को लेकर सरकार और संस्थाओं ने जागरूकता अभियान चला कर किसानों को नरवाई नहीं जलाने की समझाइश दी थी. बावजूद इसके किसान लगातार नरवाई जला रहा है. वहीं पिछले साल होशंगाबाद के पास पंजरा ग्राम में नरवाई के कारण खेतों में लगी आग से 10 लोगों की जान चली गई थी और पूरे जिले में साढ़े तीन सौ किसानों को अपनी फसल से हाथ धोना पड़ा था, इसके बाद भी यहां के इलाकों के किसान के समझ में बात नहीं आ रही है.
नियमों का नहीं हो रहा पालन
कोरोना संकट के चलते फसल कटाई में देरी हो गई है, किसान किसी भी तरह अपनी फसल को काट कर खलिहान तक पहुंचाना चाहता है. इस जल्दबाजी में कटाई के दौरान किसान और हार्वेस्टर संचालक सरकारी नियम कायदों का पालन नही कर रहा हैं.
लॉकडाउन के चलते इस साल कटाई के लिए हार्वेस्टर नहीं मिल पा रहे हैं, किसान महंगी कीमत पर कटाई कराने को मजबूर हैं वहीं हार्वेस्टर संचालक ज्यादा कमाई के चक्कर में लगातार लापरवाही से कटाई कर रहे हैं. जिसके कारण मशीनों से निकलने वाली चिंगारियां और आग को लेकर सावधानी नही बरती जा रही है, और यही चिंगारी खेत और आसपास के खेतों में आग लगने का कारण बन रही है .